नशे का नासूर: मौतों पर सियासत के बीच उठने लगी आवाज, कलाकारों ने बढ़ाए हाथ
पंजाब में नशे से मौतों पर राजनीति जारी है। इस नासूर के खिलाफ अावाज भी उठ रही है। पंजाबी फिल्मों के तीन दिग्गज कलाकारों ने सीएम से मिलकर नशा विरोधी अभियान से जुड़ने की पेशकश की।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में नशे के कहर और इसके खिलाफ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कदमों उठाने के बाद कला एवं संस्कृति क्षेत्र के दिग्गज भी सामने अाए हैं। पंजाबी सिनेमा के तीन दिग्गज कलाकारों ने ड्रग के खिलाफ जागरुकता पैदा करने के लिए अपनी सेवाएं देने की पेशकश की है। जानेमाने पंजाबी फिल्म कलाकार जसविंदर भल्ला, करमजीत अनमोल और बाल मुकंद शर्मा ने सीएम अमरिंदर सिंह से मुलाकात कर अपनी सेवाएं देने की पेशकश की।
पंजाबी फिल्मों के दिग्गज कलाकार जसविंदर भल्ला, करमजीत अनमोल और बालमुकंद शर्मा शुक्रवार को दोपहर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिले। उन्होंने मुख्यमंत्री से नशा और ड्रग्स के खिलाफ अभियान व लोगों को जागरूक करने में सक्रिय सहयोग की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि पंजाब के लिए नशा नासूर बन गया है और युवाओं की मौतों ने सभी को झकझोर दिया है। ऐसे में सभी कलाकार इसके खिलाफ जंग में अपना योगदान देने को तैयार हैं।
कैप्टन अमरिंंदर सिंह के साथ फिल्म कलाकार जसविंदर भल्ला, करमजीत अनमोल और बालमुकंद शर्मा।
तीनों कलाकारों ने कहा कि इस समस्या के खिलाफ अलख जगाने में सभी को शामिल होना चाहिए। नशे का खात्मा करने में योगदान देना सभी का दायित्व है। अन्य कलाकार आैर विभिन्न क्षेत्रोंके दिग्गज इसके लिए आगे आने को तैयार हैं। ड्रग्स के खिलाफ सभी के एकजुट होकर हल्ला बोलने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनकी पेशकश का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कलाकाराें से यह जानकार कर बेहद खुशी मिली कि काफी संख्या में कलाकार और सेलेब्रिटी नशा के खिलाफ युद्ध में अपना योगदान देना चाहते हैं। वे सभी ड्रग्स और नशेे के खिलाफ सरकार के अभियान में शामिल होना चाहते हैं। सरकार उनकी भावना का सम्मान करती है और उनकी सेवा का उपयोग करेगी।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का ट्वीट।
बता दें कि पंजाब में नशे से मौतों से घमासान मचा हुआ है। राज्य में सारी सियासत ड्रग के मुद्दे पर सिमट गई है। राज्य में हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 35 दिनों में नशे के कारण 49 युवाओं की मौत हो गई है। नश्ो पर लगाम के लिए कैप्टन सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
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पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को राज्य सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए डोप टेस्ट अनिवार्य कर दिया था। इसके बाद कर्मचारी संगठन भी मुखर हो गए। अब कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद भी सेवा के दौरान हर स्तर पर कर्मचारियों का डोप टेस्ट होगा। प्रमोशन से भी डोप टेस्ट किया जाएगा।
इससे पहले कैप्टन कैबिनेट ने ड्रग तस्करों को फांसी की सजा देने के प्रावधान का प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजा था। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस संबंध में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र भी भेजा था। बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह दूसरा बड़ा कदम उठाया। कर्मचारी संगठनों ने इस कदम का स्वागत किया, लेकिन इसके साथ ही कहा मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों और विधायकाें का भी डोप टेस्ट होना चाहिए।
इसके बाद बुधवार को नेता भी सामने आए और डोप टेस्ट करवाने के लिए पहुंचे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कहा कि वह अपना टेस्ट करवाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अन्य चुने गए प्रतिनिधियों का निर्णय वह उनके विवेक पर छोड़ते हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने मोहाली में कहा कि वह टेस्ट करवाने के लिए तैयार हैं। उम्मीद है कि विपक्ष के नेता भी तैयार होंगे।
मोहाली के अस्पताल डोप टेस्ट कराने पहुंचे मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा व आप विधायक अमन अरोड़ा।
आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा और चब्बेवाल से कांग्रेस विधायक डॉ. राजकुमार ने वीरवार को अपना डोप टेस्ट करवाया। मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा भी अपना डोप टेस्ट कराने मोहली के सिविल अस्पताल पहुंचे, लेकिन पहले से दवा लेने के कारण डॉक्टरों ने इससे मना कर दिया। वह बाद में अपना यह टेस्ट करवाएंगे।
इधर जागरूकता की कोश्ािश, उधर चल रही सियासत
इन सबके बीच नशा आैर डोप टेस्ट पर जमकर राजनीति हाे रही है। अकाली दल ने तो इसे पंजाब और पंजाबियों को बदनाम करने की साजिश करार दिया है। शिअद की नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा जो नेता 70 प्रतिशत पंजाबियों को नशेड़ी बता रहे हैं उनको पहले अपना डोप टेस्ट करवाना चाहिए। स्वामी ने तो सीधे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साध दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कोकीन लेते हैं और डोप टेस्ट हो तो वह उसमें फेल हाे जाएंगे।
पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल।
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केंद्रीय मंत्री हरसिमरतने कहा कि नशे के मुद्दे पर राजनीति कर जिस तरह पंजाब को बदनाम किया जा रहा है, यह ठीक नहीं है। उन्हाेंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर इशारा करते हुए कहा कि 70 फीसद पंजाबियों को नशेड़ी बताने वाले खुद नशेड़ी हैं और उनका डोप टेस्ट होना चाहिए। भाजपा सांसद सुब्रह्मणम स्वामी कहा, ' राहुल गांधी खुद कोकीन लेते हैं और उनका डोप टेस्ट हो तो वह इसमें फेल हो जाएंगे।'
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रोजगार न मिलने पर नशा कर रहे युवक: बादल
बठिंडा में पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि नशा करने का मुख्य कारण फ्रस्ट्रेशन। रोजगार न मिलने के कारण युवक ऐसा कर रहे हैं। इसको दूर करने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है। सरकारी मुलाजिमों के साथ-साथ मंत्रियों व विधायकों का भी डोप टेस्ट किया जाना चाहिए। कैप्टन शोशेबाजी कर रहे हैं। सरकार एक फीसद मुलाजिमों की बजाय 99 फीसद लोगों पर काम करे।
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बादल ने कहा कि सरकार एक्शन लेने का सिर्फ दिखावा कर रही है। आम लोगों तक पहुंचने की जरूरत है। सेमिनार लगाए जाने चाहिए। नशे के खिलाफ सभी पार्टियों, पंचों सरपंचों को आगे आना चाहिए। कुछ ऐसे नशे आ चुके हैं जिनका नशा करना मौत के वारंट पर दस्तखत करने जैसा है।