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चंडीगढ़ में बढ़ी पानी की मांग, रोजाना हो रही 105 एमजीडी सप्लाई, पूरे देश में शहर के लोग ज्यादा खर्च करते हैं पानी

चंडीगढ़ में इस समय 105 एमजीडी पानी की मांग है। जबकि सर्दी में 70 से 75 एमजीडी की मांग होती है। कजौली वाटर व‌र्क्स के छह फेजों से शहर में 87 एमजीडी पानी आ रहा है। जबकि ट्यूवबेल से 20 से 22 एमजीडी पानी की सप्लाई होती है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 11:53 AM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 11:53 AM (IST)
चंडीगढ़ में बढ़ी पानी की मांग, रोजाना हो रही 105 एमजीडी सप्लाई, पूरे देश में शहर के लोग ज्यादा खर्च करते हैं पानी
लोगों का कहना है कि घरों की दूसरी मंजिल पर पानी सप्लाई नहीं पहुंच रही है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। गर्मी बढ़ने के साथ चंडीगढ़ में पानी की किल्लत होने लगी है। क्योंकि पानी की मांग ज्यादा बढ़ गई है। बता दें कि शहर में पानी की कमी नहीं है। पूरे देश के मुकाबले में चंडीगढ़ में प्रति व्यक्ति पानी की खपत सबसे ज्यादा है। देशभर में प्रति व्यक्ति औसतन 135 लीटर पानी प्रतिदिन इस्तेमाल करता है, वहीं चंडीगढ़ में प्रत्येक व्यक्ति 245 लीटर प्रतिदिन इस्तेमाल करता है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या सच में शहर में पानी की किल्लत है।

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चंडीगढ़ में इस समय 105 एमजीडी पानी की मांग है। जबकि सर्दी में 70 से 75 एमजीडी की मांग होती है। कजौली वाटर व‌र्क्स के छह फेजों से शहर में 87 एमजीडी पानी आ रहा है। जबकि ट्यूवबेल से 20 से 22 एमजीडी पानी की सप्लाई होती है। ऐसे में कुल 107 एमजीडी पानी की सप्लाई शहरवासियों को हो रही है।

नगर निगम ने पहले यह तय किया था कि कजौली वाटर व‌र्क्स से जब पांचवें और छठे फेज से पानी की सप्लाई शुरू होने के बाद ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई बंद कर दी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इन दोनों नए फेज से साल 2019 से 29 एमजीडी अतिरिक्त पानी सप्लाई हो रही है। जबकि ट्यूबवेल साल 2027 में बंद किए जाएंगे जब शहर में 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू होगी।

ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई लेने से भू-जल स्तर लगातार गिर रहा है। भू-जल विभाग के अनुसार पिछले 10 साल में शहर का भू-जल स्तर 12 मीटर कम हुआ है। इसके गिरने का मुख्य कारण जरूरत से ज्यादा पानी का दोहन है। साल 2001 में चंडीगढ़ के ट्यूबवलों से मात्र 14 एमजीडी पानी की आपूर्ति होती थी, लेकिन साल 2018 में यह आपूर्ति 27 एमजीडी पहुंच गई। इसके अलावा शहर में पार्कों की इरिगेशन, हार्टिकल्चर और प्राइवेट एग्रीकल्चर के लिए लोगों ने ट्यूबवेल लगाए हुए हैं। इससे शहर में भू-जल का काफी दोहन हो रहा है।

मौजूदा समय में पानी की सप्लाई में लगभग 58 एमजीडी कजौली वाटर व‌र्क्स के फेज-1, 2, 3 और 4 से हो रही है। शेष 27 एमजीडी वाटर नगर निगम अपने 200 ट्यूबवेलों से निकालता है। एक अप्रैल से पानी के रेट भी बढ़ गए हैं, जबकि नगर निगम दोपहर की सप्लाई बंद कर दी है। बीते साल गर्मी में दोपहर को पानी की सप्लाई मिलती थी। असल में घाटा कम करने के लिए नगर निगम दोपहर की सप्लाई बंद की है। फासवेक अध्यक्ष बलजिंदर सिंह का कहना है कि हर साल दावा किया जाता है कि पानी की किल्लत नहीं आएगी लेकिन इस समय घरों की ऊपरी मंजिलों में पानी नहीं पहुंच रहा है। पानी की लो प्रेशर से सप्लाई हो रही है।


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