तीन बार से लगातार जीतती रहीं शीलाफूल सिंह का टिकट काटा, हारते रहे नेताओं को दिया मौका
तीन बार के चुनाव में कांग्रेस से लगातार जीत दर्ज करने वाली शीला फूल सिंह का टिकट इस बार पार्टी ने काट दिया है। इस बार कांग्रेस की ओर से दो ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है जो चुनाव में लगातार हारते आए हैं। कांग्रेस ने शनिवार को नामांकन प्रक्रिया पूरी होने से चंद घंटे पहले ही बाकी बचे पांच सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा की।
जासं, चंडीगढ़ : तीन बार के चुनाव में कांग्रेस से लगातार जीत दर्ज करने वाली शीला फूल सिंह का टिकट इस बार पार्टी ने काट दिया है। इस बार कांग्रेस की ओर से दो ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है, जो चुनाव में लगातार हारते आए हैं। कांग्रेस ने शनिवार को नामांकन प्रक्रिया पूरी होने से चंद घंटे पहले ही बाकी बचे पांच सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा की। जबकि डड्डूमाजरा से घोषित उम्मीदवार गुरचरण को बदल दिया। इस वार्ड से जतिदर सिंह तोती को प्रत्याशी बनाया गया। हालांकि गुरचरण की पत्नी सोनिया को सेक्टर-25 से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया गया है। जबकि इसी सीट से शीला फूल सिंह टिकट मांग रही थीं। शीला फूल सिंह ने अब तक किसी भी चुनाव में हार का सामना नहीं किया था, लेकिन पार्टी की गुटबाजी के कारण इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला।
शीला फूल सिंह की टिकट काटने से हर कोई हैरान है। शीला फूल सिंह को टिकट न मिलने से धानक बिरादरी नाराज है, क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है कि जब कांग्रेस ने धनास समाज से किसी को भी टिकट नहीं दी है। शीला फूल सिंह धनास समाज से संबंध रखते हैं।
उधर, भाजपा ने रामदरबार से योगिता विक्की शेरा को उम्मीदवार बनाया है, जो कि धनाक बिरादरी ताल्लुक रखते हैं। शहर की कई सीटों पर धानक बिरादरी का प्रभाव है। इंटक के सीनियर उपाध्यक्ष हरजिदर सिंह का कहना है कि समझ नहीं आ रहा कि पार्टी ने क्या योग्यता देखकर उम्मीदवार तय किए हैं।
कांग्रेस के इस समय पांच सिटिग पार्षद हैं, जिसमें कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला का वार्ड महिला के लिए रिजर्व होने के कारण उनकी पत्नी हरप्रीत बबला को उम्मीदवार बनाया गया है। जबकि बाकी बचे तीनों पार्षद सतीश कैंथ, रविदर कौर गुजराल और गुरबख्श रावत को टिकट दी गई है। शशिशंकर तिवारी ने छोड़ी कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव शशिशंकर तिवारी ने अध्यक्ष सुभाष चावला को पत्र लिखकर पद के साथ साथ पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पत्र में तिवारी ने कहा कि वह साल 2009 में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए थे। इस दौरान जाने अनजाने में कोई गलती हुई हो इसके लिए उन्हें खेद है। शशि शंकर तिवारी वार्ड नंबर-9 से पत्नी के लिए टिकट मांग रहे थे। अब वह इस वार्ड से चुनाव लड़ रहे पूर्व सरपंच गुरप्रीत हैप्पी की पत्नी के समर्थन में आ गए हैं। हैप्पी ने भी टिकट न मिलने पर भाजपा छोड़ दी है। वहीं महासचिव हरमेल केसरी भी पत्नी प्रिति केसरी को भी टिकट न मिलने से नाराज हैं। भाजपा में भी बवाल जारी
भाजपा में भी टिकट आवंटन से कई नेता नाराज। भाजपा में निक्कू ने भी नाराज होकर निर्दलीय तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया है। शहर की दूसरी सीटों पर भी कई नेता नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। नामांकन से तीन घंटे पहले तय किए उम्मीदवार
कांग्रेस को बगावत का खतरा था। सीनियर नेताओं को यह भी डर था कि कोई निर्दलीय तौर पर नामांकन दाखिल न कर दे। इसलिए कांग्रेस ने नामांकन से तीन घंटे पहले उम्मीदवार तय किए और उम्मीदवारों को सीधा नामांकन दाखिल करने के लिए कह दिया। कांग्रेस ने इन वार्ड से बनाए यह उम्मीदवार
वार्ड नंबर उम्मीदवार
1 मोनिका शर्मा
15 धीरज गुप्ता
16 सोनिया
20 गुरचरणजीत सिंह काला
25 मोहन सिंह राणा
26 जतिदर सिंह तोती विजय राणा के खिलाफ मोहन सिंह राणा को उतारा
सेक्टर-37,38 के वार्ड से भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद पार्षद है। इस बार सूद ने खुद चुनाव न लड़कर अपने यहां से युवा मोर्चा के अध्यक्ष विजय राणा को उम्मीदवार बनाया है, जो कि बाहरी है। कांग्रेस ने भी इस वार्ड से बाहरी उम्मीदवार मोहन सिंह राणा को मैदान में उतारा है जो कि पेशे से वकील है। आप ने बाकी बचे उम्मीदवार किए तय
आम आदमी पार्टी ने भी नामांकन से पहले बाकी बचे उम्मीदवारों की घोषणा की। जबकि आम आदमी पार्टी ने वार्ड नंबर-32 से उम्मीदवार बदल दिया है। दिल्ली सीएम अरविद केजरीवाल ने सह प्रभारी प्रदीप छाबड़ा, संयोजक प्रेम गर्ग और चुनाव प्रचार कमेटी के चेयरमैन चंद्रमुखी शर्मा को भी चुनाव लड़ने के लिए कहा था, लेकिन प्रदीप छाबड़ा और प्रेम गर्ग चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। प्रदीप छाबड़ा अपने स्वास्थ्य और परिवारिक दिक्कतों के कारण चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। आप के उम्मीदवाद
वार्ड नंबर उम्मीदवार
27 भरत अग्रवाल
17 दमन प्रीत बादल
24 हीरा लाल कुंद्रा