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जीएसटी स्लैब में बदलाव के मुद्दे पर नहीं बन रही सहमति

जीएसटी स्लैब में बदलाव के मुद्दे पर सहमति बनती नजर नहीं आ रही है। अधिकतर राज्य व यूटी के प्रतिनिधि मौजूदा जीएसटी स्लैब के हक में हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 06:06 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 06:06 AM (IST)
जीएसटी स्लैब में बदलाव के मुद्दे पर नहीं बन रही सहमति
जीएसटी स्लैब में बदलाव के मुद्दे पर नहीं बन रही सहमति

विशाल पाठक, चंडीगढ़

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जीएसटी स्लैब में बदलाव के मुद्दे पर सहमति बनती नजर नहीं आ रही है। अधिकतर राज्य व यूटी के प्रतिनिधि मौजूदा जीएसटी स्लैब के हक में हैं। बता दें कि मौजूदा चार जीएसटी स्लैब हैं, इनमें पांच फीसद, 12 फीसद, 18 फीसद और 28 फीसद की स्लैब है। 18 फीसद के स्लैब में 480 आइटम हैं, जिनमें से करीब 70 फीसद जीएसटी संग्रह आता है। सूत्रों की मानें तो जीएसटी स्लैब रेट में कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन आनलाइन गेमिग, क्रिप्टोकरेंसी, लाटरी और कसीनो पर 28 फीसद जीएसटी लगना लगभग तय है। इसके अलावा टैक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़ी कई वस्तुओं पर जीएसटी दर बढ़ाई जा सकती है।

चंडीगढ़ के होटल हयात में सोमवार को देशभर से आए जीएसटी के अधिकारियों की बैठक में काउंसिल के समक्ष पेश किए जाने वाले एजेंडा के प्रमुख बिदुओं पर चर्चा हुई। हालांकि इन बिदुओं पर अंतिम फैसला 29 जून को जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में होगा। बता दें कि 28 और 29 जून को सुबह 11 बजे शहर में जीएसटी काउंसिल की बैठक होगी। यह बैठक केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होगी। क्षतिपूर्ति जारी रखने को लेकर लाया जाएगा प्रस्ताव

कई राज्यों के प्रतिनिधि और विपक्ष की ओर से जीएसटी काउंसिल की बैठक में क्षतिपूर्ति जारी रखने को लेकर प्रस्ताव लाया जाएगा। इसमें केरल, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्य शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक 30 जून को केंद्र सरकार ने विशेष राज्यों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति की समयसीमा समाप्त हो रही है, ऐसे में कई राज्य इसका विरोध कर सकते हैं। बता दें कि 2017 में केंद्र सरकार ने यह फैसला किया था कि वैट समाप्त करने पर उसकी भरपाई के लिए अगले पांच साल तक क्षतिपूर्ति राशि दी जाएगी। क्षतिपूर्ति को पूरा करने के लिए तंबाकू, सिगरेट, महंगी बाइक और कार जैसे कई वस्तुओं पर अतिरिक्त सेस लगाए गए। हालांकि क्षतिपूर्ति के नाम पर लिए जाने वाले सेस 30 मार्च 2026 तक जारी रहेंगे।

विमान ईधन को जीएसटी के दायरे में लाने की तैयारी

काउंसिल की बैठक में विमान ईधन को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। सरकार एविएशन टर्बाइन फ्यूल को वस्तु एवं सेवा कर में शामिल कर सकती है। सरकार इसमें वैट या एक्साइज के साथ जीएसटी भी लगा सकती है। विमान ईधन पर हो सकता है 18 फीसद जीएसटी लगे। आर्थो सेस भी न्यूनतम स्लैब में आए

कृत्रिम अंगों और आर्थोपेडिक इंप्लांट पर (ट्रामा, स्पाइन और आर्थोप्लास्टी इंप्लांट) पर एक समान पांच प्रतिशत जीएसटी दर है। इसी तर्ज पर आर्थोसेस (स्पि्लंट्स, ब्रेसेस, बेल्ट और कैलीपर्स) को भी पांच प्रतिशत के न्यूनतम ब्रैकेट में शामिल किए जाने को लेकर काउंसिल की बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। इनमें कई कृत्रिम अंग या उससे जुड़ी सेवा 12 और पांच फीसद के दायरे में है, ऐसे में इन सभी को न्यूनतम जीएसटी स्लैब पांच फीसद के दायरे में शामिल करने को लेकर प्रस्ताव लाया जाएगा। इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा

-हिमाचल प्रदेश की ओर से रोप-वे पर जीएसटी 18 से पांच फीसद किए जाने की मांग की है।

-टेटरा पैक पर जीएसटी 12 से 18 फीसद किए जाए।

-होटल में एक हजार रुपये से कम किराए पर देना पड़ सकता है जीएसटी

-ओस्टोमी उपकरणों (पाउच, स्टोमा चिपकने वाला पेस्ट, बैरियर क्रीम, सिचाई किट, बेल्ट, माइक्रो-पोर टेप सहित वस्तुओं पर जीएसटी दर को 12 फीसद से घटाकर पांच फीसद किए जाने की सिफारिश की जाएगी।


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