मुनाफाखोरी के जाल में फंसा सब्जियों और फल का बाजार भाव
एक तरफ कोरोना तो दूसरी तरफ महंगाई की मार। कोरोना काल में मुनाफाखोरी बढ़ गई है। रामनवमी पर बुधवार को चंडीगढ़ में लॉकडाउन के बीच सब्जी और फल विक्रेता भी कम आए।
जासं, चंडीगढ़ : एक तरफ कोरोना तो दूसरी तरफ महंगाई की मार। कोरोना काल में मुनाफाखोरी बढ़ गई है। रामनवमी पर बुधवार को चंडीगढ़ में लॉकडाउन के बीच सब्जी और फल विक्रेता भी कम आए। प्रशासन की ओर से शहर में लगने वाली साप्ताहिक मंडियां भी बंद कर दी गई हैं, ऐसे में सब्जियों और फल के रेट लगातार बढ़ रहे हैं। शहर की रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन मांग कर रही है कि प्रशासन को फिर से सब्जी और फल के प्रतिदिन के फुटकर रेट तय करने चाहिए। पिछले साल लॉकडाउन में हर दिन रेट तय करने का सिस्टम शुरू किया गया था। इसी के मुताबिक वेंडर्स को सब्जियां और फल बेचने पड़ते थे। इसका फायदा यह होता था कि पूरे शहर में एक ही रेट तय होता था और शहरवासियों को सुविधा मिलती थी। मगर अब यह सिस्टम बंद कर दिया गया है।
लोगों का कहना है कि वीकेंड लॉकडाउन के दौरान भी सब्जियों के फुटकर रेट के नाम पर लूट खसोट जारी रही। पिछले साल लॉकडाउन में नगर निगम की ओर से नाई, धोबी और मोची को भी सब्जी बेचने के लाइसेंस दिए गए थे। प्रशासन के अनुसार अगर आगे लंबा लॉकडाउन लगाया गया तो फिर से यह सिस्टम लागू किया जाएगा।
होलसेल के मुकाबले फुटकर में कई सब्जियां तीन से दोगुने ज्यादा दाम पर बिक रही हैं। इस पर किसी का कोई अंकुश नहीं है। प्रशासन की ओर से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नारियल और कीवी की मांग सबसे ज्यादा
इस समय नारियल पानी और कीवी की मांग सबसे ज्यादा हो रही है। डाक्टर कोरोना के मरीजों के अलावा दूसरे लोगों को भी इसका सेवन ज्यादा से ज्यादा करने के लिए कह रहे हैं। जिस कारण कीवी इन दिनों प्रति पीस 50 से 60 रुपये में बिक रहा है और नारियल पानी का रेट जो कि पहले 40 रुपये में था अब 50 से 60 रुपये हो गया है। शहर में 37 साइट्स हैं, जहां पर नारियल पानी बिकता है। चंडीगढ़ में सब्जियां और फल दूसरे राज्यों से ही सेक्टर-26 की होलसेल मंडी में आती है। सब्जियां होलसेल रेट फुटकर रेट (प्रति किलो) प्याज 12 से 15 20
मटर 25 से 35 80 मिर्च 30 40
शिमला मिर्च 10 से 12 30 लहसुन 50 से 60 80 खीरा 12 से 15 20 करेला 15 से 20 40 लौकी 8 20 भिडी 20 60 नींबू 70 से 90 120 अदरक 40 50 बैगन 10 25 फूल गोभी 10 20 टमाटर 12 से 15 20 आलू 10 12 से 14 फ्रासबिन 25 40 मशरूम 80 100 तरबूज 18 30 खरबूजा 30 से 35 50 आम 60 से 70 80 पपीता 25 से 30 50 संतरा 100 120 से 140 सेब 200 250 अमरूद 50 80 नारियल प्रति पीस 30 से 40 40 से 50
पिछले साल हर दिन सब्जियों और फल के रिटेल में सरकारी रेट तय होने से शहरवासियों को काफी राहत मिल रही थी। इसे लोगों की सुविधा के लिए प्रशासन को रेगुलर फीचर बनाना चाहिए। ऐसा न होने से मनमर्जी के रेट वसूलने का सिस्टम शुरू हो जाता है। प्रशासन को दोगुने और तीन गुना रेट वसूल करने वाले वेंडर्स पर कार्रवाई करनी चाहिए
- बलजिदर सिंह बिट्टू, चेयरमैन फासवेक