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वो सात काम जो खेर के लिए बने जीत की सीढ़ी और बंसल के लिए हार का कारण

Chandigarh Lok Sabha Election 2019 जात-पात से ऊपर उठकर मुद्दों और चेहरे पर लड़ा गया। किरण खेर की जीत के कई अहम कारण रहे।

By Edited By: Published: Fri, 24 May 2019 10:31 PM (IST)Updated: Sat, 25 May 2019 09:00 PM (IST)
वो सात काम जो खेर के लिए बने जीत की सीढ़ी और बंसल के लिए हार का कारण
वो सात काम जो खेर के लिए बने जीत की सीढ़ी और बंसल के लिए हार का कारण

चंडीगढ़ [बलवान करिवाल] Chandigarh Lok Sabha Election 2019 जात-पात से ऊपर उठकर मुद्दों और चेहरे पर लड़ा गया। किरण खेर की जीत के कई अहम कारण रहे। यही किरण खेर के लिए जीत की सीढ़ी बने, तो पवन कुमार बंसल को लगातार दूसरी बार हार का मुंह देखना पड़ा। इन सभी कारकों का विस्तृत विवरण इस प्रकार है.. 

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नौकरी में आयु सीमा बढ़वाई

चंडीगढ़ में सरकारी नौकरियों का आवेदन केवल 25 साल की आयु तक ही युवा कर सकते थे। जिस वजह से युवाओं को नौकरियों के अवसर कम मिलते थे। कई इंप्लाइज यूनियन आयु सीमा बढ़वाने की मांग कर रही थी। किरण खेर ने इस आयु सीमा को पंजाब की तर्ज पर बढ़वाकर 37 वर्ष कराया। इस फैसले को उन्होंने पूरे चुनाव प्रचार में कैश किया। युवाओं के लिए नौकरी के अवसर बढ़वाने का श्रेय लिया। इसके अलावा होमगार्ड की सैलरी पंजाब की तर्ज पर बढ़वाकर 30 हजार से अधिक करवाई। इससे करीब 1300 होमगार्डो और उनके परिवारों को लाभ मिला। खेर ने इसका श्रेय लेते हुए इन परिवारों से वोट मांगे।

बंद इंप्लाइज हाउसिंग स्कीम को दिलाई मंजूरी

2008 में सेल्फ फाइनेंसिंग इंप्लाइज हाउसिंग स्कीम लांच करने के बाद ड्रॉ में 3930 का नाम फाइनल कर 25 प्रतिशत रकम तक जमा करा ली। इसके बाद 2012 में तत्कालीन प्रशासक शिवराज पाटिल ने इस स्कीम की फाइल को बंद कर दिया। किरण खेर ने स्कीम को पूरी कराने का वादा इंप्लाइज से किया। स्कीम को कैबिनेट मंजूरी दे चुकी है। जमीन भी ट्रांसफर हो चुकी है बस रेट पर बात अटकी है। खेर ने चुनाव से ठीक पहले इंप्लाइज को पुराने रेट पर फ्लैट दिलाने का वायदा कर उन्हें अपने पक्ष में कर लिया। इससे 25 हजार से अधिक वोट सीधे उनके पक्ष में हो गए।

मनीमाजरा का रेलवे अंडर ब्रिज

मनीमाजरा चंडीगढ़ का बड़ा हिस्सा है। 3 लाख से ज्यादा आबादी बसती है। शीतला माता मंदिर के पास रेलवे क्रॉसिंग पर रोजाना समय बर्बादी की दुहाई देकर लोग ब्रिज बनाने की मांग लंबे समय से कर रहे थे। किरण खेर के कार्यकाल में रेलवे अंडरब्रिज को मंजूरी मिली। खेर ने पीछे पड़कर इसका काम भी शुरू करा दिया, अब इसका पैसेज वर्क रहता है, इसके बाद यह लोगों के लिए खुल जाएगा। किरण खेर चुनाव प्रचार के दौरान पवन बंसल के खिलाफ इसे हथियार बनाती रही। खेर ने हर जनसभा में कहा पवन बंसल रेल मंत्री रहते मनीमाजरा के लोगों की पीड़ा नहीं समझ पाए।

ट्रिब्यून चौक फ्लाईओवर

ट्रैफिक समस्या चंडीगढ़ के लिए मुसीबत बन चुकी है। हरियाणा और जीरकपुर की तरफ से आने वाले ट्रैफिक को निर्बाध करने के लिए ट्रिब्यून चौक पर फ्लाईओवर और अंडरपास बनाने के प्रोजेक्ट को नितिन गडकरी ने खेर के आग्रह पर चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ही सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार होने के बाद चुनाव में श्रेय लेने के लिए शिलान्यास भी खेर ने चुनाव आचार संहिता लगने से ठीक पहले कर दिया। अभी इसकी टेंडर प्रक्रिया चल रही है।

नीड बेस्ड चेंज और लीज टू फ्री होल्ड शुरू

रेजिडेंशियल से लेकर कमर्शियल और इंडस्ट्रियल एरिया में लंबे समय से नीड बेस्ड चेंज की मांग हो रही थी। लेकिन प्रशासन भी इतने बड़े स्तर पर नियमों का हवाला देकर यह राहत देने को तैयार नहीं था। किरण खेर ने प्रशासक वीपी सिंह बदनौर और प्रशासन के बीच तालमेल बिठाते हुए पहले चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड से नीड बेस्ड चेंज को मंजूरी दिलाई। इसके बाद इंडस्ट्री यूनिट में भी जरूरी बदलाव करने और कई अन्य मंजूरी दिलाई। लीज टू फ्री होल्ड प्रॉपर्टी कन्वर्जन शुरू कराने की मांग भी पुरानी थी। प्रशासन ने इसको भी शुरू किया। हालांकि इसके रेट कलेक्टर रेट के हिसाब से होने के कारण यह फैसला उतना कारगर साबित नहीं हुआ।

अतिरिक्त पानी का लिया श्रेय

कजौली वाटर व‌र्क्स से पीने योग्य अतिरिक्त 30 एमजीडी पानी की पाइप लाइन बिछ चुकी है। पानी लाने का ट्रायल चल रहा है। किरण खेर ने पूरे चुनाव में इस कार्य का श्रेय भी लिया। इस मुद्दे पर उन्होंने पवन बंसल को घेरा और पूछा कि आखिर जल संसाधन मंत्री रहते हुए भी वह शहर को पीने का पानी तक जरूरत अनुसार उपलब्ध नहीं करा सके। हालांकि पानी अभी तक शहर को मिला नहीं है लेकिन इस कार्य का जिक्र हर जनसभा में किया।

10 रुपये में भरपेट खाना

रेडक्रॉस शहर में प्रधानमंत्री अन्नपूर्ण अक्षयपात्र योजना के तहत 3 हजार से अधिक लोगों को रोजाना 10 रुपये में भरपेट भोजन उपलब्ध करा रहा है। सांसद किरण खेर ने प्रशासक वीपी सिंह बदनौर की मौजूदगी में इसकी शुरुआत की थी। किरण खेर के साथ अनुपम खेर ने भी चुनाव प्रचार के दौरान इस योजना के नाम पर वोट मांगे। शहर में हजारों लोग ऐसे हैं, जो रोजाना इस गाड़ी से 10 रुपये में खाना लेकर पेट भरते हैं। चुनाव में इस योजना का लाभ किरण खेर को मिला।

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