दो साल के मासूम को कुत्ते ने काटा, मेयर अपनी गाड़ी में बिठाकर पहुंचाया अस्पताल
रामदरबार फेज-2 स्थित मकान नंबर-2641 में रहने वाली दो साल की मासूम बच्ची को शुक्रवार देर शाम एक कुत्ते ने काट लिया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : रामदरबार फेज-2 स्थित मकान नंबर-2641 में रहने वाली दो साल की मासूम बच्ची को शुक्रवार देर शाम एक कुत्ते ने काट लिया। मासूम ऐंजल को उसके माता-पिता इलाज के लिए सेक्टर-19 की डिस्पेंसरी ले गए। जहां डॉग बाइट का इंजेक्शन उपलब्ध नहीं था। जैसे ही इस बात की भनक एरिया पार्षद को पड़ी, उन्होंने मेयर राजेश कालिया को संपर्क कर इसकी सूचना दी। उन्होंने मेयर राजेश कालिया को बताया कि शहर की प्रमुख डिस्पेंसरियों और सरकारी अस्पतालों में डॉग बाइट की वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मेयर खुद अपनी सरकारी गाड़ी में रामदरबार स्थित बच्ची के घर उसे देखने के लिए पहुंचे। मेयर ने ऐंजल और उसकी मां को अपने साथ सरकारी गाड़ी में जीएमएसएच-16 सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए लेकर पहुंचे। जब मेयर कालिया खुद बच्ची को इंजेक्शन लगवाने के लिए जीएमएसएच-16 अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि वहां भी डॉग बाइट इंजेक्शन यानी की वैक्सीन की डोज उपलब्ध नहीं थी। मेयर ने डीएचएस को फोन कर डॉग बाइट की वैक्सीन अस्पताल में उपलब्ध न होने के बारे में बताया। इस पर अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। मेयर करीब आधे घंटे तक पीड़ित बच्ची को अपने हाथों में लेकर अस्पताल के एक कोने से दूसरे कोने में इंजेक्शन लगवाने के लिए टहलते रहे। करीब 25 से 30 मिनट के बाद डॉक्टर ने डॉग बाइट वैक्सीन उपलब्ध कराई।
ढलती उम्र में हेड ट्रामा की संभावना बढ़ जाती हैं : विशेषज्ञ
ढलती उम्र में स्वास्थ्य की समस्या अकेलेपन के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। इस उम्र में देखा गया है कि कई बार मामूली चोट खास कर के सिर की चोट भी मृत्यु और किसी लंबी बीमारी का कारण बन सकती है। ढलती उम्र में हेड ट्रामा पर एक हेल्थ टॉक के दौरान सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोसर्जरी डॉ. गौरी जोशी ने कहा कि शरीर के महत्वपूर्ण अंगों और रीढ़ में फ्रेक्चर के अलावा, सिर में चोट (हेड ट्रामा) आदि काफी आम चोटें हैं। जोर का धक्का या सड़क पर होने वाले हादसे, जोकि आम तौर पर सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करते हैं, विशेषकर युवाओं को, वहीं बुजुर्गों में कहीं पर गिरने आदि से सिर पर लगने वाली चोट भी काफी गंभीर परिणाम सामने ला सकती है।