बहिबलकलां गोलीकांड : दो पुलिस मुलाजिमों ने ही दी FIR को चुनौती, लगाए ये आरोप Chandigarh News
बहिबलकलां गोलीकांड के लगभग तीन साल बाद पुलिस द्वारा सात अगस्त 2018 को दर्ज एफआइआर के खिलाफ पंजाब पुलिस के ही दो अधिकारी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गए हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। बहिबलकलां गोलीकांड के लगभग तीन साल बाद पुलिस द्वारा सात अगस्त 2018 को दर्ज एफआइआर के खिलाफ पंजाब पुलिस के ही दो अधिकारी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। घटना के समय एसएचओ रहे गुरदीप सिंह पंडेर और सेवानिवृत्त हेड कांस्टेबल रशपाल सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। दोनों ने पुलिस द्वारा पिछले वर्ष दर्ज की गई एफआइआर को गैरकानूनी बताते हुए कहा है कि एक ही घटना के लिए दूसरी एफआइआर दर्ज किया जाना संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। जस्टिस तेजिंदर सिंह ढींढसा की पीठ ने आठ जुलाई तक सुनवाई स्थगित करते हुए पंजाब सरकार को अगली सुनवाई पर अदालत की सहायता करने के आदेश दिए हैं।
इस मामले की जांच कर रही एसआइटी के सदस्य आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह पर पक्षपात के आरोप लगाते हुए याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि कोटकपूरा थाने में सात अगस्त, 2018 को दर्ज की गई एफआइआर और अन्य संबंधित मामलों की जांच से उन्हें हटाया जाए। यह भी कहा है कि यह एफआइआर राजनीति से प्रेरित है। रशपाल ने कहा है कि कोटकपूरा के बत्तियांवाला चौक पर 14 अक्टूबर को ड्यूटी के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला किया जिसमें याचिकाकर्ता समेत लगभग 50 पुलिस कर्मी घायल हुए। इस घटना में वह स्थायी तौर पर विकलांग हो गया और उसे 31 अक्टूबर, 2018 को समय पूर्व सेवानिवृत्ति लेनी पड़ी।
एफआइआर पर तीन साल में कोई कार्रवाई नहीं
याचिका के अनुसार, कोटकपूरा थाने में 14 अक्टूबर, 2015 को दर्ज की गई एफआइआर पर तीन सालों से कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस एफआइआर में 15 आरोपियों को नामजद किया गया था जिन पर पुलिस पर हमला करने, आगजनी और सार्वजनिक संपत्ति को नुक्सान पहुंचाने के आरोप थे। इसके बाद पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था।