फिर सामने आई पंजाब कांग्रेस की खींचतान, चन्नी व सिद्धू की केदारनाथ यात्रा पर जाखड़ का तंज- मैं पीर मनावण चली
Punjab Congress Tussle मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू की केदारनाथ यात्रा पर भी पंजाब कांग्रेस में खींचतान सामने आ गई। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने इस पर तंज कसा और कहा कि मैं पीर मनावण चली हां।
चंडीगढ़, [ कैलाश नाथ]। कांग्रेस में नाटकीय घटनाक्रम और खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की श्री केदारनाथ धाम की यात्रा पर भी खींंचतान सामने आया है। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने इस पर तंज कसा और कहा- मैं पीर मनावण चली हां। कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने इस यात्रा को लेकर निशाना साधा।
दरअसल सोमवार को नवजोत सिंह सिद्धू मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के फैसलों पर सवाल उठा रहे थे। वहीं, सिद्धू के सवाल उठाने के बाद एडवोकेट जनरल (एजी) एपीएस देयोल के त्यागपत्र को मुख्यमंत्री चन्नी ने अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद ही मंगलवार को चन्नी और सिद्धू साथ-साथ श्री केदारनाथ धाम की यात्रा पर गए। दोनों नेताओं को एक बार फिर साथ देख कर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई। सभी यह सवाल ढूंढ़ने में जुट गए कि आखिर रात भर में ऐसा क्या हो गया कि दोनों नेता एक साथ आने को तैयार हो गए। धार्मिक स्थल की यात्रा में भी कांग्रेस की आपसी खींचतान सामने आ ही गई।
जाखड़ ने कसा तंज, कहा- हर कोई अपने-अपने पीर को खुश करने में लगा
देहरादून में रावत, चौधरी, चन्नी और सिद्धू की फोटो ट्विटर पर डाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने तंज करते हुए लिखा, 'राजनीतिक श्रद्धालु.. लेकिन हर कोई अलग-अलग पीर को खुश करने की कोशिश कर रहा है। जाखड़ ने पंजाबी में लिखा, मैं पीर मनावण चल्ली आं, सवाल एह है, केहड़ा पीर (मैं पी को मनाने जा रही हूं, लेकिन सवाल यह है कि कौन सा पीर)। जाखड़ का ट्वीट अपने आप में कांग्रेस में चल रही खींचतान को जाहिर करता है।
सांसद रवनीत बिट्टू का तंज, पंजाब में ऐसी एकजुटता का प्रदर्शन क्यों नहीं
वहीं, सांसद रवनीत बिट्टू भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने केदारनाथ के दर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी, स्पीकर राणा केपी सिंह और पार्टी अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की हाथ पकड़ कर खिंचवाई फोटो को शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा, 'पंजाब कांग्रेस की एकजुटता, लेकिन उत्तराखंड में क्यों पंजाब में क्यों नहीं।'
गौरतलब है कि सोमवार का दिन पंजाब की राजनीति के लिए खासा अहम था। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बिजली दरों में तीन रुपये प्रति यूनिट कटौती कर दी। यह वह मुद्दा था, जिसे नवजोत सिंह सिद्धू उठा रहे थे। वे 2022 के लिए इसे मुद्दा बना रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने तीन रुपये की कटौती कर सिद्धू का मुद्दा ही छीन लिया। इसके बाद सिद्धू ने पैंतरा बदला और सवाल खड़े कर दिए कि मुख्यमंत्री जो मुफ्त की घोषणाएं कर रहे हैं, उसके लिए फंड कहां से आएगा। यही नहीं सिद्धू के दबाव में एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल ने इस्तीफा भी दे दिया, जिस पर मुख्यमंत्री अड़ गए। हालांकि, मंगलवार को देयोल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया।
सोमवार को देर रात तक चलते रहे चूहे-बिल्ली के खेल के बाद बैठकों का दौर चलता रहा। इनमें कैबिनेट मंत्री, सिद्धू के करीबी परगट सिंह और पार्टी के नेता व राहुल गांधी के करीबी कृष्णा अल्लावारू भी उपस्थित हुए। सूत्र बताते हैं कि बैठक में एक बार यह बात भी सामने आई कि सिद्धू पार्टी छोड़ कर किसी अन्य पार्टी में जा सकते हैं। चुनाव के समय में पार्टी छोड़ने की बात को कांग्रेस बर्दाश्त नहीं कर पाई। सिद्धू प्रदेश प्रधान के पद से त्याग पत्र दे चुके हैं और कांग्रेस की तरफ से किए गए तमाम प्रयासों के बावजूद अभी तक उन्होंने अपना इस्तीफा वापस नहीं लिया है। ऐसे में कांग्रेस बैकफुट पर आ गई। कांग्रेस ने चन्नी को मनाया, जिसके बाद मुख्यमंत्री सिद्धू को लेकर केदारनाथ के दर्शन को चले गए।
अलग से गए आशु
मुख्यमंत्री के पीछे-पीछे खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु व पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के राजनीतिक सलाहकार रहे कैप्टन संदीप संधू व लुधियाना के विधायक संजय तलवाड़ के साथ चार्टर्ड प्लेन से बद्रीनाथ के दर्शन के लिए निकल गए। आशु का अलग से चार्टर्ड प्लेन से देहरादून जाना भी चर्चा का केंद्र बना रहा।