चोर और स्नैचर सोचते थे चंडीगढ़ में हैं पैसे वाले लोग, यहीं आकर क्यों न करें क्राइम: बदनौर Chandigarh News
बदनौर ने कहा कि इंदौर और भोपाल स्वच्छता में नंबर वन शहर कैसे बन गए। जबकि चंडीगढ़ तो पहले से ही बेहतर था। इसका कारण एक ही है लोगों की नंबर वन बनाने में भागीदारी।
चंडीगढ़ [बलवान करिवाल]। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने कहा कि चंडीगढ़ देश की बेस्ट लिविंग सिटी इसलिए यहां सब आकर रहना चाहते हैं। आर्मी, नेवी और वायुसेना सहित अन्य अफसर और वीआइपी यहां रहकर खुश हैं। चोर और स्नैचर भी इसे भली भांति जानते और सोचते थे कि यहां सब पैसे वाले लोग रहते हैं क्यों न स्नैचिंग चोरी भी यहीं आकर न की जाए। जब वह चंडीगढ़ प्रशासक बनकर आए तो ऐसे अपराध बहुत ज्यादा होते थे। लेकिन चंडीगढ़ पुलिस की मुश्तैदी ने स्नैचर और चोरों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया। अब अपराध का ग्राफ नीचे आ चुका है।
बदनौर ने कहा कि तीन साल पहले जब वह चंडीगढ़ आए तो धारणा थी कि यहां अधिकारी यूटी कैडर, पंजाब और हरियाणा से इसलिए तालमेल नहीं। आपसी खींचतान की वजह से चंडीगढ़ के काम नहीं होते। लेकिन अब जैसा कोऑर्डिनेशन ऐसा पहले कभी नहीं रहा। चार पांच साल में सभी बड़े प्रोजेक्ट और सालों से अटके काम भी हो गए। एडवाइजर से लेकर सभी सेक्रेटरी और एमसी कमिश्नर तक सभी का लक्ष्य डेवलपमेंट है।
सालों से दरुगध झेलते रहे डंपिंग ग्राउंड वासी
प्रशासक बदनौर ने कहा कि 1980 में जब डड्डूमाजरा कॉलोनी बनी तो लोगों को सपना दिखाया गया कि यह हट जाएगा। जब वह प्रशासक बने तो डड्डूमाजरा के निवासी उनके पास यह समस्या लेकर आते थे। लोग सालों से यह दुर्गंध ङोल कर बीमारियों से ग्रस्त थे। डड्डूमाजरा निवासी किसी को चंडीगढ़ का नाम लेकर बुलाते वह डं¨पग ग्राउंड देखकर कहते यह चंडीगढ़ है। डड्डूमाजरा ने पूरे शहर का वेस्ट समेट कर सिटी ब्यूटीफुल बनाया लेकिन यहां के निवासियों का जीना दुश्वार हो गया। लेकिन अब इस सेक्टर-38वेस्ट को भी बेहतर सेक्टर बनाया जाएगा। वह खुद हर महीने प्रोसेसिंग का काम देखने डंपिंग ग्राउंड आएंगे। जबकि किरण खेर ने कहा कि वह हर 15 दिन में यहां आएंगी।
एमसी के भरोसे न छोड़ें काम, हाथ चलाना सीखें
बदनौर ने कहा कि इंदौर और भोपाल स्वच्छता में नंबर वन शहर कैसे बन गए। जबकि चंडीगढ़ तो पहले से ही बेहतर था। इसका कारण एक ही है लोगों की नंबर वन बनाने में भागीदारी। इंदौर भोपाल में लोग एमसी का इंतजार नहीं करते वह खुद कर्तव्य समझ शहर को साफ रखते हैं। चंडीगढ़ में सोचते हैं कि एमसी करेगी न करे तो शिकायत करने आएंगे। लेकिन आदत बदलनी होगी। अब लोगों को खुद भागीदार बनना होगा। आस-पास को स्वच्छ बनाना होगा।
सेक्टर-17 जैसा ही होगा सेक्टर-38
प्रशासक बदनौर ने कहा कि जब वह पहली बार चंडीगढ़ आए तो किसी ने कहा रॉक गार्डन और सेक्टर-17 जरूरी देखना। वेंडर शिफ्ट होने के बाद अब सेक्टर-17 उसी रूप में आ चुका है। लेकिन सेक्टर-17 ही क्यों शहर का हर सेक्टर दर्शनीय होना चाहिए। अब सेक्टर-38 को 17 से बेहतर बनाया जाए। इसमें यहां के लोगों की भागीदारी जरूरी है। सेक्टरों का आपस में कंपटीशन होना चाहिए। मेयर राजेश कालिया ने कहा कि डं¨पग ग्राउंड पर कागज इक्ट्ठे किया करता था। यहीं डड्डूमाजरा में रहता था। गारबेज का पहाड़ हटवाने के लिए स्थानीय लोगों के साथ प्रदर्शन किया। इस कार्य में काफी लोगों का सहयोग रहा है। किरण खेर ने कहा कि कालिया यहां से चुनाव लड़े तो हार गए थे। फिर मलोया से लड़कर जीते और काउंसलर बने। अब डड्डूमाजरा से भी लड़ेंगे तो जीत जाएंगे।
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