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पंचकूला के तीन निजी अस्पतालों ने 18 मरीजों से की ओवरचार्जिग, लौटाने पड़े 17.83 लाख

आपदा को अवसर समझकर मरीजों से इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों की ओर से की गई ओवरचार्जिग के मामले में प्रशासन अब सख्त हुआ है। इस मामले में सख्ती के बाद शहर के तीन बड़े निजी अस्पतालों के तेवर नरम हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 10:54 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 10:54 PM (IST)
पंचकूला के तीन निजी अस्पतालों ने 18 मरीजों से की  ओवरचार्जिग, लौटाने पड़े 17.83 लाख
पंचकूला के तीन निजी अस्पतालों ने 18 मरीजों से की ओवरचार्जिग, लौटाने पड़े 17.83 लाख

जागरण संवाददाता, पंचकूला :

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आपदा को अवसर समझकर मरीजों से इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों की ओर से की गई ओवरचार्जिग के मामले में प्रशासन अब सख्त हुआ है। इस मामले में सख्ती के बाद शहर के तीन बड़े निजी अस्पतालों के तेवर नरम हुए हैं। इन अस्पतालों की ओर से 18 मरीजों से की गई ओवरचार्जिग के मामले में अब मरीजों को 17.83 लाख रुपये लौटाने पड़े हैं।

हालांकि ऐसे मामले पूरी ट्राईसिटी से सामने आ रहे हैं। चंडीगढ़ में भी इसे लेकर सख्ती का सिलसिला शुरू हो गया है। पंचकूला जिला प्रशासन को शिकायत मिली थी कि 18 कोरोना संक्रमित मरीजों से इलाज के नाम पर 17 लाख 83 हजार 648 रुपये की ओवरचार्जिग की गई। इन अस्पतालों ने जांच रिपोर्ट आने के बाद मरीजों को यह राशि लौटाई है। प्रशासन की ओर से की गई जांच में ओवरचार्जिग की पुष्टि हुई थी। इस आधार पर संबंधित अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया। इन अस्पतालों ने लौटाई रकम

- सेक्टर-21 स्थित अल्केमिस्ट अस्पताल ने चार लोगों को 49715 रुपये लौटाए हैं।

- सेक्टर-25 स्थित विग अस्पताल ने तीन लोगों को 177654 रुपये लौटाए लौटाए।

- नाडा साहिब सेक्टर 23 स्थित पारस अस्पताल प्रबंधन ने 11 लोगों को 10 लाख 51074 रुपये लौटाए हैं। प्रशासन के पास अब भी आ रहीं शिकायतें

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता के निर्देश पर प्रशासन द्वारा गठित निगरानी कमेटी के पास अभी भी लगातार शिकायतें आ रही हैं। निगरानी कमेटी के सदस्य ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए जांच कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा गठित आठ सदस्यीय कमेटी ने शिकायत के आधार पर तीनों अस्पतालों में कोरोना मरीजों के बिलों की जांच की थी, जिसमें कई बिलों में गड़बड़ी सामने आई थी। कमेटी के सदस्यों ने जांच के दौरान पाया कि जो मरीज किसी मेडिक्लेम के तहत अपना इलाज करवा रहे हैं उनके बिल बहुत ज्यादा हैं, जबकि जो सामान्य रूप से इलाज करवा रहे हैं उनके बिल कम हैं। इसके बाद निगरानी कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट अतिरिक्त उपायुक्त को सौंपी थी। जिस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए अतिरिक्त उपायुक्त ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। शहर के तीनों अस्पताल प्रबंधन ने प्रशासन के सामने पर्सनल हियरिग के दौरान ओवर चार्जिंग को लेकर गलती को स्वीकार किया था। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने तर्क दिया था कि बिल में गड़बड़ी गलती से हुई है, जिसकी वह जांच कर रहे हैं। यदि बिल अधिक लेना पाया गया तो वह लौटा देंगे। पर्सनल हियरिग के बाद प्रशासन ने तीनों अस्पतालों के संचालकों को स्वयं बिलों का ऑडिट करने का आदेश दिया था। निगरानी कमेटी की सख्ती के बाद तीन अस्पतालों ने 18 मरीजों को 17 लाख 83 हजार 648 रुपए लौटा दिए हैं। इन्हें मिली ओवरचार्जिग की राशि

अंजू अग्रवाल, राजेंद्र कुमार अग्रवाल, मिलन शर्मा, लीला देवी, अरुण कुमार, सावित्री रावत, राजे सिंह रावत, रामनिवास शर्मा (मृतक), कमला देवी (मृतक), ममता रानी (मृतक), सुरेश कुमार सूद, विजय कुमार गोयल, मानसिंह, कौशल्या गर्ग, सतपाल गोयल, राकेश बंसल, नितिन अग्रवाल, चंद्रकांता शर्मा से ओवरचार्जिंग की गई थी। इनके इलाज के दौरान वसूले गये अधिक रुपये वापिस करवाये गये हैं। निगरानी कमेटी में यह हैं शामिल

एडीसी मोहम्मद इमरान रजा, डीईडीसी संजीव राठी, डीसीएस/आईडीएसपी डॉ. राजीव नरवाल, एसएमओ डॉ. अंगिला ढिगरा, एसडीएस डॉ. शिवानी हुड्डा, आरएमओ डॉ. अर्चना अग्रवाल, एओ नरेंद्र कंडोला और हरियाणा स्टेट फार्मेसी काउंसिल सदस्य बीबी सिघल शामिल हैं। इंश्योरेंस, मेडिक्लेम के अंतर्गत इलाज करवाने वाले मरीजों के बिल में दो से तीन का अंतर पाया गया है। अस्पतालों द्वारा बिलों में एक्सरे, लेबोरेट्री, डॉक्टर फीस, इंजेक्शन और दवाइयों के दाम अधिक लगाए गए हैं। अस्पतालों को 25 जून 2020 से लेकर अब जितने भी कोरोना मरीजों का इलाज किया गया है। सभी के बिल खुद चेक करके रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को सौंपने के लिए कहा गया है।

-बीबी सिगल, सदस्य हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल।


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