राहत... तीसरी लहर की दस्तक, लेकिन घबराएं नहीं पहले से कम घातक होगा संक्रमण, सचेत रहने की जरूरत
कोरोना महामारी की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है। तीसरी लहर का असर पहली और दूसरी लहर से कम देखने को मिलेगा। जो लोग कोरोना से पहले संक्रमित पाए गए थे उनमें नेचुरल एंटीबॉडी बन चुकी है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है। संक्रमण से घबराने की जरूरत नहीं लेकिन मास्क, शारीरिक दूरी और वैक्सीनेशन जरूर कराना होगा। यह कहना है पीजीआइ के निदेशक प्रो. जगतराम का।
उन्होंने बताया कि तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है। तीसरी लहर का असर पहली और दूसरी लहर से कम देखने को मिलेगा। अधिकतर लोगों ने वैक्सीनेशन करा ली है। इसके अलावा जो लोग संक्रमित पाए गए थे, उनमें नेचुरल एंटीबॉडी बन चुकी है। ऐसे में कहा जा सकता है कि संक्रमण का असर कम होगा। फिर भी लोगों को सचेत रहने की जरूरत हैं। लोगों को नियमित तौर पर मास्क और शारीरिक दूरी जैसे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।
अक्टूबर के अंत तक बढ़ सकते हैं संक्रमित मामले
प्रो. जगतराम ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की अगर बात की जाए तो इस समय 20 से 25 हजार संक्रमित मामले रोजाना देशभर में रिपोर्ट किए जा रहे हैं। जोकि अक्टूबर के अंत तक देशभर में 40 हजार संक्रमित मामले रोजाना आ सकते हैं। ये अनुमान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जाहिर किया गया है। ऐसे में कहा जा सकता है कि संक्रमण का असर कम रहेगा।
तीसरी लहर से निपटने की पीजीआइ ने की पूरी तैयारी
प्रो. जगतराम ने बताया कि पीजीआइ ने तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तैयार कर रखी है। उत्तर भारत में सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा संस्थान होने के कारण यहां पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से भी संक्रमित मरीज इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में नेहरू अस्पताल विस्तार खंड को कोविड हॉस्पिटल में तबदील कर दिया गया है। यहां 250 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा 50 बेड का आइसीयू कोविड वार्ड वार्ड बनाया गया है। पीजीआइ में दो ऑक्सीजन प्लांट भी लगा दिए गए हैं। इन ऑक्सीजन प्लांट से रोजाना दो हजार लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन जेनरेट होती है। दूसरी लहर में जिस प्रकार ऑक्सीजन की कमी सामने आई थी। अब तीसरी लहर में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होगी।
इसलिए कम होगा संक्रमण का असर
- लोगों ने कम से कम कोविड वैक्सीन की पहली डोज लगवा ली है।
- जो लोग पॉजिटिव आए थे, उनमें नेचुरल एंटीबॉडीज बन चुकी हैं।
- पीजीआइ के सीरो सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक तीसरी लहर से बच्चे भी सुरक्षित हैं।
- सीरो सर्वे के मुताबिक 80 फीसद बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई हैं।