Move to Jagran APP

चंडीगढ़ में इंफेक्शन वाले पेड़ों का ट्रीटमेंट करेगी ट्री एंबुलेंस, पेड़ अंदर से कितना खोखला, अल्ट्रासोनिक स्टडी से लगेगा पता

चंडीगढ़ में पेड़ गिरने की घटनाएं बढ़ने से लोग डरे हुए हैं। पुराने पेड़ों के प्रति बढ़ते इस डर को देखते हुए इन पेड़ों की अल्ट्रासोनिक स्टडी होगी। अगले सप्ताह तक यह स्टडी शुरू होने की बात कही जा रही है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Fri, 19 Aug 2022 07:43 AM (IST)Updated: Fri, 19 Aug 2022 07:43 AM (IST)
चंडीगढ़ में इंफेक्शन वाले पेड़ों का ट्रीटमेंट करेगी ट्री एंबुलेंस, पेड़ अंदर से कितना खोखला, अल्ट्रासोनिक स्टडी से लगेगा पता
फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के सहयोग से यह स्टडी होगी।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ की हरियाली को बढ़ाने वाले पेड़ इस बार बरसात के सीजन में बड़ी संख्या में गिरे हैं। इनमें अधिकतर पेड़ हरे-भरे और वृहद आकार के थे। सेक्टर-9सी के कार्मल कान्वेंट स्कूल हादसे के बाद से शहर सहमा हुआ है। इसके बाद गिरे कई पेड़ गाड़ियों को अपनी चपेट में ले चुके हैं। जिनमें कई लोग बाल-बाल बचे हैं।

loksabha election banner

अब आए दिन गिरने वाले पेड़ों की बात सुनकर लोग पेड़ों के पास खड़े होने से भी डरने लगे हैं। पुराने पेड़ों के प्रति बढ़ते इस डर को देखते हुए इन पेड़ों की अल्ट्रासोनिक स्टडी होगी। अगले सप्ताह तक यह स्टडी शुरू होने की बात कही जा रही है। इस स्टडी में यह स्पष्ट होगा कि हरा भरा पेड़ अंदर से कितना खोखला है। बाहर से हरा-भरा दिखने वाला पेड़ अंदर से कितना ठोस है इसकी जानकारी नहीं होती। अल्ट्रासोनिक स्टडी से इसकी अंदरूनी हालत का पता चलेगा। फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के सहयोग से यह स्टडी होगी। 

पथोलाजी और एंटोलाजी स्टडी से इंफेक्शन और इनसेक्ट का लगेगा पता

पेड़ों की साइंटिफिक मैनेजमेंट के लिए टीम ने प्लांट पथोलाजी और एंटोलाजी स्टडी कराने का निर्णय लिया। प्लांट पथोलाजी में पेड़ों की बीमारियों का साइंटिफिक स्टडी कर पता लगाया जाता है। इससे पेड़ को इंफेक्शन का पता चलता है। फंगी, बैक्टीरिया और वायरस की तह तक जाया जाता है। वहीं एंटोलाजी इनसेक्ट्स की साइंटिफिक स्टडी होती है। पेड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले कीट के बारे में इससे पता चलता है। जो भी पेड़ इंफेक्शन वाले होंगे उनका ट्रीटमेंट करने तुरंत ट्री एंबुलेंस पहुंचेगी। यह एंबुलेंस चलाने की तैयारी हो रही है। इस एंबुलेंस में एक्सपर्ट होंगे जो मौके पर ही पेड़ की हालत देखने के बाद ट्रीटमेंट करेंगे। इसमें जरूरी दवाइयां भी होंगी। चंडीगढ़ में ऐसे सैकड़ों पेड़ हैं जिनमें दीमक या फंगस लगी है। दीमक ने अंदर से इन पेड़ों को चट कर दिया है। 

अभी तक नहीं आई रिपोर्ट

कार्मल कान्वेंट स्कूल में हादसे का कारण बना पीपल का पेड़ भी देखने में हरा भरा था लेकिन गिरने के बाद यह अंदर से पूरा खोखला मिला था। इस हादसे की न्यायिक जांच करने के लिए गठित एक सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष रि. जस्टिस जितेंद्र चौहान ने मौके पर पेड़ की हालत देखने के बाद एक्सपर्ट से चर्चा कर अल्ट्रासोनिक स्टडी करने के आदेश दिए थे। उनके साथ इस मौके पर फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के एक्सपर्ट भी मौजूद थे। हालांकि घटना के डेढ़ माह बाद भी अभी तक यह कमेटी अपनी रिपोर्ट नहीं दे पाई है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.