WhatsApp पर जानकार की डीपी लगा तीन रिटायर्ड बैंक अफसरों से सवा तीन लाख ठगे Chandigarh News
पहली बार ऐसा मामला सामने आया है जब साइबर ठगों ने तीनों रिटायर्ड एजीएम के एक जानकार का फोटो व अन्य जानकारी चोरी कर और उसका इस्तेमाल करते हुए उनसे वाट्सएप पर पैसे मांगे।
चंडीगढ़, जेएनएन। सिटी के रिटायर्ड अफसर एक बार फिर साइबर अपराधियों के निशाने पर हैं। इस बार साइबर अपराधियों ने नए तरीके से ठगी को अंजाम दिया है। ऐसा मामला पहली बार सामने आया है जब साइबर ठगों ने तीनों रिटायर्ड एजीएम के एक जानकार का फोटो व अन्य जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से चोरी की और फिर उसका इस्तेमाल करते हुए उनसे इमरजेंसी के नाम पर वाट्सएप पर पैसे मांगे। अलग-अलग समय में तीनों से कुल 3.30 लाख रुपये की ठगी की गई। ठगे जाने का पता चलने पर उन्होंने साइबर सेल में इसकी शिकायत दी। शिकायत के बाद सेक्टर-49 थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ ठगी व आइटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। तीन महीने पुरानी शिकायत के बावजूद यूटी पुलिस अब तक ठगों के मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट, लोकेशन तक का सुराग नहीं लगा पाई है।
अधिकारियों ने बिना कन्फर्म किए ही डाल दी रकम
सेक्टर-63 स्थित फ्लैट्स में रहने वाले बैंक ऑफ इंडिया से रिटायर्ड एजीएम पवन कुमार केसरी, सिंडीकेट बैंक से रिटायर्ड सुरेश शर्मा और सेक्टर-47 निवासी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से रिटायर्ड एसी शर्मा ने पुलिस को 24 जून 2019 को शिकायत दी थी। पवन कुमार ने बताया कि आरोपितों ने उनके अन्य रिटायर्ड बैंक अधिकारी दोस्त का फेसबुक पर लगा फोटो अपने वाट्सएप नंबर की डीपी पर लगाने के बाद उन्हें मैसेज किया। इसमें उसने कहा कि उसकी पत्नी की बहन की हालत काफी नाजुक है और तुरंत ढाई लाख रुपये की जरूरत है। साथ ही उसने वाट््सएप पर बैंक अकाउंट व अन्य जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने बताए गए बैंक अकाउंट में दो लाख पांच हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने ऐसा ही अन्य दोनों शिकायतकर्ताओं के साथ भी किया। उन्होंने भी बताए गए अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर दिए।
जानकार को फोन करने पर पता लगा ठगी के बारे में
कुछ दिन बाद पीडि़तों ने जानकार को फोन कर उनकी पत्नी की बहन की तबीयत के बारे में पूछा तो उन्हें खुद के ठगे जाने का पता चला। इसके बाद उन्होंने यूटी पुलिस, आरबीआइ और संबंधित बैंक में शिकायत दी। पवन कुमार से दो लाख पांच हजार, सुरेश शर्मा से 50 हजार और एसी शर्मा से 75 हजार रुपये की ठगी की हैं। आरोपितों ने रिटायर्ड बैंक अधिकारियों के करीबी लोगों के फोटो और डिटेल्स फेसबुक से निकाल रखे हैं।