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बिन नाटक कलाकार बेरोजगार..

देशभर में मजदूरों का पलायन डराने वाला था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 07:33 PM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 07:33 PM (IST)
बिन नाटक कलाकार बेरोजगार..
बिन नाटक कलाकार बेरोजगार..

शंकर सिंह, चंडीगढ़ : देशभर में मजदूरों का पलायन डराने वाला था। इसी स्थिती से गुजर रहा है शहर का कलाकार। खासकर वो कलाकार जिनकी आय का जरिया केवल रंगमंच है। पिछले तीन महीनों से रंगमंच सूने पड़े हैं, न यहां कोई रिहर्सल हो सकती है न ही कोई शो। ऐसे में कलाकार खाली हाथ घर में ही बैठे हैं। शहर के कलाकारों में इसको लेकर काफी रोष है। पुराने प्रोजेक्ट्स से ही कमा पा रहा हूं कुछ

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टीएफटी से जुड़े कलाकार सौरव शर्मा ने कहा कि वह इन दिनों कुछ शॉर्ट फिल्म की स्क्रिप्ट को लिख रहे हैं। इससे कुछ अर्निग हो जाती है। लेकिन ये लॉकडाउन से पहले मिले प्रोजेक्ट हैं। लेकिन इसके बाद मेरे पास कुछ भी नहीं। ये बेहद मुश्किल वक्त है, क्योंकि इस पूरे साल ही कोई थिएटर शो होना मुश्किल लग रहा है। अभी मोहाली में किराए पर रहा हूं, ऐसे में अभी ये भी एक दिक्कत हो जाती है। बच्चों की वर्कशॉप न होने से हुआ नुकसान

पपेट थिएटर से जुड़े शुभाशीष नियोगी ने कहा कि ये बेहद मुश्किल समय है। कलाकारों की आय का इस समय मुख्य जरिया वर्कशॉप या शो ही होते हैं। अभी स्कूल भी बंद है, ऐसे में बच्चों को वर्कशॉप भी नहीं दे पा रहा हूं। हालांकि ऑनलाइन किसी न किसी तरह से उनसे जुड़ रहा हूं, लेकिन ये स्थिती जल्द ही ठीक होनी चाहिए। इस दौरान न तो शो कर पा रहा हूं, न ही बच्चों को वर्कशॉप दे पा रहा हूं। लगता है इस साल कोई शो नहीं होगा

रंगकर्मी और लेखक शब्दीश कुमार ने कहा कि इस वर्ष लगता नहीं कि कोई शो हो पाएगा। ये बेहद कठिन समय है। हम जैसे कलाकार कुछ न कुछ करके अपनी क्रिएटिविटी तो बाहर निकालते हैं, लेकिन इंकम का कोई जरिया नहीं। इसको लेकर एनजेडसीसी, पटियाला, चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी और पंजाब संगीत नाटक अकादमी से बात की, लेकिन कहीं से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। कलाकारों ने मिलकर जोड़े कलाकारों के लिए रुपये

पंजाब यूनिवर्सिटी के इंडियन थिएटर डिपार्टमेंट से पासआउट नितिन ने कहा कि इस समय मजदूर और कलाकारों की एक ही हालत है। दोनों के लिए रोजगार नहीं है। हाल ही में हमने वाट्सएप ग्रुप के जरिए शहर के जरूरतमंद कलाकारों की लिस्ट बनाई, इसके बाद इन कलाकारों के लिए धनराशी जोड़ी गई। करीबन 50 हजार रुपये इन कलाकारों के लिए धनराशी जोड़ी गई। हालांकि, लंबे समय तक कलाकार भी कहां कलाकार की मदद कर पाएगा। ऐसे में सरकारी संस्थानों को आगे आना चाहिए।


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