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पंजाब में कांग्रेस के एक और पूर्व मंत्री पर कसा विजिलेंस ब्यूरो का शिकंजा, पार्टी की बढ़ी बेचैनी

पंजाब में कांग्रेस के एक और पूर्व मंत्री पर विजिलेंस ब्यूरो ने शिकंजा कस दिया है। भारत भूषण आशु को कांग्रेस हिंदू नेता के रूप में स्थापित करने में जुटी थी। आशु पर यदि कार्रवाई होती है तो पंजाब में कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका होगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 19 Aug 2022 06:53 PM (IST)Updated: Sat, 20 Aug 2022 09:19 AM (IST)
पंजाब में कांग्रेस के एक और पूर्व मंत्री पर कसा विजिलेंस ब्यूरो का शिकंजा, पार्टी की बढ़ी बेचैनी
पंजाब के पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु की फाइल फोटो।

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। कांग्रेस नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु पर विजिलेंस ब्यूरो का शिकंजा कस गया है। 2020-21 में अनाज की ढुलाई व ट्रांसपोर्टेशन के नियम बदलकर अपने चहेते लोगों को लाभ पहुंचाने का आशु पर आरोप है। सरकार मान रही है कि यह घोटाला 2000 करोड़ रुपये का है।

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आशु पर शिकंजा कसने के साथ पंजाब कांग्रेस पर भ्रष्टाचारी होने का कलंक गहरा होता जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस के दो पूर्व मंत्री साधू सिंह धर्मसोत और संगत सिंह गिलजियां पहले ही विजिलेंस के गिरफ्त में हैं। धर्मसोत इन दिनों जेल में है। हालांकि कांग्रेस पार्टी इस तरह की कार्यवाही को लेकर मानसिक रूप से तैयार है, लेकिन आशु पर शिकंजा कसने से कांग्रेस की बेचैनी बढ़ गई है, क्योंकि आशु कांग्रेस के हिंदू चेहरा है और पार्टी इन दिनों हिंदुओं में आधार डामाडोल है।

पंजाब के आर्थिक मैनचेस्टर लुधियाना से आने वाले भारत भूषण आशु का अपने जिले में खासा होल्ड रहा है। आशु न सिर्फ कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में फूड एंड सप्लाई मंत्री थे, बल्कि चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार में भी उन्हें इसी विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने के बाद से ही कांग्रेस के पूर्व मंत्री सरकार के निशाने पर है।

हालांकि तीन ऐसे भी मामले सामने आ चुके हैं जहां पर काफी शोरशराबे के बावजूद सरकार कुछ भी साबित नहीं कर पाई। आप सरकार ने अपने ही मंत्री डा. विजय सिंगला को भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्त किया था, लेकिन कोर्ट में अभी तक पुलिस डा. सिंगला के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई।

इसी प्रकार सरकार ने पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और पूर्व ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। बकायदा सरकार ने जांच की बात भी कही, लेकिन बाद में सरकार ने ही इन दोनों ही पूर्व मंत्रियों को क्लीन चिट दे दिया है। हालांकि आशु पर विजिलेंस के कसे शिकंजे से कांग्रेस की परेशानी बढ़ सकती है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ के कांग्रेस छोड़ने के बाद से ही पार्टी हिंदुओं में कमजोर पड़ गई है। ऐसे में कांग्रेस ने आशु को प्रदेश कार्यकारी प्रधान बनाकर हिंदू वर्ग का प्रतिनिधित्व दिया था। राहुल गांधी के करीबी आशु को कांग्रेस भविष्य में हिंदू नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रही थी। ऐसे में आशु पर 2000 करोड़ रुपये के घोटाले का कलंक कांग्रेस के उस मुहिम को भी झटका देने वाला है।


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