मेयर चुनाव में दस वोट फीमेल के, भाजपा ने एक को भी नहीं बनाया कैंडिडेट
कांग्रेस ने तीनों पदों पर महिला उम्मीदवार खड़ी की हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : भाजपा महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा अधिकार देने की बात करती है, लेकिन भाजपा ने मेयर, सीनियर डिप्टी और डिप्टी मेयर के पद पर किसी महिला पार्षद को उम्मीदवार नहीं बनाया है। पिछले साल भी ऐसा ही किया था। जबकि कांग्रेस ने तीनों पदों पर महिला उम्मीदवार खड़ी की हैं। ऐसे में कांग्रेस भाजपा द्वारा कोई महिला उम्मीदवार मैदान में न उतारने का मामला भुनाने जा रही है। कांग्रेस के अनुसार शहर में 50 प्रतिशत मतदाता महिलाएं हैं, लेकिन भाजपा उन्हें कोई तवज्जो नहीं दे रही। भाजपा का दावा : हमारी तो सांसद ही महिला
जबकि भाजपा नेताओं का कहना है कि शहर की सांसद महिला है और कांग्रेस ने कभी भी किसी महिला उम्मीदवार को लोकसभा की टिकट नहीं दी है। 2017 और 2018 में भी भाजपा ने नगर निगम के तीन पदों के लिए कोई महिला उम्मीदवार नहीं उतारी। 27 वोट पड़ने हैं इस बार
नगर निगम के कुल 26 पार्षद हैं और एक सांसद का वोट है। जोकि मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में मतदान करेंगे। 18 जनवरी को चुनाव है। 27 में से 10 वोट महिला प्रतिनिधियों के हैं। सांसद किरण खेर के अलावा, राजबाला मलिक, सुनीता धवन, फरमिला देवी, चंद्रवती शुक्ला, आशा जसवाल, हीरा नेगी भाजपा से, कांग्रेस से गुरबख्श रावत, र¨वदर कौर गुजराल और शीला फूल ¨सह महिला पार्षद हैं। चंद्रवती शुक्ला थीं भाजपा से डिप्टी मेयर की दावेदार
चंद्रवती शुक्ला भाजपा में डिप्टी मेयर पद की दावेदार थीं। जिसके लिए भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन लॉ¨बग कर रहे थे, लेकिन इसके लिए सांसद खेर गुट के नेता तैयार नहीं हुए। ऐसे में अब कंवरजीत राणा को डिप्टी मेयर का उम्मीदवार बनाया गया है। चंद्रवती शुक्ला को डिप्टी मेयर का उम्मीदवार न बनाए जाने पर उनके पति पप्पू शुक्ला नाराज हैं, जोकि भाजपा के सीनियर नेता हैं। भाजपा के मेयर पद के चार दावेदारों में फरमिला देवी महिला पार्षद थीं, लेकिन वे भी उम्मीदवार न बनाए जाने पर हाईकमान से नाराज हैं।
आने वाले चुनाव में जवाब देगी आधी आबादी : छाबड़ा
कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि भाजपा सिर्फ दिखावे के लिए महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा अधिकार देने की बात करती है, जबकि हकीकत में वह महिलाओं को आगे नहीं बढ़ने देना चाहती। कांग्रेस पार्टी ने तीनों पदों पर महिला उम्मीदवार मैदान में उतारी हैं। आने वाले लोकसभा चुनाव में महिला मतदाता भाजपा को कांग्रेस के पक्ष में वोट देकर जवाब देंगी। हमारे पास ज्यादा महिलाएं प्रतिनिधि : प्रेम
भाजपा महासचिव प्रेम कौशिक का कहना है कि नगर निगम के पांच साल के कार्यकाल में पहले और चौथे साल महिला पार्षद को ही मेयर बनाया जाता है। भाजपा में कांग्रेस के मुकाबले में ज्यादा महिला कार्यकर्ता और पदाधिकारी हैं। यहां तक कि भाजपा की सांसद भी महिला है। ऐसे में यह कहना गलत है कि महिला को भाजपा तवज्जो नहीं देती है।