सेक्टर 1 से 6 तक नो वेंडिग जोन बनाए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती
नगर निगम और यूटी प्रशासन की ओर से सेक्टर 1 से 6 तक नो वेंडिग जोन बनाए जाने के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने नगर निगम और प्रशासन से जवाब मांगा है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : नगर निगम और यूटी प्रशासन की ओर से सेक्टर 1 से 6 तक नो वेंडिग जोन बनाए जाने के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने नगर निगम और प्रशासन से जवाब मांगा है। मामले में नोटिस जारी कर 26 मार्च तक जवाब तलब कर लिया गया है। जस्टिस जसवंत सिंह एवं जस्टिस संत प्रकाश की खंडपीठ ने यह नोटिस इस मामले को लेकर इन सेक्टरों के 6 वेंडरों द्वारा यहां बनाए गए नो वेंडिग जोन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया। याचिका में इन वेंडरों ने हाई कोर्ट को बताया है कि इन सेक्टर-1 से सेक्टर-6 में ही सुखना लेक और रोक गार्डन आते हैं। वह जीविका चलाने के लिए यहां पिछले दो दशक से अपना सामन बेच रहे हैं। अब नगर निगम और प्रशासन ने इन सेक्टरों को नो वेंडिग जोन घोषित कर दिया और उन्हें हटाने के आदेश जारी कर दिए। इन वेंडरों का कहना है कि उन्हें यहां से हटा कर सेक्टर-7 में बनाई गई वेंडिग जोन में शिफ्ट किया गया है। इन वेंडरों का कहना है कि नगर निगम ने ही उन्हें लाइसेंस जारी किया था और वो समय-समय पर इसकी फीस भी भरते आ रहे हैं। अब जहां वह पिछले 20 वर्षों से काम कर रहे हैं। उन्हें हटाए जाने के लिए कह दिया गया है। सेक्टर-1 से सेक्टर-6 को किस आधार पर नो-वेंडिग जोन बनाया गया है यह जानकारी नहीं है और सीधे तौर पर संविधान के अनुच्छेद-14 और 16 का उलंघन है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सेक्टर-1 से सेक्टर-6 को नो वेंडिग जोन घोषित करना स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट का भी उल्लंघन है। ऐसे में सेक्टर-1 से सेक्टर-6 को नो वेंडिग जोन बनाए जाने के आदेशों को रद किए जाने की हाई कोर्ट से मांग की गई है।