पानी के लिए शहर में मचा हाहाकार, प्रशासक ने कमिश्नर समेत अफसरों को किया तलब
जून शुरू होने के साथ ही पूरे शहर में पानी के लिए हाहाकार मच गया है। हर गर्मी में नगर निगम के अधिकारियों की ओर से दावा किया जाता है कि इस बार किल्लत नहीं आने दी जाएगी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। जून शुरू होने के साथ ही पूरे शहर में पानी के लिए हाहाकार मच गया है। हर गर्मी में नगर निगम के अधिकारियों की ओर से दावा किया जाता है कि इस बार किल्लत नहीं आने दी जाएगी। गांवों और कॉलोनियों में पानी की किल्लत की गूंज गवर्नर हाउस तक भी पहुंच गई है, जिसके बाद सोमवार को नगर निगम कमिश्नर केके यादव और चीफ इंजीनियर मनोज बंसल को प्रशासक ने गवर्नर हाउस में तलब कर लिया। जहां पर पानी की किल्लत को लेकर डिटेल चर्चा हुई।
मौके पर प्रशासन की ओर से चुनाव से पहले नगर निगम में शामिल हुए 13 गांवों में पानी की किल्लत का मामला गर्माया। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि लाल डोरे के बाहर जो 27 ट्यूबवेल हैं, वहां से प्रशासन के अधिकारी पानी छोड़ेंगे। मालूम हो कि गांव दड़वा के लोगों ने रविवार को पानी की किल्लत होने पर मटके फोड़कर प्रदर्शन किया था। अब दड़वा में नगर निगम ने तीन टैंकर पानी के लगा दिए हैं। कमिश्नर ने बताया कि गांवों के एरिया में पानी की किल्लत पाइपों की लीकेज के कारण आ रही है। जिसकी रिपेयर का काम एक दिन पहले हो चुका है। प्राथमिकता के आधार पर लोगों को पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। प्रशासन ने सभी जगह पर ट्यूबवेल से होने वाली सप्लाई को दोगुना करने की हिदायत दी है।
बैठक के तुरंत बाद नगर निगम ने पानी का टैंकर मंगवाने के लिए हेल्पलाइन नंबर 0172-540200 और 155304 जारी कर दिया है। गवर्नर ने अधिकारियों को यह भी कहा है कि जो रिपेयर का काम है, उसे तुरंत पूरा किया जाए। बैठक के बाद अधिकारियों ने उन एरिया का भी दौरा किया, जहां पर पानी की किल्लत आ रही थी। कजौली वाटर वर्क्स के पांचवें और छठे फेज का मुद्दा उठा, आज डीआरएम और पंजाब के साथ बैठक कजौली वाटर वर्क्स के पांचवें और छठे फेज का काम पूरा न होने का मामला भी गवर्नर हाउस में उठा। जिसके बाद निर्णय लिया गया कि मंगलवार शाम 4 बजे रेलवे के डीआरएम, पंजाब सरकार के अतिरक्त मुख्य सचिव प्रशासक के साथ बैठक करेंगे। जिसमें नगर निगम कमिश्नर केके यादव भी भाग लेंगे।
मालूम हो कि इस समय इन दो नए फेज की लाइन पंजाब के एरिया में रेलवे लाइन के नीचे दब टूट गई है, जिसकी रिपेयर के काम में देरी होने से यह प्रोजेक्ट अधर में लटक गया है। जबकि इन दो नए फेज से शहर को 29 एमजीडी अतिरिक्त पानी मिलना है। इन एरियों में आ रही है दिक्कत सेक्टर-7, 15, 16, 18, 20, 21, 24, 25, 26, 27, 29, 30, 32, 37, 38, 39, 40, 42, 44, 45, 47, 49, 52 और 61 में लगातार पानी के लो प्रेशर की दिक्कत से लोगों को झेलना पड़ रहा है। इसक साथ ही सेक्टर-63 की हाउसिंग सोसायटी में भी पानी के लो प्रेशर की दिक्कत आ रही है। यहां तक कि जिन एरिया में बूस्टर भी लगे हुए हैं, वहां पर भी पानी के लो प्रेशर की दिक्कत आ रही है। इसके साथ ही पलसौरा, मनीमाजरा, धनास, बापूधाम, मलोया और गांव के एरिया में पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को ग्राउंड फ्लोर या खुद मेहनत करके पानी चढ़ाना पड़ रहा है या फिर मोटर लगाई है, जिससे बिजली का खर्चा बढ़ गया है।
खरीदकर पी रहे हैं पानी
सेक्टर-48 की इंडियन एक्सप्रेस सोसायटी के फ्लैट नंबर-237 की मोनिका का कहना है कि वे एक माह से पीने का पानी खरीद रहे हैं। हर तीसरे दिन 20 लीटर पानी की बोतल खरीद रहे हैं। जबकि अन्य नहाने और कपड़े धोने के लिए पानी मोटर से चढ़ाया जाता है। इस स्टोर किए हुए पानी को पी नहीं सकते।
सुबह और शाम तीन घंटे सुविधा मिल जाए तो काफी है : फासवेक
फासवेक अध्यक्ष बलजिंदर सिंह का कहना है कि ट्यूबवेल की कभी मोटर खराब हो जाए, तो कई-कई दिन ठीक नहीं होती है। हैरानी की बात यह कि स्मार्ट सिटी की बात की जा रही है, लेकिन ट्यूबवेलों में स्टैंड बाई मोटरें ही नहीं रखी हैं। स्मार्ट सिटी में 24 घंटे पानी देने का दावा किया जा रहा है, लेकिन लोगों को सुबह और शाम तीन तीन घंटे पानी मिल जाए, तो वह ही काफी है।
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