देशप्रेम की असल परिभाषा हमारे शहीद ही दे सकते हैं
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहीद ऊधम सिंह, जिन्होंने 21 वर्ष अपने अंदर बदले की आग को जलाए रखा। उस जनर
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहीद ऊधम सिंह, जिन्होंने 21 वर्ष अपने अंदर बदले की आग को जलाए रखा। उस जनरल डायर को मार गिराया, जिसने जलियांवाला बाग में नरसंहार किया था। देश के इन्हीं शहीदों से देशप्रेम की असल परिभाषा जानी जा सकती है, इसी पर आधारित रहा लाइट एंड साउंड शो गाथा जलियांवाला बाग। जिसका मंचन शनिवार को टैगोर थिएटर-18 में किया गया। जलियांवाला बाग के दर्दनाक घटना के 100 वर्ष पूरे होने पर इसका मंचन किया गया। जिसका लेखन अनूप शर्मा और निर्देशन मुकेश शर्मा ने किया। नाटक जलियांवाला बाग के दृश्य से शुरू होता है, जहां एक जवान 13 अप्रैल को शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचा है। वहां कुछ युवाओं का समूह आता है। जो यहां केवल घूमने के लिए और सेल्फी लेने आया है। जवान उनसे नाराज हो, इस जगह की पवित्रता के बारे में बात करता है। उन्हें इस जगह के इतिहास शहीद ऊधम सिंह, शहीद-ए-आजम भगत सिंह और शहीद करतार सिंह सराभा के देशप्रेम और देश के प्रति उनकी दीवानगी के बारे में बताते हैं। नाटक में करीब 50 कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया। जिसमें समय-समय पर जलियांवाला बाग की लाइव फुटेज भी दिखाई गई। इन्होंने किया अभिनय
नाटक में हीरा सिंह, यशपाल कुमार, ज्योति शर्मा, ज्योति भारद्वाज, विशाल राणा, कमल भारद्वाज, वेदप्रकाश, सार्थक सिंह, अन्नपूर्णा गौतम, मयंक सिंह, गौरव सैनी, प्रिस, संदीप, अमित जोशी, शुभम शर्मा, शैलवी चौहान, शुभरा सिंह, भावना भसीम, सरगम, प्रेम, नीरज, मीनाल, पंकज, दीपक कोचर और अजय गौरव ने अभिनय किया। नाटक में कॉस्ट्यूम डिजाइनिग दीक्षा शर्मा, मेकअप में संजय कुमार, सेट मैनेजमेंट साजन शर्मा, विकास नेगी, अरविद शर्मा और लाइट डिजाइनिग चेतन शर्मा की रही।