'पिछले छह वर्षों से शिक्षा में बढ़ा लड़कियों का अनुपात, स्कूलों में 18 फीसद बढ़ी लड़कियों की संख्या'
शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों का अनुपात छह वर्षों में काफी बढ़ा है। अगर यह बढ़ोतरी जारी रही तो जल्द ही लड़के और लड़कियों का अनुपात बराबर होगा। लड़कियों की शिक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी नई शिक्षा नीति में भी अलग से प्रावधान है।
चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। देश में शिक्षा को लेकर काफी सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं। बात चाहे प्राइमरी शिक्षा की हो या फिर रिसर्च के क्षेत्र की, हर क्षेत्र में शिक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके साथ ही अगर हम शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों के अनुपात की बात करें, तो पिछले छह वर्षों में यह अनुपात काफी बढ़ा है। उसके अलावा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी लड़कियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे लाने का काफी प्रावधान है। अगर हम यह कहें कि लड़के और लड़कियों का अनुपात जल्द बराबर होगा तो यह गलत नहीं होगा। यह बात जी, हेडएचआरडी, डीबीटी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की वैज्ञानिक डॉ. मीनाक्षी मुंशी ने कही। डॉ. मीनाक्षी पीयू में आयोजित वेबिनार में बतौर मुख्य वक्ता जुड़ी थी।
प्राइमरी से लेकर हॉयर एजुकेशन का हुआ था सर्वे
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के अखिल भारतीय सर्वे (एआईएचईएस) के अनुसार देश में प्राइमरी और हॉयर एजुकेशन में लड़कियों की भागेदारी बड़ी संख्या में देखी गई है। सर्वे में स्कूली शिक्षा में 18 फीसद लड़कियों की संख्या में इजाफा पाया गया था।
हॉयर एजुकेशन में लड़कियों की संख्या एक करोड़ से पार
उच्च शिक्षा के नये आंकड़ों में लड़कियों की बढ़ती संख्या अच्छा संकेत है। कुल नामांकन भले ही कम है लेकिन विषयवार देखें तो लड़कियों की संख्या ज्यादा है। तीन करोड़ 74 लाख स्टूडेंट्स में से एक करोड़ 92 लाख लड़के और एक करोड़ 82 लाख लड़कियां हैं।
कला और मानविकी विषय में बढ़ी लड़कियों की संख्या
कला और मानविकी में दाखिला लेने वाले 93.49 लाख छात्रों में से 53 प्रतिशत लड़कियां हैं। वहीं विज्ञान विषयों में नामांकित 47.13 लाख छात्रों में 51 प्रतिशत लड़कियां हैं। कॉमर्स ही ऐसा विषय है जिसमें दाखिला लेने वाले 40 लाख छात्रों में से 51 प्रतिशत लड़के हैं। केंद्र सरकार ने शिक्षा में क्षेत्र में लड़कियां आगे आए इसलिए कस्तुरबा गांधी वैद्धिक कन्या स्कूल भी बनाए जा रहे हैं। इनमें यूपी में ज्यादा स्कूल बनाए जा रहे है।
डॉ. मीनाक्षी मुंशी, जी, हेडएचआरडी, डीबीटी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की वैज्ञानिक।
ग्रामीण इलाके भी हो रहे शिक्षित
शिक्षा इस समय न केवल शहरों और वीआइपी एरिया तक सीमित है, बल्कि देश के ग्रामीण इलाके भी शिक्षित हो रहे हैं। गांवों की महिलाएं अपने बच्चों को शिक्षा देने के लिए बेसिक जानकारी हासिल कर रही है। कई राज्यों के गांवों में प्रौण शिक्षा के माध्यम से महिलाओं को शिक्षा देने का कार्य किया जा रहा है। हाल ही में हुए सर्वे में सामने आया है कि देश की 62 फीसद महिलाएं हर प्रकार की शिक्षा ले रही हैं।
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