बनना है बड़ा अधिकारी, लेकिन बिना मां-बाप और ठिकाने के कैसे?
मुझे पढ़-लिखकर बड़ा इंसान बनना है लेकिन न तो मेरे पास मम्मी-पापा हैं और न ही रहने का ठिकाना।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़ : मुझे पढ़-लिखकर बड़ा इंसान बनना है, लेकिन न तो मेरे पास मम्मी-पापा हैं और न ही रहने का ठिकाना। कभी किसी के घर रुकता हूं तो कभी किसी के पास। कोई खाने में सूखी रोटी देता है तो कोई काम करवाकर बिस्कुट और फल देता है। इसी प्रकार की शिकायत आई स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी सालसा की तरफ से विकासनगर में लगाए गए लीगल कैंप में। यह शिकायत आठ साल के बच्चे ने महिला एवं बाल विकास हेल्पलाइन 181 को दी। जिसके बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए बच्चे को कस्टडी में लिया गया और उसे स्नेहालय भेजा गया। इसी प्रकार से एक अन्य बच्चे का केस आया जो कि सिगल पेरेंट्स के पास रह रहा था। बच्चे की मां की शिकायत थी कि बच्चे का पालन पोषण करने में असमर्थ हूं। जिस पर चाइल्ड हेल्पलाइन ने जल्द ही कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। उल्लेखनीय है कि सालसा की तरफ से हर तीन महीने के अंतराल पर लीगल कैंप लगाए जाते हैं। जहां पर हर विभाग के प्रतिनिधि पहुंचते हैं और लोगों की समस्याओं को समाधान करते हैं। शनिवार को कैंप में विभिन्न प्रकार के 3870 केस रजिस्टर हुए। कैंप पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिज राजीव शर्मा के नेतृत्व में लगाया गया था। जिसमें सालसा के मेंबर सेक्रेटरी महावीर सिंह, डिस्ट्रिक लीगल सर्विस अथॉरिटी के अमरेंद्र शर्मा सहित विभिन्न अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। कैंप में पहली बार सिगल गर्ल चाइल्ड को 25 हजार रूपये की एफडी भी दी गई। उल्लेखनीय है कि जिसके पास जॉब कार्ड है उनकी सिगल बेटी को एफडी दी जाती है। इसके अलावा कैंप में 15 दिव्यांग बच्चों को ट्राई साइकिल और एक बच्चे को हयरिग एड भी दी गई। मेंबर सेक्रेटरी महावीर सिंह ने कहा कि जो भी मामले कैंप में आए हैं उन्हें सुलझाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हर किसी को उचित सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।