रिश्वत मामले में ज्वाइंट डायरेक्टर जगजीत सिंह पर शुरू होगा ट्रायल Chandigarh News
अदालत ने जगजीत द्वारा दायर की गई डिस्चार्ज एप्लीकेशन को भी खारिज कर दिया है। जगजीत ने पेशी से बचने के लिए याचिका दायर कर कहा था कि उसकी तबीयत सही नहीं रहती।
चंडीगढ़, जेएनएन। सीबीआइ की स्पेशल अदालत में अब आरोपित जगजीत सिंह पर रिश्वत मामले में ट्रायल शुरू होगा। मंगलवार को अदालत ने जगजीत पर भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा-7 और 11)( डी)के तहत आरोप तय कर दिए हैं। वहीं, जगजीत द्वारा अदालत में बार-बार आधारहीन याचिकाएं लगाने पर अदालत ने पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
अदालत ने यह पैसे जगजीत को डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी में जमा करवाने के लिए कहा है। अब मामले में अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी। अदालत ने जगजीत द्वारा दायर की गई डिस्चार्ज एप्लीकेशन को भी खारिज कर दिया है। वहीं, पिछली सुनवाई के दौरान जगजीत ने पेशी से बचने के लिए याचिका दायर कर कहा था कि उसकी तबीयत सही नहीं रहती, जिसके लिए उसने मेडिकल रिपोर्ट भी पेश की थी। लेकिन अदालत को इस रिपोर्ट पर शक हुआ तो रिपोर्ट बनाने वाले मोहाली के अस्पताल के सीएमओ को रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था।। लेकिन मंगलवार को सीएमओ ने भी अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश नहीं की। अब अदालत ने अगली सुनवाई पर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
सीबीआइ ने किया था गिरफ्तार
जगजीत पंजाब स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन एंड इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग के ज्वाइंट डायरेक्टर के रूप में तैनात था। रिश्वत लेने के मामले सीबीआइ ने उसे फरवरी, 2017 में गिरफ्तार किया था। आरोप के मुताबिक जगजीत ने एक आइटीआइ इंस्टीट्यूट के मालिक से 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। जगजीत ने वहां पर रेड कर आइटीआइ संस्थान पर केस बनाया था कि वहां पर बच्चे फिजिकली प्रेजेंट नहीं होते, लेकिन उनकी अटेंडेंस दिखाई जाती है। आरोप के मुताबिक पीएसबीटीई और आइटी विभाग ने उस संस्थान की एफिलिएशन कैंसिल करने के लिए शोकॉज नोटिस दिया था। जब संस्थान के मालिक ने विभाग में जाकर बात की तो वहां जगजीत ने इस मामले को रफादफा करने के लिए 50 हजार रुपये मांगे। संस्थान के मालिक ने सीबीआइ को शिकायत दी थी जिसके बाद जगजीत ङ्क्षसह को गिरफ्तार किया गया।
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