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डंपिंग ग्राउंड में तैयार हो रहा कूड़े का रंगीन पहाड़, मास्क लगाकर भी काम करना हुआ मुश्किल Chandigarh News

डंपिंग ग्राउंड में खुले में डंप हजारों क्विंटल बायो मेडिकल वेस्ट को जानवर नोंचकर बाहर ला रहे हैं। वकाम करने वाले सफाई कर्मचारी मास्क लगाकर भी काम नहीं कर पा रहे हैं।

By Edited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 08:15 PM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 11:04 AM (IST)
डंपिंग ग्राउंड में तैयार हो रहा कूड़े का रंगीन पहाड़, मास्क लगाकर भी काम करना हुआ मुश्किल Chandigarh News
डंपिंग ग्राउंड में तैयार हो रहा कूड़े का रंगीन पहाड़, मास्क लगाकर भी काम करना हुआ मुश्किल Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। पीजीआइ प्रशासन की जरा सी अनदेखी के कारण पूरे कैंपस का वातावरण जहरीला होता जा रहा है। बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण को लेकर इनके लापरवाह रवैये के कारण नगर निगम अपने डंपिंग ग्राउंड से इनकी ट्रॉलियां बिना कलेक्शन के लौटा दे रहा है। जिससे लॉनड्री के पास बनाए गए मेन डंपिंग ग्राउंड के पास की स्थिति नरकीय हो चुकी है।

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स्थिति यह है कि डंपिंग ग्राउंड में खुले में डंप हजारों क्विंटल बायो मेडिकल वेस्ट को जानवर नोंचकर बाहर ला रहे हैं। वहां काम करने वाले सफाई कर्मचारी मास्क लगाकर भी काम नहीं कर पा रहे हैं। अलग-अलग पैकेट में डंप बायो मेडिकल वेस्ट से वहां कूड़े का रंगीन पहाड़ बनता जा रहा है। पीजीआइ के डॉक्टरों और कर्मचारियों का कहना है कि अगर व्यवस्था ठीक नहीं की गई तो चंद दिनों में पूरा कैंपस एपीडेमिक जोन बन जाएगा।

सेग्रीगेशन न होने से बढ़ी परेशानी

डंपिंग ग्राउंड पर काम कर रहे सफाई कर्मचारियों ने बताया कि सुबह नौ बजे से काम शुरू हो जाता है। एक-एक सामान को अलग-अलग पैकेट में रखा जाता है। सुबह 9 बजे पहली गाड़ी डंपिंग ग्राउंड जाती है, लेकिन ज्यादातर दिनों में उसे वहां से लौटा दिया जाता है। निगम के कर्मचारी ठीक से सेग्रीगेशन न होने का हवाला देकर पूरा कूड़ा वापस कर देते हैं। उसे यहां दोबारा अलग-अलग करवाया जाता है। एक ही काम को तीन से चार बार करने के बाद भी कूड़े का ढ़ेर कम नहीं हो रहा। इसकी बार-बार शिकायत मिलने के बावजूद पीजीआइ प्रशासन इस समस्या का समाधान नहीं तलाश रहा।

हजारों क्विंटल में से उठ रहा महज चंद किलो

पीजीआइ के बायो मेडिकल वेस्ट डंपिंग ग्राउंड में प्रतिदिन 20 से 25 हजार क्विंटल वेस्ट पहुंच रहा है, जबकि उसमें से 200 से 300 क्वींटल का ही उठान हो पा रहा है। ऐसी स्थिति में सैकड़ों क्विंटल कूड़े का हर दिन लगता अंबार परेशानी और बीमारियों का कारण बनता जा रहा है। यहां डंप काले, लाल, पीले और नीले रंग के पैकेट में सैंपल के साथ ही बेहद खतरनाक रसायन को खुले में रखा जा रहा है। इसके खतरे को देखते हुए ही एक दिन पहले यहां के स्टोर के कर्मचारियों ने एमएस ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था।


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