डॉक्टर ही असुरक्षित, कैसे कर पाएंगे निपाह पीड़ित का इलाज
निपाह वायरस को लेकर सरकार ने भले ही सभी राज्यों में अलर्ट कर दिया हो, लेकिन चंडीगढ़ का पीजीआइ प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। क्योंकि अलर्ट जारी होने के दो दिन बाद तक पीजीआइ में मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर्स को इंफेक्शन से बचाने वाली पर्सनल प्रोटेक्शन इंक्विपमेंट (पीपीई) किट उपलब्ध नहीं हो पाई है।
डॉ. रविंद्र मलिक, चंडीगढ़
निपाह वायरस को लेकर सरकार ने भले ही सभी राज्यों में अलर्ट कर दिया हो, लेकिन चंडीगढ़ का पीजीआइ प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। क्योंकि अलर्ट जारी होने के दो दिन बाद तक पीजीआइ में मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर्स को इंफेक्शन से बचाने वाली पर्सनल प्रोटेक्शन इंक्विपमेंट (पीपीई) किट उपलब्ध नहीं हो पाई है। ऐसे में जब डॉक्टर खुद ही असुरक्षित महसूस करेंगे तो निपाह पीड़ित का इलाज कैसे कर पाएंगे। जानकारी के अनुसार पीपीई किट में गलव्स, चश्मा व शू कवर सहित कई महत्वपूर्ण मेडिकल उपकरण होते हैं जो डॉक्टर्स को मरीज के इलाज के दौरान इंफेक्शन से बचाते हैं। स्थिति यह है कि जहां एक ओर बीमारी का पता चलते ही वायरोलॉजी विभाग के हैड प्रो. आरके राठो पुणे में इस वायरस के डाइग्नोस व इसकी रोकथाम को लेकर तीन दिन से चल रही बैठक में भाग लेने गए हैं। वहीं विभाग की तरफ से अभी तक पीपीई किट के लिए डिमांड आर्डर ही जारी नहीं किया गया है। जानकारी के अनुसार किट की शुरूआती कीमत करीब दो हजार रुपये है और इस किट का डिमांड आर्डर जारी आने के बाद इसे आने में भी कई दिन का समय लगेगा।
बिना किट डॉक्टर नहीं कर सकते मरीज का उपचार
बिना किट के डॉक्टर मरीज का इलाज ही नहीं कर सकते, क्योंकि ऐसा करने पर इंफेक्शन फैलने का खतरा बना रहता है। इस गंभीर स्थिति में किट्स नहीं मंगवाने से साफ पता चलता है कि पीजीआइ निपाह वायरस को लेकर कितनी गंभीरता बरत रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल स्वाइन फ्लू के प्रकोप के दौरान किट्स के इस्तेमाल में लापरवाही बरतने पर पीजीआइ में आठ फैकल्टी, अन्य स्टाफ व परिजन स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गए थे। जिनमें तीन डॉक्टर, चार अन्य स्टाफ के लोग व एक मरीज का फैमिली मैंबर था।
ये उठ रहे हैं सवाल
-जब प्रशासन निपाह को लेकर अलर्ट जारी कर चुका है तो पीजीआइ प्रशासन ने अभी तक पीपीई किट्स के लिए ऑडर क्यों नहीं किया?
-यदि इस दौरान निपाह वायरस से संक्रमित रोगी पीजीआइ में आता है तो डॉक्टर बिना किट उसका इलाज कैसे शुरू करेंगे?
-किट्स के लिए ऑर्डर से लेकर उसे मंगवाने की प्रक्रिया में कई दिन का समय लगता है तो क्या मरीज इतने दिन बिना उपचार के ही रहेगा? कोट्स
फिलहाल प्रोटेक्शन किट नहीं है। इसके लिए डिमांड का आर्डर आने पर ही इसे मंगवाया जाता है। अभी तक विभाग से हमें ऐसी कोई डिमांड नही मिली है।
शांति राम, सहायक भंडार अधिकारी। कोट्स
निपाह को लेकर लेकर हम पूरी तरह गंभीर हैं। जल्द ही इसको लेकर आर्डर की पूरी प्रक्रिया पूरी की जाएगी ताकि जल्द ही प्रोटेक्शन किट उपलब्ध हो। हम किसी भी हालत में लापरवाही नहीं बरतेंगे।
प्रो जगत राम, पीजीआइ डायरेक्टर