चंडीगढ़ में अभी बर्ड फ्लू का खतरा नहीं, 4 सैंपल सेट की रिपोर्ट नेगेटिव, पक्षियों के मरने की ये है वजह
शहरवासियों के लिए यह राहत भरी खबर है। चंडीगढ़ में अभी बर्ड फ्लू का खतरा टल गया है। क्योंकि जालंधर की लैब से आई चार सैंपल सेट की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। हालांकि पक्षियों के मरने का सिलसिल अभी भी जारी है।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ में पक्षियों के मरने का सिलसिला बंद नहीं हुआ है। हालांकि फॉरेस्ट एंड वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट के अधिकारी अब बर्ड फ्लू के खतरे को कुछ हद तक टल गया बता रहे हैं। इसका कारण यह है कि चंडीगढ़ ने जो सैंपल के सेट जालंधर की रीजनल डिजीज डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी में टेस्ट के लिए भेजे थे उनमें से चार सेट की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। यह रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद अधिकारी ऐसी संभावना जता रहे हैं।
हालांकि अभी कई सैंपल सेट की रिपोर्ट आनी बाकी है। एक सेट की रिपोर्ट सोमवार को आ जाएगी। यूटी प्रशासन ने अभी बर्ड फ्लू की संभावनाओं को देखते हुए सर्विलांस टीमों को अलर्ट पर ही रखा गया है। फॉरेस्ट एंड वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट और एनिमल हसबेंडरी डिपार्टमेंट की टीम मिलकर रोजाना फील्ड एरिया में मॉनिटरिंग कर रही हैं, जो पक्षी मृत मिल रहे हैं उनके सैंपल लेकर टेस्ट के लिए भेजे जा रहे हैं।
ठंड भी बताई जा रही मरने की वजह
शहर में रोजाना 10 से 12 पक्षी अलग-अलग एरिया में मरे मिल रहे हैं। इनमें सबसे बड़ी संख्या कौवा है। एक्सपर्ट का मानना है कि पक्षियों के मरने का कारण इस बार पड़ रही भीषण ठंड भी हो सकती है। चंडीगढ़ में ठंड पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। तापमान में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है यह ठंड भी पक्षियों की मौत का कारण हो सकती है।
रविवार को भी कई पक्षी मरे मिले
पक्षियों की डेड बॉडी शहर के अलग-अलग हिस्सों में रोजाना मिल रही है। रविवार को भी सर्विलांस के लिए गई टीमों को कई पक्षी मरे मिले। इन पक्षियों के सैंपल एनिमल हसबेंडरी डिपार्टमेंट की टीम ने ले लिए हैं। इससे पहले शनिवार को 12 पक्षी मरे मिले थे। अब प्रशासन की टीम वाटर बॉडी ही नहीं ओपन एरिया पार्क और शहर के सभी दूसरे एरिया में भी मॉनिटरिंग कर रही है। कौवा की अधिकतर डेड बॉडी पार्क और ओपन एरिया में ही मिल रही है। इन एरिया में सर्विलांस के लिए कई टीमों को भेजा जा रहा है l