चंडीगढ़-अंबाला-दिल्ली के बीच 130 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन, तैयारी पूरी
चंडीगढ़-अंबाला व दिल्ली के बीच जल्द ही ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ती नजर आएंगी। इसके लिए रेलवे बोर्ड को प्रोजेक्ट भेज दिया गया है।
चंडीगढ़ [वैभव शर्मा]। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से चलने वाली ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाने को लेकर कई वर्षों से तैयारियां चल रही हैंं। हालांकि इन सबके बीच करीब चार वर्ष पहले कुछ सुपरफास्ट और मेल एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड को बढ़ाया भी गया है, लेकिन ज्यादा नहीं थी। अब अंबाला मंडल की ओर से चंडीगढ़-अंबाला-दिल्ली रेल ट्रेक पर 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की तैयारियां की जा रही हैंं। बहुत जल्द इस ओर कार्य भी शुरू हो जाएगा। इससे पहले भी दो वर्ष ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने को लेकर एक प्रपोजल अंबाला मंडल की ओर से रेलवे बोर्ड को भेजा गया था। अब जो प्रोजेक्ट अंबाला मंडल ने रेलवे बोर्ड को भेजा है, उसे रेलवे बोर्ड की ओर से हरी झंडी भी मिल गई है।
शताब्दी पर रहेगा पहला फोकस
सूत्रों के अनुसार अंबाला मंडल की प्राथामिकता चंडीगढ़ से नई दिल्ली के बीच चलने वाली शताब्दी है। उसके अलावा शताब्दी के बाद जन-शताब्दी, पश्चिम एक्सप्रेस, गरीब रथ, ऊंचाहार एक्सप्रेस, सदभावना आदि ट्रेनों की स्पीड को भी बढ़ाया जाएगा।
ट्रैक है 130 किमी स्पीड के लिए बिल्कुल फिट
चंडीगढ़-अंबाला-नई दिल्ली के बीच बना रेल ट्रेक का लॉकडाउन में टेस्टिंग हुई थी। जिसमें पाया गया कि यह ट्रेक 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के लिए बिल्कुल फिट है। उसके अलावा नॉर्दर्न रेलवे की ओर से चंडीगढ़-अंबाला के बीच कर्व के लिए भी तकनीकी सहायता ली जा रही है।
डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग सिस्टम को किया जाएगा अपग्रेड
ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए सबसे पहले डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा। इसके कार्य बहुत जल्द शुरू होने वाला है। डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग सिस्टम को अग्रेड करने से ड्राइवर को तीन स्टेशन पहले का सिग्नल पता लग जाएगा। स्पीड बढ़ाने के लिए डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग सिस्टम का अपग्रेड होना सबसे ज्यादा जरूरी है। इस सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए पांच करोड़ रुपये खर्च होंगे। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से इस सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा।
समय की होगी बचत
रेलवे सूत्रों की माने तो इस समय चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से चलने वाली शताब्दी तीन घंटे 25 मिनट में नई दिल्ली पहुंच जाती है। आने वाले समय में शताब्दी की स्पीड बढऩे से यात्रियों का काफी समय बचेगा। अभी फिलहाल इस ट्रेक पर शताब्दी की स्पीड 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है।
प्रोजेक्ट भेज दिया है
अंबाला रेल मंडल के डीआरएम गुरिंदर मोहन सिंह का कहना है कि हमने रेलवे बोर्ड को ट्रेन की स्पीड बढ़ाने को लेकर रेलवे बोर्ड को प्रोजेक्ट भेज दिया है। डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग सिस्टम को अपग्रेड करने के बाद हम किसी भी ट्रेन की स्पीड को बढ़ा सकते हैं। अभी फोकस शताब्दी पर है। उसके बाद अन्य ट्रेनों के बारे में विचार किया जाएगा।