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जीरकपुर में अवैध कालोनियां बसाने वालों की अब खैर नहीं

जीरकपुर में अवैध कालोनियां बसाने वाले बिल्डरों की अब खैर नहीं है। पंजाब के मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद मोहाली की एडीसी कोमल मित्तल ने जीरकपुर इलाके में बसी कालोनियों की जांच शुरू कर दी है। एडीसी ने जहां नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी से एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांग ली है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 07:22 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 07:22 PM (IST)
जीरकपुर में अवैध कालोनियां बसाने वालों की अब खैर नहीं
जीरकपुर में अवैध कालोनियां बसाने वालों की अब खैर नहीं

जागरण संवाददाता, जीरकपुर

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जीरकपुर में अवैध कालोनियां बसाने वाले बिल्डरों की अब खैर नहीं है। पंजाब के मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद मोहाली की एडीसी कोमल मित्तल ने जीरकपुर इलाके में बसी कालोनियों की जांच शुरू कर दी है। एडीसी ने जहां नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी से एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांग ली है। वहीं इस मामले में व्हीसल ब्लोअर बने जैक रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से भी शिकायत का आधार बने दस्तावेज जमा करवाए हैं।

जैक रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सुखदेव चौधरी ने बताया कि उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री को इस बारे में शिकायत की थी। अपनी शिकायत में चौधरी ने जीरकपुर इलाके में अवैध रूप से बन रही कालोनियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत के साथ

यहां गलत दस्तावेजों के आधार पर कालोनियों को पास करवाया जा रहा है। चौधरी के अनुसार स्थानीय अधिकारियों को शिकायत किए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। नगर परिषद के अधिकारियों की मिलीभुगत के साथ घरों के नक्शे पास करवाकर शोरूम बनाए जा रहे हैं। तहसीलदार द्वारा बिना सोचे समझे इन प्लाटों की रजिस्ट्रियां की जा रही हैं। बिजली विभाग द्वारा इन प्लाटों के बिजली कनेक्शन दिए जा रहे हैं।

सुखदेव चौधरी ने अपनी शिकायत के साथ कई तरह के दस्तावेज भी दिए थे। इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से मामला स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक को भेजा गया। निदेशक के निर्देश पर पंजाब के सीनियर टाउन प्लानर ने मोहाली के एडीसी (अर्बन) को इस शिकायत में उठाए गए मुद्दों की सिलसिलेवार जांच करने के निर्देश देते हुए रिकार्ड के अनुसार तथ्यों की जांच करके विस्तृत रिपोर्ट सरकार को भेजने के निर्देश जारी किए थे। सुखदेव चौधरी ने बताया कि वह इस मामले को लेकर एडीसी कोमल मित्तल से मिले। प्रतिनिधिमंडल में नवल अरोड़ा, राकेश कुमार, सरिता मलिक, विक्रमजीत सिंह शामिल थे। चौधरी ने एडीसी द्वारा शुरू की गई कार्रवाई का स्वागत करते हुए उन्होंने एडीसी को यहां की करीब बीस कालोनियों के दस्तावेज सौंपे हैं। पिछले दस के दौरान बनी अवैध कालोनियों के नाम उजागर करने तथा इस अवधि के दौरान नगर परिषद में तैनात अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए जैक प्रधान ने कहा कि कालोनियों के इस फर्जीवाड़े में दस साल के दौरान सरकारी खजाने को 50 हजार करोड़ का नुकसान पहुंचाया गया है। इसकी जांच के बाद दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई अनिवार्य है।


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