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सीबीआइ विशेष कोर्ट की जज गगन गीत कौर का ट्रासफर

विशाल पाठक, चंडीगढ़ : मात्र डेढ़ साल की तैनाती में ही बहुचर्चित और हाईप्रोफाइल मामलों में पूर्व ज

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Dec 2018 07:03 PM (IST)Updated: Sat, 01 Dec 2018 07:03 PM (IST)
सीबीआइ विशेष कोर्ट की जज गगन गीत कौर का ट्रासफर
सीबीआइ विशेष कोर्ट की जज गगन गीत कौर का ट्रासफर

विशाल पाठक, चंडीगढ़ : मात्र डेढ़ साल की तैनाती में ही बहुचर्चित और हाईप्रोफाइल मामलों में पूर्व जज, रिटायर्ड कर्नल, आइपीएस, एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर, बीएसएफ डीआइजी, एआइजी जैसे बड़े पदों पर आसीन अफसरों को सलाखों के पीछे पहुंचाने वाली जिला अदालत स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत की जज डॉ. गगन गीत कौर का जिला अदालत में ही दूसरी कोर्ट में ट्रासफर कर दिया गया है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से 30 नवंबर को जारी आदेश के तहत हरियाणा कैडर की एडीजे डॉ. गगन जीत कौर की जगह पंजाब कैडर के एडीजे संजीव जोशी को लगाया गया है। सूत्रों के अनुसार उनकी ट्रासफर के पीछे सख्त रैवये को कारण माना जा रहा है। इससे कई वकील केसों की तारीख पर अगली तारीख ही माग लेते हैं। सूत्र इस ट्रासफर को पंजाब पुलिस के एक आला अधिकारी से जुड़े केस से भी जोड़कर देखा जा रहा है। हाईकोर्ट के पूर्व के सर्कुलर के मुताबिक जिला अदालत में सेशन जज की पोस्ट पर पंजाब कैडर और सीबीआइ की विशेष अदालत में हरियाणा कैडर के ही जज की नियुक्ति होगी। जबकि, हरियाणा कैडर की गगन जीत कौर की जगह पंजाब कैडर के एडीजे संजीव जोशी को तैनात किया गया है। डॉ. गगन गीत कौर पिछले साल जुलाई में तैनाती के बाद से चर्चा में रही हैं। उनके करीब डेढ़ साल में उन्होंने कई हाईप्रोफाइल केसों में फैसला सुनाया है। इनमें से कुछ केस 20 से 28 साल पुराने भी थे। भ्रष्टाचार के इन केसों में एडीजे गगन गीत ने पूर्व जज, रिटायर्ड कर्नल, एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर, आइपीएस देशराज, एआइजी पीएस संधू, जेएंडके सेक्स स्कैंडल में बीएसएफ डीआइजी के अलावा कई अन्य हाईप्रोफाइल केसों में दोषियों को सलाखों को पीछे पहुंचाया है। सीबीआइ कोर्ट में डेढ़ साल की तैनाती के दौरान ही डॉ. गगन गीत ने करीब एक दर्जन केसों में अंतिम फैसला सुनाया है। इस समय भी सीबीआइ कोर्ट में कई महत्वपूर्ण केसों का ट्रायल चल रहा है। वहीं, एडीजे गगन गीत कौर के आरोपितों के प्रति सख्त रवैये के कारण अधिकतर हाईप्रोफाइल लोग हाईकोर्ट से किन्हीं कारणों से स्टे ले चुके हैं। वहीं, कुछ मामले जो अंतिम स्टेज पर हैं, उनमें भी अंतिम फैसले पर हाईकोर्ट से कुछ कारणों से रोक लगवा चुके हैं। ये हाईप्रोफाइल केस हैं विचाराधीन

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-पंजाब पुलिस के फिरोजपुर रेंज के आइजी गुरिंदर सिंह ढिल्लों के नाम पर 22 लाख रुपये रिश्वत लेने का मामला। हालाकि सीबीआइ ने अभी मामले में चार्जशीट दायर नहीं की है, लेकिन आइजी का नाम एफआइआर में दर्ज है।

-यूटी पुलिस के डीएसपी (निलंबित) आरसी मीणा, एसआइ सुरेंद्र भारद्वाज समेत दो बिजनेसमैन संजय दहूजा और अमन ग्रोवर से जुड़ा 70 लाख रुपये रिश्वत का मामला।

-50 हजार रुपये रिश्वत लेने के मामले में सीबीआइ द्वारा रंगेहाथ पकड़ी गई एसडीएम ईस्ट व नगर निगम की ज्वाइंट कमिश्नर रही शिल्पी पातर का मामला।

-जज नोटकाड : हाईकोर्ट में जज रहीं जस्टिस (सेवानिवृत्त) निर्मल यादव से जुड़ा 15 लाख रुपये रिश्वत का मामला।

-एक लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में फंसी पंजाब पुलिस की डीएसपी राका गेरा का केस।

-एक लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार आइएफएस वीरेंद्र चौधरी का केस। डेढ़ साल में इन हाईप्रोफाइल मामलों में सुनाए फैसले

22-08-2017 : 27 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति मामले में रिटायर्ड कर्नल बलविंदर सिंह गोराया को पाच साल की सजा सुनाई।

21-12-2017 : 19 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व जज मनमोहन सिंह वालिया को भ्रष्टाचार के मामले में चार साल की सजा सुनाई।

10-10-2018 : छह साल पहले एक लाख रुपये रिश्वत लेते पकड़े गए यूटी में तैनात रहे तत्कालीन एसपी देसराज को तीन साल की सजा सुनाई।

03-08-2018 : पंजाब पुलिस के एआइजी पीएस संधू को 50 हजार रुपये रिश्वत प्रकरण में 7 साल बाद तीन साल की सजा सुनाई।

06-06-2018 : जम्मू सेक्स स्कैंडल के तीन मामलों में फैसला सुनाया। इनमें बीएसएफ के पूर्व डीआइजी केसी पाड़ी, जम्मू पुलिस के पूर्व डीएसपी मोहम्मद अशरफ मीर समेत शब्बीर अहमद लवे, मसूद अहमद उर्फ मकसूद और शब्बीर अहमद लान्गू को 10-10 साल की सजा सुनाई। इस अहम केसों की अपील हैं विचाराधीन

सीबीआइ की विशेष अदालत में लोअर कोर्ट से सीबीआइ के केसों में सजा पाए कई अहम केसों की अपील भी शामिल है। इनमें अमल राज उर्फ अरुल राज के अलावा विशाल अत्री और राजेंद्र गर्ग की अपील भी शामिल है। विशाल अत्री और राजेंद्र गर्ग को 14 मार्च 2017 में अवैध रूप से टेलीफोन एक्सचेंज चलाने के 12 साल पुराने मामले में एक्सचेंज मालिकों सेक्टर-15बी निवासी राजेंद्र गर्ग को तीन साल और सेक्टर-51 निवासी विशाल अत्री को एक साल की सजा सुनाई थी। इनकी सजा के खिलाफ अपील भी सीबीआइ कोर्ट में विचाराधीन है।


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