इरादे ऐसे कि मुट्ठी में भर लें सारा जहा
इरादे ऐसे कि मुट्ठी में भर लें सारा जहा। जी हां सेक्टर-42 स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में खेलती इन लड़कियों के इरादे
विकास शर्मा, चंडीगढ़ : इरादे ऐसे कि मुट्ठी में भर लें सारा जहा। जी हां, सेक्टर-42 स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में हॉकी खेलती इन लड़कियों के इरादे देखकर कुछ ऐसा ही लगता है। साधारण परिवारों से संबंध रखने वाली यह खिलाड़ी कई-कई खेलों में नेशनल गेम्स में हिस्सा ले चुकी हैं। इनमें कोई आर्मी में जाना चाहती है तो कोई कोच बनकर ताउम्र हॉकी खेलना चाहती हैं। तो कोई टीम इंडिया की जर्सी पहनकर जीत की खुशी में तिरंगा लेकर उड़ना चाहती हैं। हॉकी कोच जसविदर सिंह बताते हैं कि यह सब लड़कियां सालों से खूब मेहनत कर रही हैं इन सभी को उम्मीद है कि हॉकी ही उनके सपनों को पंख लगाएगी। सेना में भर्ती होना है सपना सेक्टर-36 स्थित एमसीएम डीएवी कॉलेज में पढ़ने वाली मोहनी ने बताया कि वह सेना में भर्ती होना चाहती है। अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए उसने हॉकी खेलना शुरू किया। वह हॉकी और खो-खो दोनों खेलों में नेशनल खेल चुकी हैं। साल 2018-19 स्कूल नेशनल गेम्स में चंडीगढ़ टीम की तरफ खेली थी। साल 2018 स्कूल नेशनल गेम्स में हमारी टीम ने ब्रांज मेडल भी जीता था। इसके अलावा इंटर स्कूल और चंडीगढ़ स्टेट हॉकी टूर्नामेंट में भी वह पिछले कई सालों से खेल रही हैं। सेना में हॉकी खिलाड़ियों को तरजीह दी जाती है, इसलिए वह लगातार मेहनत कर रही हैं, ताकि किसी तरह वह सेना में भर्ती होकर अपने सपने को पूरा कर सके। हॉकी कोच बनना है सपना एमसीएम डीएवी कॉलेज-36 में पढ़ने वाली साधना ने बताया कि वह हॉकी कोच बनना चाहती है। साधना ने बताया कि वह जीजीएमएसएसएस -18 स्कूल की छात्रा थी और उसके स्कूल से कई नेशनल हॉकी खिलाड़ी निकली हैं। वह खुद साल 2018-19 की स्कूल नेशनल गेम्स में चंडीगढ़ की तरफ में खेल चुकी हैं। साल 2018 स्कूल नेशनल गेम्स में हमारी टीम ने ब्रांज मेडल भी जीता था। वह हॉकी कोच इसलिए बनना चाहती हैं कि ताउम्र इस खेल से जुड़ी रहें। साधना ने बताया कि मुझे हॉकी खेलना पसंद है और मैं जिदगी भर हॉकी खेलना चाहती हूं। टीम इंडिया की तरफ से खेलना है मेरा सपना जीएमएसएसएस-37बी में पढ़ने वाली रागिनी ने बताया वह टीम इंडिया की जर्सी पहनकर हॉकी खेलना चाहती है। अपने सपने को पूरा करने के लिए वह काफी सालों से मेहनत कर रही है। उसने सबसे पहले 2015 में इंटर स्कूल खेला। इसके बाद साल 2017, 2018 और 2019 में स्कूल नेशनल नेशनल खेला है। हॉकी में काफी ज्यादा प्रतिस्पर्धा है, जिस वजह से मेहनत करने के बावजूद भी उन्हें कामयाबी नहीं मिल रही है, लेकिन फिर भी उन्हें ईश्वर और अपनी मेहनत पर भरोसा है कि वह एक दिन जरूर टीम इंडिया की जर्सी पहनकर खेलेंगी। आर्मी ऑफिसर बनना है सपना
सेक्टर-35बी में पढ़ने वाली सोनाली ने बताया कि वह आर्मी में ऑफिसर बनना चाहती हैं। इसके लिए वह पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में बेहतर प्रदर्शन करना चाहती हैं। सोनाली ने बताया कि वह साल 2018 में चंडीगढ़ की खो-खो टीम की तरफ से स्कूल नेशनल गेम्स खेल चुकी हैं। इसके साथ ही वह इंटर स्कूल और इंटर स्टेट हॉकी टूर्नामेंट में भी स्कूल टीम की तरफ से खेलती है।