सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स बढ़े, टीचराें की कमी से बच्चों की पढ़ाई हाे रही प्रभावित Chandigarh News
शहर की सरकारी स्कूलों में टीचर्स की कमी किसी से छिपी नहीं है। हर सत्र में सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या भी बढ़ रही है।
चंडीगढ़, जेएनएन। शहर के सरकारी स्कूलों में टीचर्स की कमी किसी से छिपी नहीं है। हर सत्र में सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या भी बढ़ रही है। टीचर्स की कमी होने की वजह से इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है।
पिछले सत्र में करीब 3000 स्टूडेंट्स ने सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया था। स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या तो बढ़ रही है लेकिन टीचर्स की कमी चिंता का विषय है। इससे स्कूलों में पढ़ाई का स्तर गिर रहा है। वहीं, शिक्षकों के खाली पद भरने में शिक्षा विभाग नाकाम साबित हो रहा है।
बड़े पैमाने पर हुई है टीचर्स की भर्ती
शिक्षा विभाग ने 2019 से अब तक बड़े पैमाने पर नए टीचर्स की भर्ती की है। विभाग द्वारा करीब 600 से ज्यादा जेबीटी, 150 के लगभग टीजीटी और 131 एनटीटी की भर्ती निकाली थी। जिसके तहत इन चयनीत टीचर्स की नियुक्तियां शहर के विभिन्न सरकारी स्कूलों में की गई थी। इतनी बड़ी संख्या में टीचर्स की भर्ती करने के बाद भी स्कूलों में करीब 250 से ज्यादा टीचर्स की कमी अभी भी है।
प्राइवेट स्कूलों में दाखिला न मिलने से सरकारी स्कूलों में बढ़ी बच्चों की संख्या
नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर जिला शिक्षा अधिकारी ऑफिस के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले तीन सत्रों में शहर के सरकारी स्कूलों की तरफ लोगों का रूझान बढ़ा है। प्राइवेट स्कूलों में दाखिला न मिलने के बाद यह पेरेंट्स टॉप सरकारी स्कूलों का रुख कर रहे हैं। पिछले सत्र में ऐसा ही हुआ था, जहां कई प्राइवेट स्कूलों में दाखिला न मिलने की वजह से अभिभावकों ने अपने बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूलों में करवाया।
शहर में खुल रहे हैं नए स्कूल
अगले सत्र में शिक्षा विभाग को चार नए स्कूल मिल रहे हैं। मक्खन माजरा, रायपुरकलां, मलोया और सेक्टर-12 में नए स्कूल शुरू होंगे। उन स्कूलों में भी टीचर्स की जरूरत पड़ेगी। इन सभी स्कूलों में करीब तीन हजार से 3500 स्टूडेंट्स के बैठने का इंतजाम है। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब शिक्षा विभाग के पास पहले से ही टीचर्स की कमी चल रही है तो फिर इन नए स्कूलों के लिए टीचर्स का प्रबंध कहां से होगा। इन नए स्कूलों के लिए एक स्कूल में करीब 20 से 25 शिक्षकों की जरूरत होगी।