दो जून को होगा दो जून की रोटी के लिए संघर्ष Chandigarh News
वरिष्ठ रंगकर्मी पद्म नीलम मान सिंह ने कहा कि ये संदेश कल सोशल मीडिया के जरिए पहुंचा। कई कलाकार इसके साथ जुड़े हैं। लेकिन अभी ये कैसे होगा इसको लेकर प्लानिंग की जानी है।
चंडीगढ़, [शंकर सिंह]। लॉकडाउन में कलाकारों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। रंगमंच से जुड़े कलाकार इन दिनों रिहर्सल तक नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि आने वाले कुछ महीनों तक थिएटर के खुलने के कोई आसार नहीं। ऐसे में वह कलाकार जिनकी आय का स्त्रोत केवल रंगमंच ही है, इन दिनों बेरोजगार हैं। चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी ने भी ग्रांट न मिल पाने की वजह से कलाकारों की मदद को लेकर अफसोस जताया है। ऐसे में शहर के कलाकारों ने हरियाणा के कलाकारों की तर्ज पर दो जून को दो जून की रोटी के लिए सूने साज सुने सरकार का आयोजन करेंगी। जिसके तहत कलाकार अपने घर के बाहर या शहर के किसी कोने में अपने साजों को रखेंगे।
अभी इस पर प्लानिंग की जाएगी
वरिष्ठ रंगकर्मी पद्म नीलम मान सिंह ने कहा कि ये संदेश कल सोशल मीडिया के जरिए पहुंचा। कई कलाकार इसके साथ जुड़े हैं। लेकिन अभी ये कैसे होगा, इसको लेकर प्लानिंग की जानी है। अफसोस कि शहर में कलाकार बुनियादी चीजों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में अकादमी और कल्चरल डिपार्टमेंट को इनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए। आज अगर कल्चरल पॉलिसी होती तो कलाकारों को ऐसे दिन नहीं देखने पड़ते। मुझे सबसे बुरा युवा कलाकारों का लगता है, जो रंगमंच में अपना जीवन तलाशते हैं। वो रंगमंच में आगे बढऩे की उम्मीद कैस रखेंगे। सरकार को कलाकारों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
कलाकारों के लिए आवाज उठाना जरूरी है
रंगरूट थिएटर के संस्थापक अभिमन्यु ने कहा कि उनकी आय का स्त्रोत केवल रंगमंच है। इन दिनों नाटक प्रस्तुती पूरी तरह बंद है, जिससे कलाकारों की रोजी रोटी छिन गई। हाल ही में रंगमंच के कुछ मित्रों ने मिलकर मेरी मदद की, लेकिन ऐसा लंबे वक्त के लिए हो पाना मुश्किल है। सूने साज सुने सरकार की मुहीम के बारे में अभी सोशल मीडिया पर पता चला। लेकिन अभी ये केवल सोशल मीडिया पर है, इसकी प्लाङ्क्षनग के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं। लेकिन कलाकारों के लिए इस समय कुछ करना बेहद जरूरी है। मुंबई में हाल ही में हमारे दो मित्रों ने काम न होने की वजह से आत्महत्या की, ऐसी दुखद स्थिती कलाकारों के साथ न हो, इसके लिए कोई ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
सही रास्ते से मदद हो कलाकारों की
कलाकार विजय मचल ने कहा कि ये एक अच्छी पहल है, लेकिन इसके साथ सरकार को जोडऩा जरूरी है। अभी कलाकारों के लिए कोई पॉलिसी नहीं है, ऐसे में कलाकार बेरोजगार हैं। कलाकार केवल अकादमी पर ही आश्रित हैं। ग्रांट और नाटक न होने से कलाकारों में भी बेरोजगारी है। वर्कशॉप और नाटक आगे कुछ महीने होने की संभावना नहीं है, ऐसे में तब तक सरकार को कलाकारों की मदद के लिए आगे आने की जरूरत है।