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इस माह चंडीगढ़ में दो बार हो चुकी गैंगवार

शहर में सितंबर माह में ही दो बार गैंगवार में हत्याएं हो चुकी हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Sep 2019 08:21 PM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 08:21 PM (IST)
इस माह चंडीगढ़ में दो बार हो चुकी गैंगवार
इस माह चंडीगढ़ में दो बार हो चुकी गैंगवार

कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़ : शहर में सितंबर माह में ही दो बार गैंगवार में हत्याएं हो चुकी हैं। चार सितंबर को गैंगवार में अपने भाई मोहित मोर की हत्या का बदला लेने के लिए हरियाणा में सक्रिय बॉक्सर गैंग के सरगना विकास मोर ने अपने साथी गुरमीत सिंह, अमित ग्रोवर और एक मुखबीर साथी की निशानदेही पर सेक्टर-17 बस स्टैंड पार्किग (थाने के सामने) में दिनदहाड़े दो युवकों को पांच गोलियां मारी थी। जिसके बाद 26 वर्षीय तेजिदर की मौके पर मौत हो गई और साथी संदीप घायल हो गया था। इससे पहले आरोपित 14 सितंबर को जींद जिले के नरवाना में मनीष और जसवंत की गोली मारकर हत्या कर फरार चल रहे थे। यूटी पुलिस ने मामले में तीन आरोपितों निवासी गैंगस्टर विकास मोर, गुरमीत सिंह और अमित उर्फ अमित ग्रोवर को मनीमाजरा से गिरफ्तार कर एक पिस्टल बरामद की थी। ट्राईसिटी गैंगस्टरों के लिए बन रही पनाहगाह

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गैंगवार करने वाले हार्डकोर क्रिमिनलों (गैंगस्टर्स) के लिए ट्राईसिटी पनाहगार साबित हुई है। पिछले दो साल में सबसे ज्यादा गैंगस्टर्स के चंडीगढ़ में ठिकाना बनाकर रहने के मामले सामने आ चुके हैं। गैंगस्टरों के इनपुट को लेकर चंडीगढ़ पुलिस सहित मोहाली-पंचकूला पुलिस और इनकी सीआइडी-इंटेलिजेंस विग फेल साबित हो रही है। एक बार फिर बुड़ैल में हत्या के बाद ट्राईसिटी पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में आ गई हैं। हैरानी की बात है कि चंडीगढ़ के गवर्नर वीपी सिंह बदनौर के नेतृत्व में चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा पुलिस अधिकारियों की हाईलेवल मीटिग हुई थी जिसमें हार्डकोर अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए कोऑर्डिनेशन टीम गठित की जा चुकी है। जिसमें तीनों पुलिस टीमों का एक वाट्सएप ग्रुप बनाने और सभी अपराधियों की पूरी कुंडली शेयर करने के साथ मिलकर गिरफ्तारी की प्लानिग बनाई जा चुकी है। इन नामी गैंगस्टर्स के अड्डे का खुलासा

-पंजाब के नामी गैंगस्टर दिलप्रीत सिंह उर्फ ढाहा की सेक्टर-43 बस स्टैंड के पास गिरफ्तारी के बाद पिछले कई महीनों से सेक्टर-38 में किराये पर मकान लेकर गर्लफ्रेंड के साथ रहने का खुलासा हुआ था। जिसके बाद यूटी पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर वेरिफिकेशन अभियान चलाया था।

-सेक्टर-63 स्थित फ्लैट में मॉडलिग कर रही युवती के साथ नाइट पार्टी और गन प्वाइंट पर दुष्कर्म कर भागने वाले गैंगस्टर बलजीत सिंह चौधरी के चंडीगढ़ में ठिकाने की पोल खुली थी। दोनों सहआरोपितों की गिरफ्तारी के बावजूद यूटी पुलिस चौधरी तक नहीं पहुंच सकी है।

-पंजाब के जीरकपुर में नाम बदलकर रहने वाले गैंगस्टर हरजोत सिंह चीमा ने चंडीगढ़ स्थित एक होटल में युवती से जबरन दुष्कर्म करने के बाद पुलिस से बचने की फिराक में तीसरे मंजिल से छलांग लगा दी थी। जीएमसीएच-32 में उपचार के दौरान गैंगस्टर चीमा ने दम तोड़ दिया था।

-हल्लोमाजरा के दीप कांप्लेक्स स्थित मकान नंबर-1352 में नाम बदलकर रहने वाले पंजाब के दो गैंगस्टरों गुरभेज सिंह और विनोद कुमार उर्फ रंगीला को यूटी पुलिस-सीआइए कपूरथला की टीम ने ज्वाइंट ऑपरेशन में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के साथ गैंगस्टरों से बिना लाइसेंस का पिस्टल बरामद हुआ था। कपूरथला सिटी थाना पुलिस ने दोनों गैंगस्टरों के खिलाफ सात मई को धारा-307, 323, 324, 353, 186 और आ‌र्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।

-पंचकूला में अब तक हुई गैंगवार में गैंगस्टर अमित शर्मा, गैंगस्टर भूपेश राणा, विक्रम उर्फ विक्की कैमी की मौत हो चुकी है। वहीं, लॉरेस बिश्नोई गैंग का शार्प शूटर पंचकूला के अस्पताल से दीपक उर्फ टीनू को छुड़वाकर ले गया था। मोहाली में भी कई छोटी-बड़ी गैंगवार की वारदात हो चुकी हैं।


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