सेक्टर-17 को बनाया जाएगा नो वेंडिंग जोन, इस सेक्टर में शिफ्ट किए जाएंगे वेंडर
सेक्टर-17, 19 और 22 के वेंडरों को सेक्टर-15 के मंडी ग्राउंड के पास बनी वेंडिंग जोन साइट में शिफ्ट किया जाएगा। सेक्टर-17 को नो वेंडिंग जोन बनाने का फैसला लिया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। सेक्टर-17, 19 और 22 के वेंडरों को सेक्टर-15 के मंडी ग्राउंड के पास बनी वेंडिंग जोन साइट में शिफ्ट किया जाएगा। सेक्टर-17 को नगर निगम ने नो वेंडिंग जोन बनाने का फैसला लिया है। जबकि सेक्टर-19 और 22 में 150 वेंडरों के लिए साइट बनाई गई है। बाकी सभी को यहां से सेक्टर-15 में शिफ्ट किया जाएगा। जबकि यहां के रेजिडेंट्स पहले से यहां पर साइट बनाने का विरोध कर रहे हैं। सेक्टर-17 में इस समय 545 वेंडर बैठे हैं। जिन्हें 5 जनवरी से शिफ्ट करना शुरू कर दिया जाएगा। सेक्टर-19 में इस समय 970 और सेक्टर-22 में 348 वेंडर बैठे हुए हैं। जिन्हें 5 जनवरी से शिफ्ट किया जाएगा। सेक्टर-15 में जो वेंडिंग जोन साइट बनाई गई हैं, उसमें 1112 साइट हैं। सेक्टर-15 के अपने पहले से वेंडर 84 हैं, जिन्हें डीएवी स्कूल के पास बनी साइट में ही शिफ्ट किया जाएगा। सेक्टर-19 और 22 दोनों को मिलाकर 150 वेंडरों को ही ड्रॉ द्वारा बैठाया जाएगा। बाकी सभी को शिफ्ट किया जाएगा।
सेक्टर-56 में विरोध फिर भी निकाला ड्रॉ
सेक्टर-56 में वेंडिंग जोन बनाने को लेकर लोगों का प्रदर्शन जारी है। इसके बावजूद यहां की वेंडिंग जोन की साइटों का ड्रॉ निकाल दिया गया। सेक्टर-56 में 320 वेंडर बैठेंगे। शनिवार को कुल 462 वेंडरों के ड्रॉ निकाले जाएंगे। अभी सिर्फ उन बाजारों के वेंडरों का ड्रॉ निकाला गया है, जिन सेक्टरों में वेंडिंग जोन की साइटें बनाई गई हैं।
पहले दिन सिर्फ 25 ही वेंडर दी गई जगह पर बैठे
पहले दिन जिन वेंडरों के ड्रॉ निकाले गए थे, उनमें से 25 वेंडर ही अलॉट वेंडिंग साइट पर बैठे हैं। ड्रॉ के दौरान नगर निगम कमिश्नर केके यादव, अतिरिक्त कमिश्नर तिलक राज, सदस्य वीएन शर्मा, सोशल डेवलपमेंट अधिकारी विवेक त्रिवेदी, अतिक्रमण हटाओ दस्ते के इंस्पेक्टर सुनील दत्त ने भी भाग लिया।
आज यहां पर निकाला गया ड्रॉ
वेंडर को अतिक्रमण हटाओ दस्ते को रिश्वत देने की जरूरत नहीं : कमिश्नर यादव
कमिश्नर केके यादव ने ड्रॉ के दौरान वेंडरों को कहा कि वेंडर अलॉट साइट पर ही काम करें। वेंडर भी समाज का अंग हैं। ऐसे में वेंडर एक्ट उनकी सुरक्षा के लिए है। वे सिर्फ हर माह तय शुल्क को अदा करें। अब साइट पर बैठने वाले किसी भी वेंडर को अतिक्रमण हटाओ दस्ते के कर्मचारियों को रिश्वत देने की जरूरत नहीं है।