ट्राइसिटी की कॉमन समस्याओं से निपटने का प्लान होगा तैयार
ट्राइसिटी के कॉमन मुद्दों को आपसी तालमेल से हल करने पर सहमति बन गई है। स्ट्रे डॉग्स, स्ट्रे एनिमल्स और डेंगू-मलेरिया से निपटने का कॉमन प्लान तैयार होगा। आपस में आइडिया शेयरिंग होगी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : ट्राइसिटी के कॉमन मुद्दों को आपसी तालमेल से हल करने पर सहमति बन गई है। स्ट्रे डॉग्स, स्ट्रे एनिमल्स और डेंगू-मलेरिया से निपटने का कॉमन प्लान तैयार होगा। आपस में आइडिया शेयरिंग होगी। यह फैसला रविवार को सीनियर सिटीजन एसोसिएशन (सिया) की तरफ से बुलाई गई ट्राइसिटी की मीटिंग में लिया गया। इस मीटिंग में चंडीगढ़ के नगर निगम कमिश्नर केके यादव और मोहाली निगम कमिश्नर संदीप हंस ने आपसी चर्चा के बाद कॉमन मुद्दों पर साथ मिलकर काम करने का फैसला लिया। पंचकूला कमिश्नर राजेश जोगपाल किन्हीं कारणों से मीटिंग में नहीं आए। सिया प्रेजिडेंट आरके गर्ग ने कहा कि यह पहला प्रयास था। ट्राइसिटी के साथ आगे अलग से तीनों शहरों के मुद्दों पर भी चर्चा होगी। स्ट्रे डॉग्स के मामले पर घिरे
स्ट्रे डॉग्स के आतंक पर सीनियर सिटीजंस ने अधिकारियों से जवाब मांगा। लोगों ने कहा कि वह पार्क में सैर करने नहीं जा सकते। सड़क पर पैदल नहीं चल सकते। वह इस स्थिति में भी नहीं कि स्ट्रे डॉग्स से निपट सकें। इतना ही नहीं अपनी सुरक्षा के लिए डॉग्स को लात तक नहीं मार सकते। वह उन्हें बेशक काट कर मार दे। लेकिन डॉग्स को मारना अपराध है। पीसी सांघी ने कहा कि डॉग्स स्टर्लाइजेशन सही से होनी चाहिए। आखिर स्टरलाइजेशन के बाद संख्या तेजी से बढ़ने का क्या कारण है। कमिश्नर केके यादव ने कहा कि उन्होंने डॉग स्टरलाइजेशन सेंटर को अपग्रेड कराया है। पेट डॉग्स के लिए बायलॉज बनाकर सख्ती से पालन करा रहे हैं। ट्राइसिटी में एक साथ स्टर्लाइजेशन का काम भी होगा। पंचकूला की तरह लगेंगे डॉग रिपेलर
पंचकूला ने स्ट्रे डॉग्स को भागने के लिए डॉग रेपेलर डिवाइस लगानी शुरू की हैं। पार्को व अन्य जगहों पर इन्हें लगाया जा रहा है। ट्राइसिटी मीटिंग में चर्चा के बाद यूटी कमिश्नर केके यादव ने चंडीगढ़ में भी इन्हें लगाने को कहा। पंचकूला ने प्रति डिवाइस 750 रुपये में खरीदी है। इसकी रेंज 20 फुट तक है। अल्ट्रासोनिक डॉग रेपेलेंट और आउट एक्सप्रो डिवाइस 500 मीटर तक कवर करती है। डिवाइस से निकलने वाली तरंगों के प्रभाव से डॉग्स पास नहीं आते। ऐसी ही डिवाइस चंडीगढ़ के लिए भी खरीदने के लिए टेंडर जारी होगा। कंक्रीट की जगह लगे क्ले टाइल्स
सीए प्रेम गर्ग ने सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट की समस्या से निपटने के लिए ग्रीन और ब्ल्यू गारबेज वैन चलाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि सप्ताह में दोनों वैन आने के दिन बांधे जा सकते हैं। जिससे लोग गीला और सूखा कचरा अलग कर घरों के बाहर वैन में डाल सकेंगे। इसके अलावा शहर की ग्रीनरी बचाने के लिए उन्होंने कहा कि कंक्रीट के पेवरब्लॉक पेड़ों के लिए घातक हैं। इनसे न पेड़ों को पानी मिल पाता है और न ही हवा। इनकी जगह क्ले टाइल्स का इस्तेमाल होना चाहिए। बहुत सी जगह ऐसा हो भी रहा है। प्रो. दीपिका गांधी ने वेंडर्स को रैंडमली स्पेस देने की बजाए उनकी जरूरत अनुसार जगह देने का सुझाव दिया। साथ ही ट्राइसिटी के लिए कॉमन कम्युनिटी सेंटर बनाए जाने का सुझाव भी दिया। -----------------
सिया का यह प्रयास बेहद सराहनीय है। जो भी समस्याएं और सुझाव लोगों ने गिनाएं हैं उन पर काम करेंगे। भविष्य में ट्राइसिटी के साथ मिलकर काम करने से कॉमन समस्याओं को आसानी से सुलझाया जा सकेगा।
केके यादव, कमिश्नर, एमसी चंडीगढ़।
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मोहाली में पॉलीथिन और प्लास्टिक फ्री बनाने के लिए डिस्पॉज ऑफ होने वाले बैग का विकल्प अपनाया गया है। इसकी कीमत पॉलीथिन से थोड़ी ही ज्यादा है। लेकिन इससे मोहाली पॉलीथिन मुक्त होगा। स्ट्रे डॉग्स और एनिमल्स की समस्या को ऐसी मीटिंग में कॉमन एजेंडा तैयार कर सुलझाया जाएगा।
संदीप हंस, कमिश्नर, एमसी मोहाली।