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जांच को एक माह बीता लेकिन अफसरों पर नहीं हुई कार्रवाई

एक एसडीओ पर कार्रवाई नहीं हुई जबकि रिपोर्ट आए एक साल हो गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 09:22 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 09:22 PM (IST)
जांच को एक माह बीता लेकिन अफसरों पर नहीं हुई कार्रवाई
जांच को एक माह बीता लेकिन अफसरों पर नहीं हुई कार्रवाई

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : औद्योगिक क्षेत्र में लगे मलबा प्रोसेसिग प्लांट (सीएंडडी वेस्ट प्लांट) की जांच रिपोर्ट के आधार पर तीन एक्सईएन और एक एसडीओ पर कार्रवाई नहीं हुई जबकि रिपोर्ट आए एक साल हो गया। जिस पर कांग्रेस पार्षदों के साथ साथ पूर्व मेयर अरुण सूद ने सवाल उठाया। जबकि कमिश्नर केके यादव ने कहा कि अगले माह होने वाली सदन की बैठक में जांच रिपोर्ट के साथ-साथ क्या कार्रवाई की गई है, उसकी जानकारी सदन में दे दी जाएगी। मालूम हो कि प्लांट की टेंडर शर्तो में बदलाव करने और शहर को मलबा मुक्त बनाने में फेल रहने पर कमिश्नर केके यादव ने दो माह पहले अतिरिक्त कमिश्नर एसके जैन को जांच करने के लिए कहा था। जिसकी जांच रिपेार्ट में इन अधिकारियों को दोषी बताया गया है। कार्यकारी अभियंता अजय गर्ग पर यह भी आरोप है कि उन्होंने प्लांट चलाने वाली कंपनी को सदन की मंजूरी के बिना 15 हजार रुपये किराये पर जमीन दे दी। यह भी आरोप है कि कार्यकारी अभियंता अजय गर्ग ने प्लांट के तीन साल के रखरखाव करनी शर्त को खुद ही बदल कर एक साल कर दिया। यूनिपोल का टेंडर खारिज करने पर उठाया सवाल

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सदन में पूर्व मेयर अरुण सूद ने यूनिपोल के टेंडर की बिड आने और सदन की मंजूरी देने के बावजूद खारिज करने पर सवाल उठाया। जबकि कमिश्नर केके यादव ने कहा कि पिछले माह सदन की मंजूरी लेने के बाद जब टेंडर अलॉट करने की प्रक्रिया की जा रही थी तो उस समय एक आवेदन करने वाली कंपनी के खिलाफ शिकायत आ गई कि वह डिफाल्टर है। जिसके संबंध में साउथ दिल्ली की नगर निगम से पूछा गया और उनका जवाब भी आया कि उस कंपनी के खिलाफ सिविल सूट दाखिल किया गया है। इसी प्रकार पार्षदों ने एक जोन की पेड पार्किग के टेंडर के लिए एक करोड़ रुपये ज्यादा की बिड देने वाली कंपनी को बाहर निकालने पर सवाल उठाया। दो करोड़ 42 लाख रुपये के लगेंगे साइन बोर्ड

सदन ने वी-3, 4 और 5 की सड़क किनारे पर साइन बोर्ड लगाने का प्रस्ताव पास किया। इस पर नगर निगम का दो करोड़ 42 लाख रुपये का खर्चा आएगा। ट्रैफिक पुलिस की मांग पर यह साइन बोर्ड लगाए जा रहे हैं। जबकि पार्षदों ने कहा कि यह काम ट्रैफिक पुलिस को करना चाहिए लेकिन कमिश्नर ने कहा कि सड़कें नगर निगम के अंतर्गत आती हैं, ऐसे में साइन बोर्ड भी लगाने की जिम्मेदारी उनकी ही है। सदन में दीप कांप्लेक्स में जहां पर कमर्शियल पानी के बिल आ रहे थे, उसे डोमेस्टिक कैटेगरी मे करने का भी प्रस्ताव पास किया। जिस पर पार्षद भरत कुमार ने कमिश्नर केके यादव का धन्यवाद भी किया। चारा खिलाने वाले दानियों का रखा जाएगा रिकॉर्ड

सदन ने यह भी निर्णय लिया कि नगर निगम की गोशालाओं में जो दानी लोग चारा खिलाने के लिए आते हैं, उनका अब रिकॉर्ड रखा जाएगा। सीनियर डिप्टी मेयर रविकांत शर्मा ने औद्योगिक क्षेत्र में बनी गोशाला के लिए खरीदे जाने वाले सरकारी चारे पर सवाल उठाया था जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है। सदन ने रायपुर कलां में बनने वाली गोशाला को किसी एनजीओ को देने का भी प्रस्ताव पास किया। वित्त एवं अनुबंध कमेटी के सदस्यों की घोषणा की गई

सदन में सर्वसम्मति से नए बने वित्त एवं अनुबंध कमेटी के सदस्यों की भी घोषणा की गई। मेयर ने विनोद अग्रवाल, चंद्रवती शुक्ला, रविदर कौर गुजराल, दलीप शर्मा और राजेश गुप्ता को अनुबंध कमेटी का सदस्य घोषित किया। इसके साथ ही पार्षदों ने रोड, वाटर सप्लाई और हाउस टैक्स कमेटी करने का अधिकार मेयर राजबाला मलिक को देने का प्रस्ताव पास किया गया। दो एकड़ पार्किग की जगह, सात लाख रुपये रिजर्व प्राइस

सदन ने मनीमाजरा में राणा हवेली के पास बनी दो एकड़ जगह में बनी पार्किग को पेड करते हुए अलॉट करने का फैसला लिया है। सदन ने इसका रिजर्व प्राइस सात लाख रुपये तय किया है। यह पार्किग जिला परिषद की ओर से गांव ट्रांसफर होने के बाद नगर निगम में आई है।


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