सेटिंग खत्म करने के लिए प्रमुख बाजारों के अवैध कब्जों का बनेगा वीडियो Chandigarh News
मालूम हो कि इस समय शहर में एक बार कार्रवाई होने के बाद ही चंद मिनटों में फिर से रेहड़ी-फड़ी वाले कब्जा कर लेते हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। शहर में जो अवैध कब्जे करने वालों और अतिक्रमण हटाओ दस्ते के कर्मचारियों के बीच गिरोह बना हुआ है, उसे तोड़ने के लिए नगर निगम के अधिकारियों ने एक नया प्लान बनाया है जिसके तहत कार्रवाई करने वाली टीम के साथ वीडियो बनाने वाली टीम भी तैनात रहेगी। अभी नगर निगम ने शहर की आठ प्रमुख मार्केट्स में यह वीडियो टीम तैनात करने का फैसला लिया है जोकि अवैध कब्जे करने वालों, कार्रवाई और उसके बाद फिर से अतिक्रमण करने वालों का वीडियो बनाएगी। इस वीडियो को प्रतिदिन नगर निगम के आला अधिकारी देंखेंगे। मालूम हो कि इस समय शहर में एक बार कार्रवाई होने के बाद ही चंद मिनटों में फिर से रेहड़ी-फड़ी वाले कब्जा कर लेते हैं।
एक कंपनी हायर करेगा निगम
नगर निगम ने सेक्टर-15, 17, 19, 22, मनीमाजरा, रामदरबार के फेज-1 और दो एरिया को चिह्नित किया है। जहां पर अतिक्रमण हटाने के लिए टीमों का गठन किया है। इस एरिया में ही सबसे ज्यादा अतिक्रमण होता है। नगर निगम के अनुसार हर एरिया में अतिक्रमण हटाओ दस्ते के सब इंस्पेक्टर के अलावा रोड विंग का एक जेई और एक सेनिटरी इंस्पेक्टर को भी लगाया गया है। ऐसी आठ टीमों के साथ वीडियो बनाने वाली टीम मौजूद रहेगी। इसके लिए नगर निगम कंपनी हायर करेगी।
हाई कोर्ट भी दे चुका है आदेश
पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने शहर से एक माह तक गैर रजिस्टर्ड वेंडर्स को हटाने के आदेश दिए हैं। मिलीभगत खत्म करने के लिए ही अतिक्रमण हटाओ दस्ते के कर्मचारियों के साथ जेई और सेनिटरी इंस्पेक्टरों को तैनात किया गया है। नगर निगम के अनुसार कई बार लोगों द्वारा यह भी आरोप लगाया जाता है कि उन पर कार्रवाई गलत हुई है, ऐसे में उन लोगों को भी बाद में शिकायत आने पर वीडियो दिखाया जाएगा। नगर निगम अब दुकानदारों के बरामदे भी खाली करवाने के लिए भी मुहिम चलाने जा रहा है। दुकानों के बरामदे में भी दुकानदारों ने सामान रखा हुआ है। नगर निगम की यह वीडियोग्राफी यहां पर भी मददगार साबित होगी।
शहर को बनाएंगे अतिक्रमणमुक्त
नगर निगम के विशेष कमिश्नर संजय झा का कहना है कि हर टीम के साथ वीडियो बनाने वाले मौजूद रहेंगे जोकि बाजार में हो रहे अतिक्रमण का सुबह से लेकर शाम तक वीडियो बनाएंगे। शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।