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हजारों बाल भिखारी, पर उन्हें नहीं ढूंढ पा रहे अधिकारी

पंजाब में हजारों बाल भिखारी हैं, लेकिन राज्य को बाल भिखारी मुक्त करवाने को लेकर शुरू अभियान लापरवाही के चलते उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 27 Feb 2018 03:17 PM (IST)Updated: Wed, 28 Feb 2018 01:27 PM (IST)
हजारों बाल भिखारी, पर उन्हें नहीं ढूंढ पा रहे अधिकारी
हजारों बाल भिखारी, पर उन्हें नहीं ढूंढ पा रहे अधिकारी

चंडीगढ़ [मनोज त्रिपाठी]। पंजाब को बाल भिखारी मुक्त करवाने को लेकर दो महीने पहले शुरू किया गया अभियान जिला स्तर पर बनी कमेटियों की लापरवाही के चलते उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा है। बाल अधिकार आयोग ने अभियान पर गंभीरता से काम न करने वाली जिला कमेटियों के खिलाफ कारवाई की चेतावनी दी है।

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साथ ही अभियान को अगले दो महीनों के लिए बढ़ाकर अप्रैल तक पंजाब को बाल भिखारी मुक्त बनाने का लक्ष्य सभी जिलों के जिला प्रशासन व चाइल्ड केयर कमेटियों को दिए हैं। लुधियाना व जालंधर के डीसी के खिलाफ आयोग कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। लुधियाना में अभी तक चाइल्ड केयर कमेटी का गठन भी नहीं किया जा सका है।

आयोग ने पंजाब को बाल भिखारी मुक्त करने को लेकर 19 दिसंबर से पूरे पंजाब में अभियान चलाया था। इसको लेकर सभी जिलों में चाइल्ड केयर कमेटियों के गठन का आदेश दिया गया था। कमेटियों का चेयरमैन डीसी या डीसी जिसे मनोनीत करे, उसे अधिकारी को बनाया जाना था। कमेटियों में पुलिस व एनजीओ के संचालकों को शामिल करने के आदेश दिए गए थे। सड़कों पर भीख मांगने वाले बच्चों को पकड़ कर उनकी काउंसलिंग करने के साथ-साथ अगर उनके अभिभावक उनसे भीख मंगवा रहे हैं, तो उन्हें चेतावनी देकर बच्चों को उनके हवाले करना था।

जिन बाल भिखारियों के अभिभावक नहीं थे, उन्हें जिलों में बने चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में दाखिल करवाना था। इनकी पढ़ाई के लिए स्कूलों में कमेटियों की ओर से इनके दाखिले भी करवाने के आदेश दिए गए थे। दो माह बाद आयोग ने जिलों से जब अभियान की रिपोर्ट तलब की, तो स्थिति स्पष्ट हुई कि यही हालात रहे तो अभियान पूरा हो पाना संभव नहीं हैं।

नतीजतन सभी जिलों के डीसी व कमेटियों के सदस्यों को कारवाई की चेतावनी के साथ अभियान को दो महीनों के लिए बढ़ा दिया गया है। मौजूदा समय में पंजाब हजारों की संख्या में बाल भिखारी हैं। किसी भी जिला या शहर में शायद ही कोई चौक ऐसा हो जहां गाड़ी रुकते ही बाल भिखारी पैसे मांगने न आते हों। उसके बाद भी कमेटियों की नजर बाल भिखारियों को नहीं ढूंढ पा रही है।

सभी जिलों में चलेगा अभियान

बाल सुरक्षा अधिकार आयोग के सचिव काहन सिंह पन्नू ने कहा है कि अभियान को हर हाल में सफल बनाना है। इसके लिए सभी जिलों को चेतावनी दी जा चुकी है। अब इस मामले में किसी भी स्तर पर कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। उन्होंने कहा कि आयोग पूरी तरह से इस मामले को लेकर गंभीर है। इसकी मॉनीटरिंग की भी व्यवस्था अब जिला स्तर पर करवाई जा रही है।

अभिभावकों को पांच साल की सजा व एक लाख जुर्माना

अब बच्चों से भीख मंगवाने वाले अभिभावकों के खिलाफ भी सीधी कार्रवाई की जाएगी। एक्ट के अनुसार उन्हें एक लाख रुपये जुर्माना व पांच साल की सजा का प्रावधान है। चूंकि पंजाब में पहली बार इस दिशा में अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। इसलिए पहली बार अभिभावकों को भी चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है व उनकी व बच्चों की काउंसलिंग भी की गई है। अब आयोग सीधी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।

5 बजे के बाद मांगते हैं भीख

आयोग का दफ्तर मोहाली में हैं। इसलिए अभियान को लेकर आयोग के अधिकारियों की टीम बीते कई दिनों से मोहाली को बाल भिखारी मुक्त बनाने की कवायद को लेकर रोजाना सड़कों पर निकलती है, लेकिन कोई भिखारी न पाकर अधिकारी खुद हैरान हैं। इसकी पड़ताल की गई कि आखिर मोहाली के सारे बाल भिखारी कहां चले गए, तो पता चला कि आयोग की कार्रवाई की जानकारी उन्हें मिल गई है, इसलिए उन्होंने भीख मांगने का समय भी सुबह 10 बजे तक और उसके बाद शाम को पांच बजे के बाद निर्धारित कर लिया है। उस समय अधिकारी या तो दफ्तर जाते हैं या फिर दफ्तर से घर। इसलिए अब आयोग ने दो टीमें बना दी हैं, जो सुबह और शाम को पांच बजे के बाद कार्रवाई के लिए निकलेंगी।

दो माह में कार्रवाई की स्थिति 

जिला चाइल्ड केयर में भेजा अभिभावकों को सौंपा स्कूल भेजा
अमृतसर 0 21 0
बठिंडा 0 44 0
बरनाला 0 11 5
फिरोजपुर 0 6 3
फरीदकोट 0 45 10
फतेहगढ़ साहिब 5 7 4
फाजिल्का 0 33 10
गुरदासपुर 2 260 20
होशियारपुर 0 54 8
जालंधर 0 0 22
कपूरथला 0 12 7
लुधियाना 0 0 0
मोगा 0 25 0
मानसा 0 21 17
मुक्तसर 0 32 25
मोहाली 12 17 0
नवांशहर 0 24 8
पटियाला 11 9 2
पठानकोट 0 108 28
रूपनगर 0 38 29
संगरूर 0 12 4
तरनतारन 1 17 2
कुल 31 796 234

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