मलेरिया से मुकाबले में ट्राईसिटी देश के टॉप 15 शहरों में हुआ शामिल Chandigarh News
ये वे शहर हैं जहां प्रति एक हजार की आबादी पर मलेरिया के मरीजों की संख्या एक पर पहुंच चुकी है। यानि अब वे शहर मलेरिया से मुक्ति पाने के करीब पहुंच चुके हैं।
चंडीगढ़ [वीणा तिवारी]। मलेरिया से मुकाबले में ट्राईसिटी देश के टॉप 15 बेस्ट शहरों में शामिल हो चुका है। ये वे शहर हैं जहां प्रति एक हजार की आबादी पर मलेरिया के मरीजों की संख्या एक पर पहुंच चुकी है। यानि अब वे शहर मलेरिया से मुक्ति पाने के करीब पहुंच चुके हैं। अब इस एक की संख्या को शून्य पर लाने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत 2 से 4 सितंबर तक दिल्ली में एक स्पेशल वर्कशॉप आयोजित की जा रही है। उस वर्कशॉप में ट्राईसिटी समेत अन्य शहरों से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। वर्कशॉप में उन्हें मलेरिया उन्मूलन के उपाय सुझाने के साथ ही उनके बेहतर परफॉर्मेंस के माध्यमों को भी साझा किया जाएगा, ताकि उनके अनुभवों के आधार पर पिछड़े शहरों को मलेरिया के मच्छरों पर काबू का बेहतर आइडिया दिया जा सके।
लिस्ट में ट्राईसिटी समेत 14 अन्य शहर शामिल
इस प्रोजेक्ट में देशभर के शहरों और यूटी को चार वर्ग में बांटा गया है। पहले वर्ग में उन्मूलन के बाद वाले शहरों और यूटी को रखा गया है। जिसमें फिलहाल एक भी नाम शामिल नहीं है। वहीं दूसरे वर्ग में इलीमनेशन फेज के तहत प्रति एक हजार की आबादी पर एक मलेरिया के मरीज मिलने वाले शहर को रखा गया है। इसमें ट्राईसिटी समेत अन्य 14 शहर शामिल हैं। तीसरे वर्ग में ऐसे स्टेट और यूटी को स्थान मिला है जहां कुछ शहरों का तो आंकड़ा प्रति एक हजार पर एक है लेकिन ये स्थिति उनके सभी शहरों में नहीं है। देश के 11 स्टेट और यूटी को प्री इलीमनेशन फेज में रखा गया है। अंतिम और चौथे वर्ग में ऐसे 10 स्टेट और यूटी हैं जहां मलेरिया के मरीजों की संख्या और मलेरिया फैलने का खतरा बाकी तीनों की तुलना में ज्यादा है। इसे इंटेंसीफाइड कंट्रोल फेज का नाम दिया गया है।
इलीमनेशन फेज में इन्होंने बनाया है स्थान
सेकेंड कैटेगरी में ट्राईसिटी समेत जिन स्टेट और यूटी को शामिल किया गया है उसमें गोवा, दमन एंड दीप, दिल्ली, सिक्किम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, मनीपुर, लक्ष्यदीप, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड शामिल हैं। 117 से 44 पर पहुंचा आंकड़ा ट्राईसिटी में मलेरिया से बचाव के प्रयासों का ही नतीजा है कि वह सेकेंड फेज में स्थान बना पाया है। मलेरिया विभाग की गतिविधियों और बचाव कार्य के बल पर 2017 से 2018 के बीच मलेरिया के मरीजों की संख्या आधे से कम पर जा पहुंची है। 2017 में यहां मलेरिया के कुल 144 मामले सामने आये थे जो 2018 में 44 पर पहुंच गया है।
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