मुख्तार मामले में पंजाब में बस दो साल तारीख पर तारीख, आठ बार बैरंग लौटी उत्तर प्रदेश पुलिस
पंजाब में मुख्तार अंसारी मामले में दो साल से अधिक समय में बस तारीख दर तारीख मिलती रही। इस दौरान मुख्तार लेने के लिए उत्तर प्रदेश की पुलिस टीमें आठ बार पंजाब आईं लेकिन उन्हें बैरंग लौटना पड़ा।
मोहाली, [रोहित कुमार]। दो साल से पंजाब में रूपनगर की जेल में बंद मुख्तार अंसारी को आखिरकार उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले कर दिया गया। पिछले दो साल से अधिक समय के दौरान पंजाब में मुख्तार अंसारी के मामले में बस तारीख पर तारीख ही दी जाती रही। इस दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस की टीमें आठ बार मुख्तार अंसारी को लेने आई, लेकिन उसे हर बार बैरंग खाली हाथ ही लौटना पड़ा।
बता दें कि विगत 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट की ओर से पंजाब सरकार को अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने के आदेश देने के तुरंत बाद से ही पंजाब पुलिस सक्रिय हो गई। न केवल अंसारी की वायस सैैंपल की रिपोर्ट हासिल की बल्कि रिपोर्ट में अंसारी की आवाज होने की बात सामने आते ही ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फस्र्ट क्लास (जेएमआइसी) अमित बख्शी की कोर्ट में फिरौती मांगने के मामले का चालान भी पेश कर दिया।
अंसारी पर दर्ज केस को लेकर पंजाब पुलिस ने नहीं दिखाई दिलचस्पी
वहीं, मोहाली कोर्ट ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का संज्ञान लेते हुए अंसारी की उस पटीशन को खारिज कर दिया जिसमें उसने तबीयत ठीक न होने का हवाला देकर जेल अधिकारियों को मेडिकल बोर्ड बनाने की अपील की थी।
दो साल से रूपनगर जेल में बंद अंसारी को पुलिस ने 29 मार्च को कोर्ट में पेश किया। इससे पहले अंसारी ने दो साल में दर्जनों बार तारीख लेता रहा। वहीं, इसी समय के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस आठ बार अंसारी को लेने के लिए पंजाब आई परंतु जेल विभाग ने अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस को नहीं सौंपा।
मुख्तार अंसारी के वकील ने कोर्ट को बताया था कि 29 मार्च, 2021 को अंसारी को डाक्टरी इमरजेंसी का सामना करना पड़ा और तब से वह छाती में दर्द से पीडि़त चल रहा है। अंसारी को दो बार दिल का दौरा भी पड़ चुका है। अंसारी के वकील ने पटीशन में 26 मार्च के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का जिक्र करते हुए यह भी कहा था कि अंसारी को सफर करने में परेशानी है, इसलिए मोहाली के मान्यता प्राप्त सरकारी अस्पताल में उसका इसका करवाया जाए।
इसके बाद मोहाली कोर्ट ने 31 मार्च को अपने फैसले में कहा कि आरोपित के इलाज के लिए मेडिकल बोर्ड गठित करने के लिए अलग से निर्देश पास करने की जरुरत नहीं है। जेल सुपरिंटेंडेंट की डयूटी बनती है कि वह आरोपित को जरूरत के हिसाब से मेडिकल सुविधा प्रदान करे। कोर्ट ने यह हिदायत भी दी कि अंसारी को उत्तर प्रदेश भेजने के बाद इस मामले की सुनवाई के लिए उसे वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग के जरिए पेश किया जाए।
पंजाब पुलिस ने कोर्ट में कहा, अंसारी ने ही मांगी फिरौती
मोहाली में दर्ज केस के अनुसार, सात जनवरी, 2019 को मोहाली सेक्टर-70 स्थित होमलैंड के मालिक उमंग जिंदल को मोबाइल नंबर 6390407709 से काल आई। काल करने वाले ने खुद को मुख्तार अंसारी बताया और फिरौती के लिए धमकी दी। उमंग ने पुलिस को शिकायत दी तो अगले ही दिन थाना मटौर में अंसारी के खिलाफ केस दर्ज हुआ।
जांच में पता चला कि अंसारी ने जिस नंबर से काल की, वह नंबर उत्तर प्रदेश के वाराणसी की महिला उस्मान बेगम के नाम पर जारी हुआ था लेकिन उस्मान बेगम की कई साल पहले ही मौत चुकी है। यानी उस्मान बेगम के जाली दस्तावेज प्रयोग कर नंबर लिया गया था। चालान में पुलिस ने इस काल को आधार बनाकर कहा कि अंसारी ने उमंग को काल कर पूरे 27 सेकंड बात की और फिरौती मांगी।
कब-कब, क्या-क्या हुआ
- 8 जनवरी, 2019 : बिल्डर उमंग जिंदल की शिकायत पर अंसारी को खिलाफ केस दर्ज हुआ।
- 21 जनवरी 2019 : पंजाब पुलिस मुख्तार अंसारी को प्रोडक्शन वारंट पर लाई।
- 22 जनवरी 2019 : अंसारी को मोहाली कोर्ट में पेश किया, एक दिन का रिमांड मिला।
- 24 जनवरी, 2019 : कोर्ट ने अंसारी को न्यायिक हिरासत में रूपनगर जेल भेजा। इसके बाद अंसारी की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही पेशी हुई। अंसारी तारीख लेता रहा।
- 26 मार्च, 2021 : सुप्रीम कोर्ट ने दो सप्ताह में अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने के आदेश दिए।
- 29 मार्च, 2021 : पुलिस ने अंसारी को मोहाली कोर्ट में पेश किया।
- 6 अप्रैल, 2021 : रूपनगर जेल से उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपा गया अंसारी।