अंडर-19 क्रिकेटर्स के प्रदर्शन के पीछे स्पोर्ट स्टाफ की मेहनत प्रशंसनीय
कूच बिहार ट्रॉफी टूर्नामेंट में चंडीगढ़ ने धमाकेदार प्रदर्शन के चलते क्वार्टर फाइल में जगह बना ली है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : कूच बिहार ट्रॉफी टूर्नामेंट में चंडीगढ़ ने धमाकेदार प्रदर्शन के चलते क्वार्टर फाइल में जगह बना ली है। अपने पहले ही सीजन में चंडीगढ़ की अंडर-19 टीम के लिए यह एक बड़ी सफलता है। इसका श्रेय खिलाडि़यों की मेहनत के साथ साथ पिछले चार महीनों से टीम को एक सूत्र में बांधकर खड़ा करने के लिए स्पोर्ट स्टाफ को भी जाता है। टीम के कोच की भूमिका अहम
टीम के कोच रविकांत शर्मा जोकि वर्ष 2008 से इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) लेवल-थ्री और 2018 से बीसीसीआइ लेवल-ए के कोच हैं, अगस्त 2019 में यूटी क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता मिलने के बाद से शहर की क्रिकेट प्रतिभाओं को तराश रहे हैं। शर्मा ने क्रिकेट का दामन वर्ष 1984 से थामा था। अपने इंग्लैंड प्रवास के दौरान शर्मा ने 2006 से 2008 तक नॉर्थहंबरलैंड क्रिकेट बोर्ड की लड़कियों की अंडर-17 और लड़कों की अंडर-16 के लिए सिलेक्टर और कोच की भूमिका निभाई थी। इंटरनेशनल एक्सपोजर के धनी शर्मा इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर माईक गैटिग के देशव्यापी प्रोगाम 'चांस टू शाइन' का भी हिस्सा रह चुके हैं और अपने इन्हीं अनुभवों को यूटीसीए में भी ढालने का प्रयास करते हैं। यूटीसीए की वचनबद्धता के साथ-साथ शर्मा, फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआइ) की ऑल इंडिया टीम के भी प्रमुख कोच हैं और उनके ट्रेनी की सूची में पारस डोगरा, रिशी धवन, मयंक सिदाना, मयंक डागर आदि नाम जुड़े हैं। किसी भी टीम को टक्कर दे सकती चंडीगढ़ की टीम
पूरी टीम की फिटनेस का जिम्मा लिए युवा फिजियो डॉ. आशीष कुमार अवस्थी मानते हैं कि टीम चंडीगढ़ अपने फिटनेस लेवल के चलते किसी भी बड़ी टीम को टक्कर देने का दम रखती है। 2015 तक रेसलिग फेडरेशन ऑफ इंडिया को अपनी सेवाएं दे चुके डॉ. अवस्थी कई स्पोर्ट्स इवेंट्स के लिए देश विदेश जा चुके हैं। जिसमें उनका कुश्ती के लिए उनका लॉस वेगास का दौरा भी शामिल है। बीसीसीआइ ने उन्हें 2018-2019 सीजन के लिए टीम उत्तराखंड के लिए फिजियोथैरेपिस्ट नियुक्त किया और इस सत्र से वे यूटीसीए को सेवाएं दे रहे हैं।