कोरोना संकट में जरूरतमंदों के मददगार बने यूटी पुलिस के कांस्टेबल अमनदीप
जिदगी सही मायनों में मुश्किलों से भरी राह है। कुछ चलने से पहले ही हार मान लेते हैं तो कुछ मजबूत इरादों से मंजिल पाने में कामयाब होते हैं।
डॉ. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़
जिदगी सही मायनों में मुश्किलों से भरी राह है। कुछ चलने से पहले ही हार मान लेते हैं, तो कुछ मजबूत इरादों से मंजिल पाने में कामयाब होते हैं। इंसान में कुछ अलग करने का जज्बा हो तो छोटी शुरुआत ही बड़े मिशन में बदल जाती है। चंडीगढ़ पुलिस का एक साधारण कांस्टेबल भी अपने मजबूत इरादों से आज हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गया है। कोविड-19 महामारी के दौर में परिवार को छोड़ कांस्टेबल अमनदीप पानू कोरोना महामारी में लोगों की सुरक्षा और सेवा के लिए जुटा है। दूसरी तरफ वह तपती गर्मी में बेजुबान जानवरों के खाने और पानी का इंतजाम कर रहा है। अमनदीप के इस अभियान में उनके कुछ साथी भी मदद कर रहे हैं। दैनिक जागरण ने कांस्टेबल अमनदीप से घंटों की लंबी ड्यूटी और फिर दूसरे सामाजिक कामों के प्रति उनके जज्बे को लेकर विशेष बातचीत की। दो महीने से हॉटस्पॉट बापूधाम में ड्यूटी
कांस्टेबल अमनदीप बीते दो महीने से कोरोना हॉटस्पॉट बने हुए बापूधाम में ड्यूटी दे रहे हैं। लोगों की सुरक्षा के अलावा लोगों की रोजमर्रा से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए हर पल तैयार रहते हैं। रात भर ड्यूटी करते हैं तो फिर दिन में लावारिस मवेशियों की सेवा में लग जाते हैं। शहर के अलग-अलग हिस्सों में जानवरों के लिए प्लास्टिक के ड्रम काटकर उनमें पानी उपलब्ध करवा रहे हैं। पक्षियों के लिए भी बड़ी संख्या में कटोरे पेड़ों पर टांग रहे हैं। अब गांव हुआ हराभरा, सरकारी स्कूल में लाइब्रेरी
अमनदीप 2010 में चंडीगढ़ पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए। हरियाणा में हिसार जिले के हांसी तहसील में थुराणा गांव के मूल निवासी हैं। गांव के ही सरकारी स्कूल से पढ़ाई करने वाले अमनदीप गांव में पर्यावरण और शिक्षा के मिशन में भी जुटे हैं। हर घर-एक पेड़ मुहिम शुरू कर इन्होंने 3500 से अधिक पौधे लगाकर पूरे गांव को हराभरा बना दिया। सरकारी स्कूल में बच्चों के लिए लाइब्रेरी बनवाई है। गांव में बेटियों की प्रतिभा को तराशने के लिए लड़कियों के लिए खेल प्रतियोगिताओं को शुरू करवाया। पत्नी रीना रानी भी चंडीगढ़ पुलिस में कांस्टेबल हैं।