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यूटी कैडर एजुकेशनल इंप्लाइज यूनियन ने डीएसई से मुलाकात की, कहा- शिक्षकों के लिए लागू हो छठा पे स्केल

यूटी कैडर एजुकेशन इंप्लाइज यूनियन ने डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन डॉ. पालिका अरोड़ा से मुलाकात की। यूनियन प्रधान स्वर्ण सिंह कंबोज ने कहा कि डायरेक्टर से मिलने का मुख्य उद्देश्य टीचर्स की मांगों को पूरा करने के साथ स्टूडेंट्स को बेहतर सुविधाएं प्रदान कराना है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 03:47 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 03:47 PM (IST)
यूटी कैडर एजुकेशनल इंप्लाइज यूनियन ने डीएसई से मुलाकात की, कहा- शिक्षकों के लिए लागू हो छठा पे स्केल
10 वर्ष से ज्यादा पुराने टीचर्स की ट्रांसफर कर उन्हें दूसरे स्कूलों में भेजना चाहिए।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। टीचर्स और स्कूलों की विभिन्न मांगों को पूरा कराने के लिए बुधवार को यूटी कैडर एजुकेशन इंप्लाइज यूनियन ने डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन डॉ. पालिका अरोड़ा से मुलाकात की। यूनियन प्रधान स्वर्ण सिंह कंबोज ने कहा कि डायरेक्टर से मिलने का मुख्य उद्देश्य टीचर्स की मांगों को पूरा करने के साथ स्टूडेंट्स को बेहतर सुविधाएं प्रदान कराना है। इसमें सबसे पहली मांग छठा पे स्केल लागू करना है। छठे वेतन आयोग के लिए केंद्र सरकार से लेकर पंजाब सरकार भी निर्देश जारी कर चुकी है लेकिन शहर के सरकारी स्कूलों में अभी तक किसी अध्यापक को छठे पे स्केल को लेकर कोई फायदा नहीं मिला है।

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इसके अलावा शहर के स्कूलों में कार्यरत कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर का वेतन छह महीने से रुका हुआ है, जिसके चलते सरकारी स्कूलों में कार्यरत कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर परेशान हो रहे हैं और कई तो स्कूल छोड़ने का भी प्लान कर रहे हैं। यदि टीचर्स स्कूल छोड़कर जाते हैं तो सबसे बड़ी परेशानी स्कूल प्रिंसिपल और स्टाफ को होगी क्योंकि सीबीएसई और एमएचआरडी को भेजने वाले डाटे का कार्य इंस्ट्रक्टर करते हैं।

एक स्कूल में वर्षों से कार्यरत शिक्षकों का हो ट्रांसफर

स्वर्ण सिंह कंबोज ने कहा कि शहर के सरकारी स्कूलों में कई शिक्षक ऐसे हैं जो कि एक ही स्कूल में वर्षों से कार्यरत हैं। उनकी योग्यता का फायदा दूसरे स्कूलों को नहीं मिल पाता। ऐसे में विभाग को 10 वर्ष से ज्यादा पुराने टीचर्स की ट्रांसफर कर उन्हें दूसरे स्कूलों में भेजना चाहिए। वहीं शहर के स्कूल में कई टीचर्स ऐसे हैं जो कि कांट्रेक्ट पर काम कर रह रहे हैं, ऐसे में जब रेगुलर टीचर्स की प्रमोशन होती है तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है। ऐसे में विभाग को ऐसी पालिसी बनानी चाहिए कि कांट्रेक्ट पर काम करने वाले टीचर्स को दूसरे स्कूल में सेवाएं देने का मौका मिले और स्टूडेंट्स काे उनके अनुभव का लाभ मिल सके।

शिक्षकों की कमी, जल्द की जाए नई भर्ती

कोरोना के बाद शहर के स्कूल खुल चुके हैं और 50 से 70 फीसद स्टूडेंट स्कूल आ रहे हैं। शहर के स्कूल में टीचर्स की कमी चल रही है। इसके चलते प्रिंसिपल के साथ स्टूडेंट्स भी परेशान हो रहे हैं। ऐसे में विभाग को शिक्षकों की भर्ती करनी चाहिए। स्वर्ण सिंह कंबोज ने कहा कि वर्ष 2019 में 131 एनटीटी टीचर्स की भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी जो कि अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। विभाग को जल्द से जल्द उस नियुक्ति को पूरा करते हुए नई भर्ती निकालनी चाहिए ताकि स्टूडेंट्स को लाभ मिल सके।  


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