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यहां जारी हुआ तुगलकी फरमान, शिक्षक अब सीधे नहीं मिल सकते अधिकारियों से

सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब सीधे शिक्षा विभाग के अफसरों नहीं मिल सकते हैं।

By Edited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 02:56 PM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 03:00 PM (IST)
यहां जारी हुआ तुगलकी फरमान, शिक्षक अब सीधे नहीं मिल सकते अधिकारियों से
यहां जारी हुआ तुगलकी फरमान, शिक्षक अब सीधे नहीं मिल सकते अधिकारियों से

चंडीगढ़ [डॉ. सुमित सिंह श्योराण]। सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब सीधे शिक्षा विभाग के अफसरों नहीं मिल सकते हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने इस संबंध में शिक्षा विभाग के निर्देश जारी किए हैं। शिक्षक अब किसी भी निजी काम के लिए सीधे डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन, शिक्षा सचिव या जिला शिक्षा अधिकारी से नहीं मिल सकते।

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इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से दो दिन पहले ही लिखित ऑर्डर जारी किया है। इसमें साफ निर्देश है कि कोई भी शिक्षक बिना हेड की मंजूरी लिए अधिकारी से नहीं मिल सकता। ऐसा करने वाले शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग पंजाब कंडक्ट रुल्स 1966 के तहत कड़ी कार्रवाई करेगा। जिला शिक्षा अधिकारी को देनी होगी सूचना शहर के 114 सरकारी स्कूलों में करीब 5500 सरकारी टीचर्स हैं।

किसी भी तरह की परेशानी होने पर शिक्षक स्कूल टाइम में ही सेक्टर-9 स्थित डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन या यूटी सचिवालय में शिक्षा सचिव के सामने अपनी शिकायत लेकर पहुंच जाते हैं। आए दिन इन अधिकारियों के कमरों के बाहर स्कूल टाइम में ही शिक्षकों की लंबी लाइन लगी रहती है। कई शिक्षक तो स्कूल प्रिंसिपल या हेड से बिना इजाजत ही अधिकारियों से मिलने चले जाते हैं। शिक्षकों के लगातार अधिकारियों के पास चक्कर काटने को लेकर प्रिंसिपल भी शिकायत कर चुके हैं।

डीईओ को जानकारी देना जरूरी नए नियमों के तहत शिक्षकों को किसी भी तरह की समस्या के लिए अधिकारियों के क्रम को फॉलो करना होगा। सबसे पहले हेड-प्रिंसिपल या फिर जिला शिक्षा अधिकारी को अपनी समस्या बतानी होगी। अगर वहां समस्या का समाधान नहीं होता तो ही मामले में डीएसई या शिक्षा सचिव के सामने अपनी बात रखी जा सकेगी। इसके लिए भी पहले डीईओ को मामले में सूचना देनी होगी। मामले की एप्लीकेशन के बाद इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से अप्वाइंटमेंट लेकर ही मिला जा सकेगा।

शिक्षकों के लिए 3 से 4 बजे तक का समय

जिला शिक्षा अधिकारी अनुजीत कौर का कहना है कि उच्च अधिकारियों ने शिक्षकों की समस्या सुनने के लिए पहले से ही 3 से 4 बजे तक समय निर्धारित किया हुआ है। ऐसा इसलिए ताकि शिक्षक स्कूल छोड़कर अधिकारियों के पास नहीं आए। स्कूल शिक्षकों के लिए अधिकारियों से मिलने के लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। कोई भी शिक्षक स्कूल टाइम में अधिकारियों से नहीं मिल सका। इसका सभी को पालन करना होगा।


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