फेस्टिवल सीजन में निगम खुद बना रोड़ा, स्टॉल लगाने की मंजूरी न मिलने से व्यापारी परेशान
चंडीगढ़ के व्यापारी शहर में फेस्टिवल सीजन में करोड़ों रुपये का कारोबार करते हैं लेकिन इस बार दशहरे पर शहर में स्टॉल लगाने की मंजूरी नहीं मिली है।
चंडीगढ़ [राजेश ढल्ल]। अभी तक फेस्टिवल सीजन में नगर निगम ने बाजारों में स्टाल लगाने की मंजूरी नहीं दी है। इस कारण शहर के व्यापारी यह तय नहीं कर पा रहे है कि वह कारोबार करने के लिए माल लाएं या नहीं। बता दें कि व्यापारी शहर में फेस्टिवल सीजन में करोड़ों रुपये का कारोबार करते हैं लेकिन इस बार दशहरे पर शहर में स्टॉल लगाने की मंजूरी नहीं मिली है। यानी दशहरे के दिन बाजारों में जो स्टाल लगेंगे, उन्हें अवैध माना जाएगा। आगे करवाचौथ और दीवाली का त्योहार आ रहा है। नगर निगम ने इस संबंध में कानूनी राय मांगी हुई जो कि सोमवार शाम तक आने की उम्मीद है। उसके बाद आगामी निर्णय लिया जाएगा।
व्यापार मंडल के चेयरमैन चरणजीव सिंह का कहना है कि बाजारों में स्टाल लगाने की मंजूरी न मिलने से इस बार व्यापारी काफी परेशान हैं। कई व्यापारियों ने माल मंगवा लिया है पर अब उन्हें नुकसान होने का खतरा है। कई व्यापारी ऐसे भी है जिन्होंने माल नहीं मंगवाया है। उनका कहना है कि व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल कमिश्नर और मेयर राजेश कालिया से मिल चुका है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द स्टॉल लगाने की मंजूरी दे दी जाएगी।
व्यापार मंडल के महासचिव संजीव चढ्ढा का कहना है कि व्यापारियों को गैर रजिस्टर्ड वेंडर्स नहीं माना जा सकता है। पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने गैर रजिस्टर्ड वेंडर्स को हटाने के निर्देश दिए हैं ऐसे में व्यापारियाे को अपनी दुकानों के बाहर स्टाल लगाने की मंजूरी देनी चाहिए। ऐसा न करके नगर निगम खुद ही फेस्टिवल सीजन को खत्म कर रहा है।
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