कोरोना का कहर: कर्फ्यू से सब्जियों की सप्लाई चेन टूटी, किसान और उपभोक्ता दोनों घाटे में
पंजाब में काेराेना से जंग के लिए लगाए गए कर्फ्यू का असर अब सब्जियों की सप्लाई चेन पर पड़ने लगा है। यह सप्लाई चेन टूट गई है और इससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों का घाटा हो रहा है।
इन्द्रप्रीत सिंह, बनूड़ (पटियाला)। कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए लगाए गए कर्फ्यू का असर सब्जी किसानों पर भी हो रहा है। सब्जियों की सप्लाई चेन टूटने से उत्पादक व उपभोक्ता दोनों की मुश्किलें बढ़ गई हैैं। दोनों को काफी नुकसान हो रहा है। सब्जियां के दाम आसमान छू रहे हैं। कोई भी सब्जी 60 रुपये किलो से कम नहीं है। कुछ के दाम तो 80 रुपये तक हैैं।
चंडीगढ़ सहित कई शहरों में सब्जियां काफी मिल रही हैं। गोभी की कीमत 80 रुपये तक पहुंच गई है, दूसरी ओर चंडीगढ़ से मात्र 30 किलोमीटर दूर गांव बस्सी सेखां में किसानों के खेतों में लगी गोभी 15 रुपये किलो में भी कोई लेने को तैयार नहीं है।
किसानों के पास गोभी 15 से 20 रुपये किलो, उपभोक्ताओं को मिल रही 80 रुपये में
पुलिस के डर से किसान न तो चंडीगढ़ में सब्जी मंडी में दाखिल हो पा रहे हैं और न ही उनसे सब्जी लेने वाले वेंडर उनके खेतों में जा रहे हैं। सप्लाई चेन पूरी तरह से टूट जाने के कारण जहां उपभोक्ताओं को भारी नुकसान पहुंच रहा है वहीं, सब्जियां भी सडऩे लगी हैं। यही हाल रहा तो कुछ दिन में शहरों में सब्जियों की समस्या पैदा हो जाएगी।
कर्फ्यू में पुलिस के डर से किसान सब्जी नहीं जा पा रहे, खेतों में भी उनसे सब्जी लेने के लिए नहीं पहुंच रहे वेंडर
गांव बस्सी सेखां के पूर्व सरपंच जसपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने दो एकड़ में सब्जियां लगाई हुई हैं। 20 मार्च तक तो सब कुछ ठीक-ठाक बिक रहा था। गोभी का रेट 22 रुपये व्यापारी दे रहे थे, लेकिन जब से कर्फ्यू लगा है गांव में उनसे सब्जी लेने के लिए कोई नहीं आ रहा है। शुक्रवार रात वह गोभी की ट्राली लेकर चंडीगढ़ के सेक्टर-26 की मंडी में गए थे, लेकिन पुलिस ने भगा दिया।
खेतों में सब्जियां सड़ रही हैैं, किसान परेशान हैैं, -यही हाल रहा तो कुछ दिन में समस्या पैदा हो जाएगी
ट्राईसिटी (चंडीगढ़, मोहाली व पंचकूला) के आसपास लगभग सभी गांवों में 100 से 200 एकड़ में सब्जियां लगाई जाती हैं। यहां से ट्राईसिटी के अलावा अंबाला, पटियाला, लुधियाना व हिमाचल को भी आपूर्ति होती है। इन दिनों जब सर्दियों की सब्जियां अपने अंतिम पड़ाव पर हैं, लेकिन कर्फ्यू ने सारी सप्लाई चेन तोड़ दी है। सरकार चाहकर भी इसे बहाल नहीं कर पा रही है।
खासतौर पर अपनी किसान मंडी को खत्म करने से सारा कारोबार छोटे व्यापारियों के हाथों से निकलकर बड़े-बड़े रिटेल सेंटरों के पास चला गया है। इनमें रिलायंस, मेट्रो आदि बड़े सेंटर शामिल हैं। इनके टेंपो सड़कों पर जरूर दिख रहे हैं, लेकिन किसानों को अपनी मंडी में जाने से रोका जा रहा है।
मेथी, धनिया, पालक हुई खराब
अजीजपुर गांव के दलजीत सिंह की मेथी की पूरी फसल खराब हो गई है। एक सप्ताह से कोई व्यापारी न आने के कारण मेथी की फसल पक गई है जो अब बेचने लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि सब्जी उगाना दुकान खोलने जैसा नहीं है। अगर इन्हें समय पर नहीं काटा गया तो यह पक जाती हैं और किसी काम की नहीं रहतीं। इसी तरह मूली, धनिया, पालक भी बर्बाद हो रही है। इन्हें लेने वाला कोई नहीं है। उनके गांव के लगभग सभी किसान सब्जियां उगाने का ही काम करते हैं क्योंकि उनके पास ट्राईसिटी जैसी बड़ी मंडी पास में है। इसी गांव से छह किलोमीटर आगे हरिपुर में भी किसानों का यही हाल है।
सरकार बहाल कर रही सप्लाई चेन : बराड़
सब्जियों की सप्लाई चेन को बनाना सबसे जरूरी है। मंडी बोर्ड के अधिकारी एचएस बराड़ ने बताया कि सरकार सबसे पहला काम सप्लाई चेन को बहाल करने का ही कर रही है। उन्होंने बताया कि किसानों से रोजाना सामान लाकर पैकेट में बंद करके या फिर वेंडर के जरिये अलग-अलग सेक्टरों, वार्डों आदि में पहुंचाने का काम किया जा रहा है। रास्ते में दिक्कत न आए इसके लिए सरकार ने कंट्रोल रूम भी स्थापित कर दिया है जिसे पहले 12 घंटे के लिए खोला गया था। अब उसका समय बढ़ाकर 24 घंटे कर दिया है। दूसरे राज्यों से आने वाली सब्जियों को भी रास्ते में न रोकने को कहा गया है।
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