IPL में चंडीगढ़ की महिला किक्रेटर्स के चयन से गर्ल्स क्रिकेटर की संख्या बढ़ने की उम्मीद, बड़ी संख्या में लड़कियां ले रही कोचिंग
शहर में गर्ल्स क्रिकेट अकादमी खुलने का सिलसिला शुरू है। यूटीसीए को बीसीसीआइ से मान्यता मिलने के बाद अब बड़ी संख्या में शहर की लड़कियां क्रिकेटर बनने के लिए कोचिंग ले रही हैं। इस समय 300 के करीब लड़कियां क्रिकेट की कोचिंग ले रही हैं।
चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। शहर की तीन महिला किक्रेटर्स के आइपीएल में चुनाव के बाद अब संभावना जताई जा रही है कि शहर में महिला क्रिकेटर्स की संख्या भी बढ़ेगी। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि आइपीएल एक ऐसा मंच है जहां लोकल लेवल के खिलाडियों को मौका मिलता है। जो खिलाड़ी बेहतरीन प्रदर्शन करेगा, उसी को महिला आइपीएल में खेलने का मौका मिलेगा। इस बात को देखते हुए शहर में भी लड़कियों का क्रिकेट के प्रति क्रेज बढ़ेगा। यूटीसीए को बीसीसीआइ से मान्यता मिलने के बाद अब बड़ी संख्या में शहर की लड़कियां क्रिकेटर बनने के लिए कोचिंग ले रही हैं।
स्कूलों में खुली गल्र्ज क्रिकेट अकादमी
जहां एक ओर शहर में गर्ल्स क्रिकेट अकादमी खुलने का सिलसिला शुरू है, वहीं शहर के स्कूलों ने भी लड़कियों को क्रिकेट में आगे आने के लिए एक मंच दिया है। इन स्कूलों में जीएमएसएसएस-26 के एलआइसी क्रिकेट ग्राउंड और जीएमएसएसएस-32, जीएनपीएस-36, देव समाज कॉलेज-45, जीजीएमएसएसएस-20 और डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (लाहौर)-8 में लड़कियों के लिए स्पेशल कोचिंग सेंटर चलाए जा रहे हैं। इन सभी में सेंटर्स में 300 के करीब लड़कियां क्रिकेट की कोचिंग ले रही हैं।
सपनों को सच करने का मिलेगा मौका
प्रोफेशनल क्रिकेटर बनने के लिए शहर से बड़ी संख्या में लड़कियों ने सपने देखे है। लेकिन सपने केवल उन्हीं के सच होंगे जो मेहनत करेगा और खेल में अपना दम दिखाएगा। खिलाड़ी तैयार है, मंच तैयार है, बस इन खिलाडियों की परीक्षा बाकी जहां से अपने उत्कर्ष खेल से सभी को आकर्षित करेंगे। यूटीसीए को बीसीसीआइ से मान्यता मिलने के बाद गल्र्स क्रिकेटर्स के सपनों को भी पंख लग गए हैं
हर आयु वर्ग के लिए तैयार अलग अलग टीम
क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए यूटीसीए ने प्रत्येक आयुवर्ग के लिए अलग-अलग टीम तैयार की है। बीसीसीआई की तरफ से अंडर-16, अंडर-19, अंडर-23 और सीनियर टीम के बीच क्रिकेट के मुकाबले करवाए जाते हैं। ऐसे में यूटीसीए को इन सभी मुकाबलों में हिस्सा लेने के लिए अपनी टीम में 16-16 खिलाडिय़ों की जरूरत है।
मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर देना, बनेगी चुनौती
स्कूलों और शहर में गर्ल्स क्रिकेट अकादमियां तो बन गई है लेकिन इनके सामने चुनौती होगी मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर की। क्रिकेट का ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर जिससे खिलाडिय़ों को हर सुविधा मिले ताकि उनके करियर में कोई भी कमी बाधा न बन सके। इसके लिए स्कूल और अकादमियों को रणनीति बनाने की जरूरत है।