अब देश भर में पेड़ काटे नहीं जाएंगे, रीप्लांट होंगे
केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की कोशिश कामयाब रही तो देश भर में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जल्द ही बड़ी पहल होगी।
बनेगी पॉलिसी
- केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट देहरादून के माध्यम से मांगे सुझाव
- अलग-अलग राज्यों से सुझाव आने के बाद मंत्रालय बनाएगा पॉलिसी
हाईलाइटर
- 125 पेड़ चंडीगढ़ में अब तक किए जा चुके हैं री प्लांट
- 2016 में पर्यावरणविद् राहुल महाजन ने की थी पहल
50 से 70 साल पुराने पेड़ भी शहर में किए गए हैं रीप्लाट
राजेश ढल्ल
केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की कोशिश कामयाब रही तो देश भर में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जल्द ही बड़ी पहल होगी। इसके तहत पेड़ों को काटा नहीं, बल्कि उन्हें रीप्लांट किया जाएगा। मंत्रालय ने फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट देहरादून के माध्यम से इस संबंध में सुझाव मांगे हैं। मामले में देश के अलग-अलग राज्यों से सुझाव आने के बाद मंत्रालय की तरफ से इस दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर पॉलिसी तय होगी। खास बात यह है कि चंडीगढ़ में पेड़ों को रीप्लाट करने की पहल इस मामले में बड़ा उदाहरण बना है।
शहर में 50 से 70 साल पुराने पेड़ भी काटने की बजाय रीप्लाट किए गए हैं। ट्री मैन कहे जाने वाले शहर के पर्यावरणविद् राहुल महाजन ने सबसे पहले साल 2016 में ऐसी पहल की थी। फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ने राहुल महाजन और चंडीगढ़ के वन विभाग से भी इस मामले में सलाह मागी है।
शहर में अब तक 125 पेड़ री प्लांट हो चुके हैं। इनमें से सरकारी तौर पर चंडीगढ़ नगर निगम के बागवानी विभाग ने भी कई पेड़ रीप्लांट कराए हैं जो कि अब लोगों को फिर से छाया दे रहे हैं। पेड़ों को री प्लांट करने की तकनीक सबसे पहले अपनाने वाले राहुल महाजन ने इसकी शुरुआत तक की थी कि जब 2016(सितंबर) में सड़क किनारे गिरे पड़े एक पेड़ को उन्होंने रीप्लांट किया था। उस समय प्रशासन के स्तर पर भी यह माना जा रहा था कि सेक्टर-26 के चौक के पास रीप्लांट किया गया पेड़ फिर से हराभरा नहीं हो सकता, लेकिन अब यह पेड़ फिर से हरा हो गया तो प्रशासन और नगर निगम ने भी इसकी सराहना की और तय किया कि शहर में आगे भी ऐसी कोशिश जारी रखी जाएगी।
आएगी 15 से 25 हजार रुपये की लागत
राहुल महाजन ने फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट देहरादून को जो सुझाव भेजे हैं, उसमें बताया गया है कि एक पेड़ को हटाकर उसे दूसरी जगह री प्लांट करने पर 15 से 25 हजार रुपये का खर्चा आता है। अपने सुझाव में महाजन ने बताया है कि सेक्टर-26 में दो, धनास में 13, पंजाब विश्वविद्यालय के 50, सेक्टर-20 के आठ, सेक्टर-16 में दो पेड़ों को दूसरी जगह पर रीप्लांट किया गया है। अब सभी पेड़े हरे भरे हो चुके हैं। नगर निगम के बागवानी विभाग के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर कृष्ण पाल का कहना है कि अब सरकारी तौर पर भी जो पेड़ प्रोजेक्ट्स के रास्ते में आते हैं या तेज हवा के दौरान सड़क पर गिर जाते हैं, उन्हें रीप्लांट किया जा सकता है। एमसी ने अपने स्तर पर वर्षो पुराने पेड़ों को एक जगह से दूसरी जगह पर रीप्लांट किया भी है।