आप में शह-मात का खेल; खैहरा की कन्वेंशन अाज, केजरी ने विधायकाें को दिल्ली बुलाया
पंजाब में आप में शह-मात का खेल चरम पर पहुंच गया है। सुखपाल खैहरा की कन्वेंशन आज है और पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल इसे फेल करने के लिए अंतिम समय तक पूरा जाेर लगा रहे हैं।
चंडीगढ़, [मनोज त्रिपाठी]। आम आदमी पार्टी में दिल्ली नेतृत्व अौर पंजाब के नेताओं के बीच टकराव चरम पर पहुंच गया है। आप के असंतुष्ट विधायकों का नेतृत्व कर रहे पूर्व नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैहरा की बठिंडा में होने वाली कन्वेंशन आज है और खैहरा अपने लाव-लश्कर के साथ बठिंडा पहुंच चुके हैं। दूसरी ओर कन्वेंशन को किसी तरह रोकने के लिए आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने शक्ति प्रदर्शन से चंद घंटे पहले पंजाब के सभी आप विधायकों को दिल्ली बुला लिया।
खैहरा का एलान- कन्वेंशन तो होकर रहेगी, दिल्ली कुछ भी फैसला ले, फर्क नहीं पड़ता
खैहरा ने स्पष्ट कहा है, 'कन्वेंशन तो होकर रहेगी। दिल्ली में बैठे आप नेता भले ही अब कोई भी फैसला करें, कोई फर्क नहीं पड़ता।' इस बीच आप के कई विधायक बठिंडा पहुंच गए हैं। इनमें कंवर संधू, नाजर सिंह मानशाहिया, जगदेव कमालू, पिरमल सिंह खालसा, मास्टर बलदेव जैतो व जगतार सिंह रायकोट शामिल हैं।
केजरीवाल ने कहा- कन्वेंशन पार्टी विरोधी, विधायक पुनर्विचार करें, सिसोदिया ने 13 को बुलाई बैठक
उधर, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने इसे पार्टी विरोधी करार दिया है। उन्होंने विधायकों से पुनर्विचार की अपील की है। मनीष सिसोदिया ने भी 13 अगस्त को पंजाब में सभी विधायकों की बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा कि कुछ नेता अपने पद के लिए पार्टी तोडऩे पर तुले हैं।
बहरहाल, इस सारे घमासान के बीच आप कार्यकर्ता बठिंडा की कन्वेंशन में तय करेंगे कि पंजाब में पार्टी की दिश क्या होगी और पार्टी का ताज किसके सिर पर पहनाया जाए। पंजाब से खत्म होती जा रही आप से बागी हुए विधायक कन्वेंशन के लिए पहुंच चुके हैं। अभी इनकी सही संख्या का पता नहीं चला है, लेकिन कंवर संधू 14 विधायकों के पहुंचने का दावा पहले ही दावा कर चुके हैं।
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गौरतलब है कि खैहरा को 26 जुलाई को पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष के पद से हटा दिया था। उसके बाद अपने नौ विधायकों के समर्थन के साथ खैहरा ने फैसले पर दोबारा विचार करने की मांग की थी। दिल्ली में खैहरा गुट व मनीष सिसोदिया की बैठक बेनतीजा रही थी। इसके बाद से ही केजरीवाल की टीम कन्वेंशन रोकने में जुटी है, लेकिन खैहरा गुट ने 14 विधायकों के समर्थन का दावा किया है।
बुधवार को भी खैहरा ने सभी प्रमुख पार्टी नेताओं को फोन कर कन्वेंशन में शामिल होने की अपील की। पार्टी सूत्रों के अनुसार पंजाब में लगातार प्रयोग करने व पार्टी की पंजाब विरोधी नीतियों को लेकर बचे-खुचे कार्यकर्ताओं में केजरीवाल के खिलाफ काफी रोष है। इसका लाभ खैहरा को भीड़ के रूप में मिल सकता है। विधायक कंवर संधू पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि कनवेंशन में कार्यकर्ताओं की राय लेने के बाद ही खैहरा गुट फैसला लेगा कि पार्टी में रहना या पार्टी छोडऩी है।
कन्वेंशन का मुद्दा
कन्वेंशन का मुख्य मुद्दा यही है कि पंजाब के फैसले पंजाब की टीम को करने के अधिकार दिए जाएं। दिल्ली की दखलंदाजी बंद हो। सारे फैसले पारदर्शी रूप से लिए जाएं।
अगर 14 विधायक पहुंचे तो बदलेंगे समीकरण
अगर कनवेंशन में 14 विधायक पहंच जाते हैं तो खैहरा गुट पार्टी से अलग हो सकता है। उस स्थिति में खैहरा गुट 14 विधायकों के साथ अकाली दल के बराबर खड़ा हो जाएगा। केजरीवाल गुट के पास मात्र छह विधायक रह जाएंगे। उस स्थिति में नेता प्रतिपक्ष का पद भी केजरीवाल गुट के हाथ से निकल जाएगा।
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संजय सिंह व दुर्गेश पाठक भी पहुंचे
कन्वेंशन को असफल बनाने के लिए केजरीवाल ने पंजाब के पुराने प्रभारी रहे संजय सिंह व संगठन का काम देख चुके दु्र्गेश पाठक को पंजाब भेज दिया है। सूत्रों के अनुसार संजय सिंह ने बठिंडा में, जबकि दुर्गेश चंडीगढ़ में डेरा डाले हुए हैं।
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मजीठिया बोले- एकजुट रहें आप नेता
कन्वेंशन को लेकर खैहरा व अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया में हो रही बातचीत को लेकर मजीठिया ने बुधवार को कहा कि आप के नेताओं को एकजुट रहना चाहिए। सूत्रों के अनुसार मजीठिया चाहते हैं कि कन्वेंशन सफल हो। इसे लेकर वह खैहरा को अंदरखाते समर्थन भी कर रहे हैं।
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घुग्गी ने कहा, खैहरा का समर्थन करो
पार्टी के पूर्व कन्वीनर रहे गुरप्रीत सिंह घुग्गी ने बुधवार को एक वीडियो जारी कर कहा कि दिल्ली की धक्केशाही के खिलाफ व पंजाब की टीम का समर्थन करने के लिए ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ता कनवेंशन स्थल पर पहुंचे।
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कन्वेंशन के मायने
खैहरा के लिए...
सुखपाल खैहरा व कंवर संधू के दावे के मुताबिक यदि 14 विधायक और काफी संख्या में वॉलंटियर्स कन्वेंशन में पहुंचते हैैं, तो प्रदेश की सियासत में खैहरा और मजबूती से उभरेंगे। यदि ज्यादातर विधायक नहीं पहुंचते हैैं और कन्वेंशन सफल नहीं होती है, तो खैहरा का सियासी भविष्य खतरे में पड़ सकता है।
केजरीवाल के लिए...
कन्वेंशन यदि सफल होती है, तो निश्चित रूप से पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के लिए पंजाब में चुनौती बढ़ जाएगी। पार्टी दोफाड़ भी सकती है। आप के लिए अगले लोकसभा चुनाव की राह मुश्किल हो जाएगी।