गली बॉय से पहले कभी नहीं सुने थे रैप सॉन्ग, अमिताभ बच्चन से तारीफ पाना हैरानी भरा : सिद्धार्थ
25 वर्षीय सिद्धांत चतुर्वेदी ने कहा कि सच कहूं तो मुझे तो रैप की दुनिया का एबीसीडी भी नहीं पता था। वो तो जोया अख्तर ने फिल्म का किरदार मुझे ऑफर किया तो मुझे किरदार काफी पसंद आया।
By Edited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 08:43 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 03:04 AM (IST)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पहली फिल्म और उसमें अमिताभ बच्चन से तारीफ पाना, ये कैसा अनुभव रहा। 25 वर्षीय सिद्धांत चतुर्वेदी थोड़ा मुस्कुराए और बोले कि हां, ये मेरे लिए काफी हैरानी भरा है। मैं जानता था कि ये मेरी पहली फिल्म है, मगर ये नहीं पता था कि बॉलीवुड के सबसे बड़े एक्टर मुझे इसके लिए खास रूप से अपने हाथों से लिखा नोट भेजेंगे। सच कहूं तो मुझे तो रैप की दुनिया का एबीसीडी भी नहीं पता था। वो तो जोया अख्तर ने गली बॉय फिल्म का किरदार मुझे ऑफर किया, तो मुझे किरदार काफी पसंद आया। वैसे भी ना करने की कोई बात भी नहीं थी। करीब 20 दिन मैंने रैप सुने, इसी की धुन में रहा। तब जाकर एमसी शेर का किरदार निभा पाया। सिद्धांत सोमवार को अपनी मां मीनल चुतर्वेदी के साथ सेक्टर-17 स्थित एक होटल में पहुंचे।
सीए का फाइनल एग्जाम छोड़कर एक्टर बना हूं
सिद्धांत ने कहा कि उनके दिमाग में पहले से ही एक्टर बनने का ख्वाब था। घर मुंबई में रहा, तो ऐसे में ये ख्वाब और भी बड़ा हो गया। रंगमंच ने मुझे एक अभिनेता के रूप में बेसिक सिखाए। मेरे पिता चार्टेड अकाउंटेंट हैं, ऐसे में मैंने भी इस प्रोफेशन को अपनाना चाहा। मैं सीए के फाइनल एग्जाम देने वाला था कि तभी लगा कि ये लाइन मेरी नहीं है। मैंने फिल्म की और रुख करना चाहा। घरवालों ने मेरा इसमें काफी साथ दिया। मैंने करीब चार वर्ष संघर्ष किया। वेब सीरीज में काम किया, तो उसके बाद फिल्मी दुनिया में मुझे लोग जानने लगे।
गोविंदा का फैन हूं, ऐसे में हीरो ही बनूंगा
हिंदी फिल्मों में कई एक्सपेरिमेंट देखने को मिल रहे हैं। इसमें कहानियों से लेकर किरदार में कई चीजें देखने को मिलती हैं। क्या आप भी चरित्र किरदार निभाना पसंद करेंगे? पर सिद्धांत ने कहा कि मैं बचपन से ही गोविंदा की फिल्म देखकर बड़ा हुआ हूं। उनका हार्डकोर फैन हूं। हां, फिल्मी दुनिया में आने से पहले वर्ल्ड सिनेमा जरूर देखा था, मगर सच कहूं तो भारत में हर तरह के दर्शक हैं। ऐसे में मैं हर तरह के किरदार निभाना चाहूंगा और साथ ही हीरो का ही किरदार मुझे पसंद है।
मां के कपड़े खुद धोए
सिद्धांत एक मिशन के तहत लड़कों को भी घर के काम में मां और बहन की मदद करने को प्रेरित करने शहर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मां ने मुझे बचपन से ही घर का काम करने के लिए प्रेरित किया। आज जो उन्होंने ड्रेस पहनी है, ये मैंने खुद धोई। मैं चाहता हूं कि हम लड़के भी घर के काम में अपनी मां और बहन की मदद करें, ताकि वो भी आगे बढ़ सकें।
सीए का फाइनल एग्जाम छोड़कर एक्टर बना हूं
सिद्धांत ने कहा कि उनके दिमाग में पहले से ही एक्टर बनने का ख्वाब था। घर मुंबई में रहा, तो ऐसे में ये ख्वाब और भी बड़ा हो गया। रंगमंच ने मुझे एक अभिनेता के रूप में बेसिक सिखाए। मेरे पिता चार्टेड अकाउंटेंट हैं, ऐसे में मैंने भी इस प्रोफेशन को अपनाना चाहा। मैं सीए के फाइनल एग्जाम देने वाला था कि तभी लगा कि ये लाइन मेरी नहीं है। मैंने फिल्म की और रुख करना चाहा। घरवालों ने मेरा इसमें काफी साथ दिया। मैंने करीब चार वर्ष संघर्ष किया। वेब सीरीज में काम किया, तो उसके बाद फिल्मी दुनिया में मुझे लोग जानने लगे।
गोविंदा का फैन हूं, ऐसे में हीरो ही बनूंगा
हिंदी फिल्मों में कई एक्सपेरिमेंट देखने को मिल रहे हैं। इसमें कहानियों से लेकर किरदार में कई चीजें देखने को मिलती हैं। क्या आप भी चरित्र किरदार निभाना पसंद करेंगे? पर सिद्धांत ने कहा कि मैं बचपन से ही गोविंदा की फिल्म देखकर बड़ा हुआ हूं। उनका हार्डकोर फैन हूं। हां, फिल्मी दुनिया में आने से पहले वर्ल्ड सिनेमा जरूर देखा था, मगर सच कहूं तो भारत में हर तरह के दर्शक हैं। ऐसे में मैं हर तरह के किरदार निभाना चाहूंगा और साथ ही हीरो का ही किरदार मुझे पसंद है।
मां के कपड़े खुद धोए
सिद्धांत एक मिशन के तहत लड़कों को भी घर के काम में मां और बहन की मदद करने को प्रेरित करने शहर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मां ने मुझे बचपन से ही घर का काम करने के लिए प्रेरित किया। आज जो उन्होंने ड्रेस पहनी है, ये मैंने खुद धोई। मैं चाहता हूं कि हम लड़के भी घर के काम में अपनी मां और बहन की मदद करें, ताकि वो भी आगे बढ़ सकें।
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